#संगरिया बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाब द्वारा संगरिया राजस्थानसंगरिया के वार्ड 4 में स्थापित माता भद्रकाली एवं महाकाली माता का मंदिर अपने आप में अनूठा और सबसे ऊंचा है। खास बात यह है कि इसकी ऊंचाई 275 फीट है। दावा किया जा रहा है कि देश में मां के सभी मंदिरों से इसकी ऊंचाई सबसे ज्यादा है। इसी तरह का काली मां का एक मंदिर बिहार के अररिया जिले में है, जिसकी ऊंचाई 152 फीट है। संगरिया के 21 मंजिला इस मंदिर की इमारत के आखिर में गुंबद है। करीब 24 साल से इस मंदिर का निर्माण चल रहा है। बड़ी बात ये है कि इसके निर्माण के लिए अभी तक किसी से कोई सहयोग नही मांगा गया, भक्तों ने अपनी इच्छा अनुसार निर्माण सामग्री का योगदान दिया है। मंदिर निर्माण कर्ता संस्थापक एवं संचालनकर्ता श्री परमपूज्य तपस्वी राज श्री श्री 1008 बाबा सेवादास महाराज के शिष्य श्री श्री 108 मौनी बाबा शीतलदास महाराज उदासीन निर्वाण श्री पंचायती अखाड़ा बताते हैं कि मंदिर में माता भद्रकाली और माता महाकाली की प्रतिमाएं हैं। इसके अलावा श्री काल भैरव सिद्पीठ का प्राचीन मंदिर, श्री श्री 1008 बाबा सेवादास महाराज उदासीन निर्वाण श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा ब्रह्मालीन का भव्य गुरु मंदिर (समाधि) भी स्थापित है। मंदिर में कृष्ण-राधा, शिव पार्वती, हनुमान जी के साथ प्रत्येक देवी-देवता और सभी ऋषि मुनियों की प्रतिमाएं स्थापित हैं। ऐसे हुई शुरूआत...1995 में हुई शुरुआत, अब तक चल रहा सुधार का काम: माता भद्रकाली महाकाली माता के मंदिर के निर्माण कार्य की शुरुआत 24 जनवरी 1995 में हुई। दिनांक 22 मार्च 2012 को श्री महाकाली माता की मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा की गई। इसमें श्री काल भैरवनाथ भगवान के मंदिर की नींव 7 अप्रैल 1992 को रखी गई। उसके बाद करीब 9 वर्ष तक निर्माण कार्य चला। 9 नवंबर 2000 में प्राण-प्रतिष्ठा हुई। मौनी बाबा शीतलदास महाराज ने बताया कि मन में हमेशा इच्छा थी कि संगरिया में श्री भद्रकाली-महाकाली माता का भव्य मंदिर बने। इसी पर काम शुरू किया तो सब साथ जुड़ते गए। 24 साल से मंदिर में काम जारी है। किसी से भी कोई राशि नहीं ली गई। सब काम लोगों ने इच्छानुसार कराए हैं।

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बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाब द्वारा संगरिया राजस्थान
संगरिया के वार्ड 4 में स्थापित माता भद्रकाली एवं महाकाली माता का मंदिर अपने आप में अनूठा और सबसे ऊंचा है। खास बात यह है कि इसकी ऊंचाई 275 फीट है। दावा किया जा रहा है कि देश में मां के सभी मंदिरों से इसकी ऊंचाई सबसे ज्यादा है। इसी तरह का काली मां का एक मंदिर बिहार के अररिया जिले में है, जिसकी ऊंचाई 152 फीट है। संगरिया के 21 मंजिला इस मंदिर की इमारत के आखिर में गुंबद है। करीब 24 साल से इस मंदिर का निर्माण चल रहा है। बड़ी बात ये है कि इसके निर्माण के लिए अभी तक किसी से कोई सहयोग नही मांगा गया, भक्तों ने अपनी इच्छा अनुसार निर्माण सामग्री का योगदान दिया है। 

मंदिर निर्माण कर्ता संस्थापक एवं संचालनकर्ता श्री परमपूज्य तपस्वी राज श्री श्री 1008 बाबा सेवादास महाराज के शिष्य श्री श्री 108 मौनी बाबा शीतलदास महाराज उदासीन निर्वाण श्री पंचायती अखाड़ा बताते हैं कि मंदिर में माता भद्रकाली और माता महाकाली की प्रतिमाएं हैं। इसके अलावा श्री काल भैरव सिद्पीठ का प्राचीन मंदिर, श्री श्री 1008 बाबा सेवादास महाराज उदासीन निर्वाण श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा ब्रह्मालीन का भव्य गुरु मंदिर (समाधि) भी स्थापित है। मंदिर में कृष्ण-राधा, शिव पार्वती, हनुमान जी के साथ प्रत्येक देवी-देवता और सभी ऋषि मुनियों की प्रतिमाएं स्थापित हैं। 

ऐसे हुई शुरूआत...1995 में हुई शुरुआत, अब तक चल रहा सुधार का काम: माता भद्रकाली महाकाली माता के मंदिर के निर्माण कार्य की शुरुआत 24 जनवरी 1995 में हुई। दिनांक 22 मार्च 2012 को श्री महाकाली माता की मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा की गई। इसमें श्री काल भैरवनाथ भगवान के मंदिर की नींव 7 अप्रैल 1992 को रखी गई। उसके बाद करीब 9 वर्ष तक निर्माण कार्य चला। 9 नवंबर 2000 में प्राण-प्रतिष्ठा हुई। 

मौनी बाबा शीतलदास महाराज ने बताया कि मन में हमेशा इच्छा थी कि संगरिया में श्री भद्रकाली-महाकाली माता का भव्य मंदिर बने। इसी पर काम शुरू किया तो सब साथ जुड़ते गए। 24 साल से मंदिर में काम जारी है। किसी से भी कोई राशि नहीं ली गई। सब काम लोगों ने इच्छानुसार कराए हैं।

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