क्या आप कलयुग के ऊपर दृष्टि डालते हुऐ कोई चित्र साझा कर सकते हैं? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबपूरा एक बार जरूर पढ़ेंएक हसीन लडकीराजा के दरबार मेंडांस कर रही थी...( राजा बहुत बदसुरत था )लडकी ने राजा से एकसवाल की इजाजत मांगी.राजा ने कहा ," चलो पुछो .".लडकी ने कहा ,"जब हुस्न बंट रहा थातब आप कहां थे..??.राजा ने गुस्सा नही कियाबल्किमुस्कुराते हुवे कहा~ जब तुम हुस्न कीलाइन् में खडीहुस्न ले रही थी , ~.~ तो मेंकिस्मत की लाइन में खडाकिस्मत ले रहा था.और आजतुझ जैसीे हुस्न वालीयांमेरी गुलाम की तरहनाच रही है............इसलीय शायर खुब कहते है,." हुस्न ना मांगनसीब मांग ए दोस्त ,हुस्न वाले तोअक्सर नसीब वालों केगुलाम हुआ करते है..." जो भाग्य में है ,वह भाग कर आएगा,जो नहीं है ,वह आकर भीभाग जाएगा....!!!!!."यहाँ सब कुछ बिकता है ,दोस्तों रहना जरा संभाल के,बेचने वाले हवा भी बेच देते है,गुब्बारों में डाल के,सच बिकता है ,झूट बिकता है,बिकती है हर कहानी,तीनों लोक में फेला है ,फिर भी बिकता हैबोतल में पानी ,कभी फूलों की तरह मत जीना,जिस दिन खिलोगे ,टूट कर बिखर्र जाओगे ,जीना है तोपत्थर की तरह जियो ;जिस दिन तराशे गए ," भगवान " बन जाओगे...!!!!बंद कर दिया सांपों को सपेरे ने यह कहकर,अब इंसान ही इंसान को डसने के काम आएगा।आत्महत्या कर ली गिरगिट ने सुसाइड नोट छोडकर,अब इंसान से ज्यादा मैं रंग नहीं बदल सकता!गिद्ध भी कहीं चले गए, लगता है उन्होंने देख लिया,कि इंसान हमसे अच्छा नोंचता है!कुत्ते कोमा में चले गए, ये देखकर,क्या मस्त तलवे चाटता है इंसान!कोई टोपी, तो कोई अपनी पगड़ी बेच देता है,मिले अगर भाव अच्छा, जज भी कुर्सी बेच देता है!जला दी जाती है ससुराल में अक्सर वही बेटी,जिसकी खातिर बाप किडनी बेच देता है!ये कलयुग है, कोई भी चीज़ नामुमकिन नहीं इसमें,कली, फल, फूल, पेड़, पौधे सब माली बेच देता है!धन से बेशक गरीब रहो, पर दिल से रहना धनवान,अक्सर झोपड़ी पे लिखा होता है: "सुस्वागतम"और महल वाले लिखते हैं:"कुत्तों सॆ सावधान"
क्या आप कलयुग के ऊपर दृष्टि डालते हुऐ कोई चित्र साझा कर सकते हैं?
पूरा एक बार जरूर पढ़ें
एक हसीन लडकी
राजा के दरबार में
डांस कर रही थी...
( राजा बहुत बदसुरत था )
लडकी ने राजा से एक
सवाल की इजाजत मांगी
.
राजा ने कहा ,
" चलो पुछो ."
.
लडकी ने कहा ,
"जब हुस्न बंट रहा था
तब आप कहां थे..??
.
राजा ने गुस्सा नही किया
बल्कि
मुस्कुराते हुवे कहा
~ जब तुम हुस्न की
लाइन् में खडी
हुस्न ले रही थी , ~
.
~ तो में
किस्मत की लाइन में खडा
किस्मत ले रहा था
.
और आज
तुझ जैसीे हुस्न वालीयां
मेरी गुलाम की तरह
नाच रही है...........
.
इसलीय शायर खुब कहते है,
.
" हुस्न ना मांग
नसीब मांग ए दोस्त ,
हुस्न वाले तो
अक्सर नसीब वालों के
गुलाम हुआ करते है...
" जो भाग्य में है ,
वह भाग कर आएगा,
जो नहीं है ,
वह आकर भी
भाग जाएगा....!!!!!."
यहाँ सब कुछ बिकता है ,
दोस्तों रहना जरा संभाल के,
बेचने वाले हवा भी बेच देते है,
गुब्बारों में डाल के,
सच बिकता है ,
झूट बिकता है,
बिकती है हर कहानी,
तीनों लोक में फेला है ,
फिर भी बिकता है
बोतल में पानी ,
कभी फूलों की तरह मत जीना,
जिस दिन खिलोगे ,
टूट कर बिखर्र जाओगे ,
जीना है तो
पत्थर की तरह जियो ;
जिस दिन तराशे गए ,
" भगवान " बन जाओगे...!!!!
बंद कर दिया सांपों को सपेरे ने यह कहकर,
अब इंसान ही इंसान को डसने के काम आएगा।
आत्महत्या कर ली गिरगिट ने सुसाइड नोट छोडकर,
अब इंसान से ज्यादा मैं रंग नहीं बदल सकता!
गिद्ध भी कहीं चले गए, लगता है उन्होंने देख लिया,
कि इंसान हमसे अच्छा नोंचता है!
कुत्ते कोमा में चले गए, ये देखकर,
क्या मस्त तलवे चाटता है इंसान!
कोई टोपी, तो कोई अपनी पगड़ी बेच देता है,
मिले अगर भाव अच्छा, जज भी कुर्सी बेच देता है!
जला दी जाती है ससुराल में अक्सर वही बेटी,
जिसकी खातिर बाप किडनी बेच देता है!
ये कलयुग है, कोई भी चीज़ नामुमकिन नहीं इसमें,
कली, फल, फूल, पेड़, पौधे सब माली बेच देता है!
धन से बेशक गरीब रहो, पर दिल से रहना धनवान,
अक्सर झोपड़ी पे लिखा होता है: "सुस्वागतम"
और महल वाले लिखते हैं:
"कुत्तों सॆ सावधान"
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