**ओम सूर्यदेवाय नमः****जय श्री राधे कृष्णा जी****शुभ रविवार ,सुप्रभातम**By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब. *आज का विचार **हम जहां प्रार्थना करते है, केवल वहीं ईश्वर नही होता। ईश्वर वहां भी होता है जहां हम गुनाह करते है।।**मंदिर में ईश्वर के सामने जाते है। तो अपने आपको साफ सुथरा बना कर जाते है।।**क्योंकि हम ये सोचते है कि ईश्वर सिर्फ यहीं है।**जब हम किसी के साथ दुर्व्यवहार करते है।। अपशब्द बोलते है तब ये भूल जाते है। कि ईश्वर यहां भी है।।**मतलब हम सिर्फ अपनी सुविधा के तरीके से ये मानते है। कि यहां ईश्वर है,औऱ यहां नही है, असल में तो ईश्वर ना यहां है , ना वहां है**ईश्वर आपके ह्रदय में है। आपकी वाणी में है**ईश्वर कहा तक जा सकता है।। कहा हो सकता है।**जहां तक आपके विचार जाते है।। वहां तक ईश्वर है।**आज से जब भी आप के मन मे कोई दुर्भावना, क्रोध उत्पन्न हो तो ये जरूर याद कर लेना की ईश्वर यहां भी है।।*. *निर्णय आपका**स्वयं विचार करे*: *यात्रा बहुत छोटी है*एक बुजुर्ग महिला बस में यात्रा कर रही थी। अगले पड़ाव पर, एक मजबूत, क्रोधी युवती चढ़ गई और बूढ़ी औरत के बगल में बैठ गई। उस क्रोधी युवती ने अपने बैग से कई बार चोट पहुंचाई।जब उसने देखा कि बुजुर्ग महिला चुप है, तो आखिरकार युवती ने उससे पूछा कि जब उसने उसे अपने बैग से मारा तो उसने शिकायत क्यों नहीं की?बुज़ुर्ग महिला ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया: "इतनी तुच्छ बात पर चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि आपके बगल में मेरी यात्रा बहुत छोटी है, मैं अगले पड़ाव पर उतरने जा रही हूं।"यह उत्तर सोने के अक्षरों में लिखे जाने के योग्य है: "इतनी तुच्छ बात पर चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हमारी यात्रा एक-साथ बहुत छोटी है।"*हम में से प्रत्येक को यह समझना चाहिए कि इस दुनिया में हमारा समय इतना कम है कि इसे बेकार तर्कों, ईर्ष्या, दूसरों को क्षमा न करना, असंतोष रखना और बुरा व्यवहार दर्शाना आदि में खर्च करना, ऊर्जा की हास्यास्पद बर्बादी है।**क्या किसी ने आपका दिल तोड़ा?*शांत रहें।**यात्रा बहुत छोटी है।**क्या किसी ने आपको धोखा दिया,धमकाया, धोखा दिया या अपमानित किया? आराम करें - तनावग्रस्त न हों**यात्रा बहुत छोटी है।*क्या किसी ने बिना वजह आपका अपमान किया? शांत रहें। इसे नजरअंदाज करो।यात्रा बहुत छोटी है।क्या किसी पड़ोसी ने ऐसी टिप्पणी की जो आपको पसंद नहीं आई? शांत रहें। उसकी ओर ध्यान मत दो। उसे माफ कर दो।यात्रा बहुत छोटी है।किसी ने हमें जो भी समस्या दी है, याद रखें कि हमारी यात्रा उसके साथ बहुत छोटी है।हमारी यात्रा की लंबाई कोई नहीं जानता। कोई नहीं जानता कि वह अपने पड़ाव पर कब पहुंचेगा।हमारी एक-साथ यात्रा बहुत छोटी है।*आइए हम दोस्तों और परिवार की सराहना करें।**आइए हम आदरणीय, दयालु और क्षमाशील बनें।**क्योंकि आखिरकार हम कृतज्ञता और आनंद से भर जाएंगे after all**हमारी एक-साथ यात्रा बहुत छोटी है।**अपनी मुस्कान सबके साथ बाँटिये ना....**हमारी यात्रा बहुत छोटी है!*बाल वनिता महिला आश्रम*जिन्दगी दो पल की*❣*"खुश रहिये मुस्कुराते रहिये...✍️*

