ऐसा क्या है जो लता मंगेशकर जी की आवाज को खास बनाता था ?बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाब बचपन से संगीत प्रेमी 😍हम सबने बचपन मे एक अफवाह ज़रूर सुनी होगी कि लता मंगेशकर के गले का 2 करोड़ जैसी किसी बड़ी रकम का बीमा कराया गया है या ये कि लता जी के निधन के बाद उनके गले को खोलकर देखेंगे कि इतना सुरीला कैसे है कि वो इतने लंबे समय तक बाकी गायक-गायिकाओं से इतने आगे रही।😀इस पर सहज ही विश्वास हो जाता था, हम जैसे बच्चे तो ठीक बड़े भी इस पर विश्वास कर लेते थे। ये इस बात पर विश्वास नही था बल्कि उस गले पर था और उस वाणी पर था।किसी भी गाने में लता मंगेशकर की आवाज़ आसानी से पहचानी जा सकती थी।कहा जाता है कि दिन में कुछ समय के लिए माँ सरस्वती हमारे कंठ में आती हैं इसलिए सोच-समझ कर बोलना चाहिए। उन्ही माँ का स्थायी निवास लता जी के कंठ में था,शायद ये भी सत्य ही है।92 साल की शानदार ज़िंदगी के बाद उनका स्वर्गवास हुआ है, प्रभु उनको अपने चरणों मे स्थान दे। 🙏

हम सबने बचपन मे एक अफवाह ज़रूर सुनी होगी कि लता मंगेशकर के गले का 2 करोड़ जैसी किसी बड़ी रकम का बीमा कराया गया है या ये कि लता जी के निधन के बाद उनके गले को खोलकर देखेंगे कि इतना सुरीला कैसे है कि वो इतने लंबे समय तक बाकी गायक-गायिकाओं से इतने आगे रही।😀

इस पर सहज ही विश्वास हो जाता था, हम जैसे बच्चे तो ठीक बड़े भी इस पर विश्वास कर लेते थे। ये इस बात पर विश्वास नही था बल्कि उस गले पर था और उस वाणी पर था।

किसी भी गाने में लता मंगेशकर की आवाज़ आसानी से पहचानी जा सकती थी।

कहा जाता है कि दिन में कुछ समय के लिए माँ सरस्वती हमारे कंठ में आती हैं इसलिए सोच-समझ कर बोलना चाहिए। उन्ही माँ का स्थायी निवास लता जी के कंठ में था,शायद ये भी सत्य ही है।


92 साल की शानदार ज़िंदगी के बाद उनका स्वर्गवास हुआ है, प्रभु उनको अपने चरणों मे स्थान दे। 🙏


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