कलयुग का सबसे शक्तिशाली मंत्र By बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम कलयुग का सबसे शक्तिशाली मंत्र अक्सर हमारे मन में सवाल आता है कि कलयुग का सबसे शक्तिशाली मंत्र कौन सा है तो इसका जवाब बहुत ही सरल है । दरअसल पुराणों में एक कथा है जिसमे ब्रह्मा जी बताते हैं कि कलयुग में 16 अक्षरों वाला हरे हरे राम महामंत्र ही सबसे शक्तिशाली मंत्र है । यह कथा कलिसंतरण उपनिषद में आती है जिसमे नारद जी ब्रह्मा जी से पूछते हैं कि कलयुग में जीवों का उद्धार कैसे होगा । नारद जी कलयुग के दोषों को देखकर सोचते हैं कि इस युग में जीव ना तो यज्ञ करता है ना ही तपस्या फिर ऐसे में इसका उद्धार भला कैसे होगा । शिव विवाह की कथा, शंकर जी की बारात में कौन कौन आया ब्रह्मा जी कहते हैं कि कलयुग में भगवान का नाम उच्चारण करने से ही व्यक्ति के सारे दोष दूर हो जायेंगे । फिर नारद जी पूछते हैं कि वो कौन सा नाम है । ब्रह्मा जी कहते हैं कि यह 16 अक्षरों वाला हरे राम महामंत्र ही कलयुग का सबसे शक्तिशाली मंत्र है । बगेश्वर धाम दिव्य दरबार में पत्रकार लेने आए परीक्षा इसी तरह की धार्मिक कथाएं और खबरें पड़ने के लिए आगे क्लिक करके हमारा व्हाट्सप्प ग्रुप ज्वाइन करें – बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम 🔥 नारद जी ने पूछा कि इसके जपने की क्या विधि है । ब्रह्मा जी ने कहा कि इसके जपने की कोई ख़ास विधि नहीं है वल्कि इसे कभी भी जपा जा सकता है । नहाते धोते, चलते फिरते या फिर उठते बैठते कभी भी यह कलयुग का सबसे शक्तिशाली मंत्र जपा जा सकता है । इस मंत्र को जपने की कोई विधि नहीं है और जैसे ही कोई व्यक्ति इस मंत्र को ३५०००००० बार जप लेता है तो उसके ब्रह्महत्या जैसे पापों का भी नाश हो जाता है । यह भी पड़ें – धीरेंद्र शास्त्री महाराज का बचपन कैसा था यहाँ तक की कर्तव्यों का त्याग करने वाला व्यक्ति भी इस मंत्र के जाप से पाप रहित हो जाता है । चोरी करने वाला, झूठ बोलने वाला, मदिरा पीने वाला भी इस मंत्र के जाप से परम पवित्र हो जाता है । यहाँ तक कि वाल्मीकि जी जिन्होंने ऋषियों के बालों से बैल गाड़ी भर दी थी । बाल्मीकि जी का नाम उस समय रत्नाकर था और उन्होंने इतने ब्रह्मऋषियों को मारा था कि उनसे राम नाम बोला नहीं जा रहा था । तब उल्टा नाम मरा मरा जप करके ही ब्रह्म के सामान हो गए । वाल्मीकि जी की कहानी पढ़ने के लिए आगे क्लिक करें – वाल्मीकि ऋषि की कहानी, खूंखार डाकू से कैसे बने साधु इस मंत्र का उल्लेख अग्नि पुराण में भी मिलता है और इसके साथ ही इस महामंत्र का उलेख अन्य जगहों पर भी किया गया है । इसी के साथ नारद जी खुद भी 16 अक्षरों वाले इस महामंते का जाप ही करते हैं । इसी के साथ बहुत से भक्त ऐसे हुए हैं जिन्होंने इस महामंत्र का जाप करके सिद्धि प्राप्त की है जैसे की ठाकुर हरिदास जिनकी भक्ति में विघ्न डालने के लिए कितने ही प्रयास किये गए लेकिन वे अपनी हक्ति पर ठीके रहे । यह भी पड़ें – भगवान राम ने पृथ्वी पर जन्म क्यों लिया ठाकुर हरिदास का जन्म मुसलमान कुल में हुआ था लेकिन बाद में वे चैतन्य महाप्रभु से जुड़ गए और हरे कृष्ण महामंत्र का जाप करने लगे । महाप्रभु ने महामंत्र को थोड़ा सा बदल दिया और हरे राम राम की जगह हरे कृष्ण महामंत्र कर दिया । महाप्रभु के अनुयायी हरे कृष्ण महामंत्र का ही जप करते हैं । इसी तरह की धार्मिक कथाएं और खबरें पड़ने के लिए आगे क्लिक करके हमारा व्हाट्सप्प ग्रुप ज्वाइन करें – बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम 🔥 कलयुग का सबसे शक्तिशाली मंत्र कैसे जपना चाहिए महाप्रभु का कहना है कि हरे कृष्ण महामंत्र को उच्च ध्वनि से जपना चाहिए जिससे जपने वाले का और सुनने वाले का दोनों का ही उद्धार हो सके । ठाकुर हरिदास जी का कहना है कि उच्च ध्वनि से जाप ज्यादा असरदार होता है क्यूंकि ऐसा करने से जप करने वाले और सुनने वाले दोनों का ही लाभ होता है । उच्च ध्वनि से जाप करने से छोटे छोटे जीव जंतु जैसे चीटी इत्यादि का भी