**ओम सूर्यदेवाय नमः**
**जय श्री राधे कृष्णा जी**
**शुभ रविवार ,सुप्रभातम**

. *आज का विचार *

*हम जहां प्रार्थना करते है, केवल वहीं ईश्वर नही होता। ईश्वर वहां भी होता है जहां हम गुनाह करते है।।*

*मंदिर में ईश्वर के सामने जाते है। तो अपने आपको साफ सुथरा बना कर जाते है।।*
*क्योंकि हम ये सोचते है कि ईश्वर सिर्फ यहीं है।*

*जब हम किसी के साथ दुर्व्यवहार करते है।। अपशब्द बोलते है तब ये भूल जाते है। कि ईश्वर यहां भी है।।*

*मतलब हम सिर्फ अपनी सुविधा के तरीके से ये मानते है। कि यहां ईश्वर है,औऱ यहां नही है, असल में तो ईश्वर ना यहां है , ना वहां है*
*ईश्वर आपके ह्रदय में है। आपकी वाणी में है*

*ईश्वर कहा तक जा सकता है।। कहा हो सकता है।*
*जहां तक आपके विचार जाते है।। वहां तक ईश्वर है।*

*आज से जब भी आप के मन मे कोई दुर्भावना, क्रोध उत्पन्न हो तो ये जरूर याद कर लेना की ईश्वर यहां भी है।।*

. *निर्णय आपका*
*स्वयं विचार करे*

: *यात्रा बहुत छोटी है*

एक बुजुर्ग महिला बस में यात्रा कर रही थी। अगले पड़ाव पर, एक मजबूत, क्रोधी युवती चढ़ गई और बूढ़ी औरत के बगल में बैठ गई। उस क्रोधी युवती ने अपने बैग से कई बार चोट पहुंचाई।

जब उसने देखा कि बुजुर्ग महिला चुप है, तो आखिरकार युवती ने उससे पूछा कि जब उसने उसे अपने बैग से मारा तो उसने शिकायत क्यों नहीं की?

बुज़ुर्ग महिला ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया: "इतनी तुच्छ बात पर चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि आपके बगल में मेरी यात्रा बहुत छोटी है, मैं अगले पड़ाव पर उतरने जा रही हूं।"

यह उत्तर सोने के अक्षरों में लिखे जाने के योग्य है: "इतनी तुच्छ बात पर चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हमारी यात्रा एक-साथ बहुत छोटी है।"
*हम में से प्रत्येक को यह समझना चाहिए कि इस दुनिया में हमारा समय इतना कम है कि इसे बेकार तर्कों, ईर्ष्या, दूसरों को क्षमा न करना, असंतोष रखना और बुरा व्यवहार दर्शाना आदि में खर्च करना, ऊर्जा की हास्यास्पद बर्बादी है।*

*क्या किसी ने आपका दिल तोड़ा?*शांत रहें।*
*यात्रा बहुत छोटी है।*

*क्या किसी ने आपको धोखा दिया,धमकाया, धोखा दिया या अपमानित किया? आराम करें - तनावग्रस्त न हों*
*यात्रा बहुत छोटी है।*

क्या किसी ने बिना वजह आपका अपमान किया? शांत रहें। इसे नजरअंदाज करो।
यात्रा बहुत छोटी है।

क्या किसी पड़ोसी ने ऐसी टिप्पणी की जो आपको पसंद नहीं आई? शांत रहें। उसकी ओर ध्यान मत दो। उसे माफ कर दो।
यात्रा बहुत छोटी है।

किसी ने हमें जो भी समस्या दी है, याद रखें कि हमारी यात्रा उसके साथ बहुत छोटी है।

हमारी यात्रा की लंबाई कोई नहीं जानता। कोई नहीं जानता कि वह अपने पड़ाव पर कब पहुंचेगा।
हमारी एक-साथ यात्रा बहुत छोटी है।

*आइए हम दोस्तों और परिवार की सराहना करें।*
*आइए हम आदरणीय, दयालु और क्षमाशील बनें।*

*क्योंकि आखिरकार हम कृतज्ञता और आनंद से भर जाएंगे after all*
*हमारी एक-साथ यात्रा बहुत छोटी है।*

*अपनी मुस्कान सबके साथ बाँटिये ना....*
*हमारी यात्रा बहुत छोटी है!*

*जिन्दगी दो पल की*❣
*"खुश रहिये मुस्कुराते रहिये...✍️*

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