उद्धार होता है । यह भी पड़ें – नारद जी ने भगवान विष्णु को श्राप दिया वहीँ कुछ लोगों का मानना यह भी है कि उच्च ध्वनि ने जाप करना उतना असरदार नहीं होता जितना मानसिक जाप होता है । मनुस्मृति में भी यह बताया गया है कि मानसिक जाप उच्च ध्वनि के जाप से कई गुना गुना अधिक प्रभावशाली होता है । गौड़ीय मठ वाले चैतन्य महाप्रभु के समर्थक हैं और ये उच्च ध्वनि से महामंत्र का जाप करते हैं वहीं कुछ दूसरी सम्प्रदाय वाले मानसिक जाप करते हैं । यह भी पड़ें – रुद्राक्ष वाले बाबा बोले बागेश्वर धाम के समर्थ में गौड़ीय वैष्णवों का मानना है कि यह महामंत्र आध्यात्मिक जगत से जीव का सम्बन्ध जोड़ता है । इस्कॉन के संस्थापकाचार्य स्वामी श्रील प्रभुपाद जी का कहना है कि यह महामंत्र हमारा संबंध भगवान कृष्ण से जोड़ता है और जो भी व्यक्ति इस हरे कृष्ण महामंत्र का जाप करता है वह जन्म मरण से मुक्त हो जाता है । इसी तरह की धार्मिक कथाएं और खबरें पड़ने के लिए आगे क्लिक करके हमारा व्हाट्सप्प ग्रुप ज्वाइन करें – बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम 🔥 प्रभुपाद जी का कहना है कि कलयुग में हरे कृष्ण महामंत्र को उच्च ध्वनि से ही सर्वथा जपना चाहिए । यह भी पड़ें – सुदामा जी को भगवान ने रंक से राजा केसे बनाया कई महापुरुषों का कहना है कि महामंत्र को उच्च स्वर में जपना चाहिए क्यूंकि मन बहुत ही चंचल है और इसको किसी एक मंत्र पर एकाग्र करना बहुत ही मुश्किल होता है । लेकिन उच्च स्वर में जाप करना बहुत ही सरल होता है और इसमें अधिक प्रयास की आवश्यकता नहीं पड़ती । गोसामी तुलसीदास जी भी कहते हैं कि योगी भगवान के नाम का अपनी जीभ के द्वारा जाप करके जाग जाते हैं और ब्रह्म सुख का अनुभव करते हैं । प्रह्लाद महाराज की कथा, प्रह्लाद महराज ने क्या शिक्षाएं दीं? इसी तरह की धार्मिक कथाएं और खबरें पड़ने के लिए आगे क्लिक करके हमारा व्हाट्सप्प ग्रुप ज्वाइन करें – बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम 🔥 धीरेंद्र शास्त्री महाराज का बचपन कैसा था मरने के बाद क्या साथ जाता है बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री महाराज का बचपन कैसा था लंका को असल में हनुमान जी ने नहीं जलाया था मोक्ष पाना मुश्किल है या आसान बागेश्वर बाबा से न्यूज़ चैनलों के सीधे सवाल बगेश्वर धाम दिव्य दरबार में पत्रकार लेने आए परीक्षा लोकप्रिय लालच से बचने का उपाय श्रृंगी ऋषि कौन थे, श्रृंगी ऋषि एक हिरण से पैदा कैसे हुए? भगवान श्री राम को क्यों कहा जाता है धीर प्रशांत अच्छे लोगों की मृत्यु जल्दी क्यों हो जाती है ? महाभारत कथा भाग भाग का शीर्षक भाग-1 महाभारत की शुरुआत भाग-2 पांडवों का जन्म भाग-3 कौरवों का जन्म भाग-4 द्रोणाचार्य का गुरुकुल भाग-5 दुर्योधन और कर्ण की मित्रता भाग-6 पांडवों को जलाने का षड्यंत्र भाग-7 पांडव दुर्योधन से छिपकर कहां गए भाग-8 द्रोपदी का विवाह भाग-9 इंद्रप्रस्थ का निर्माण किसने किया भाग-10 जरासंध को किसने मारा भाग-11 शिशुपाल वध, भगवान ने शिशुपाल के 100 पाप क्यों क्षमा किए भाग-12 पांडव और कौरव के बीच चौसर का खेल भाग-13 पांडवों का वनवास जब शकुनी ने कपटपूर्वक चौसर खेला तब भगवान कृष्ण कहां थे भाग-14 अर्जुन और शिव जी का युद्ध, किसकी हुयी जीत भाग-15 अर्जुन की स्वर्ग यात्रा, उर्वशी द्वारा अर्जुन को श्राप भाग-16 राजा नल की कहानी – नल और दमयंती का विवाह कैसे हुआ भाग-17 राजा नल की गरीबी, कलयुग ने ईर्ष्यावश सारा राज्य छीन लिया भाग-18 राजा नल की कथा, नल ने अपना राज्य वापिस केसे जीता भाग-19 युधिस्ठिर गए तीर्थ, नारद जी ने बताया प्रयाग तीर्थ का महत्व भाग-20 अगस्त्य मुनि की कहानी, अगस्त्य मुनि ने समुंद्र केसे सुखाया भाग-21 श्रृंगी ऋषि कौन थे, श्रृंगी ऋषि एक हिरण से पैदा कैसे हुए? भाग-22 युवनाश्व राजा की कहानी जिन्होंने एक पुत्र को जन्म दिया भाग-23 पांडवों की स्वर्ग यात्रा, अर्जुन से मिलने के लिए स्वर्ग गए भाग-24 नहुष कौन थे? नहुष इंद्र थे लेकिन एक श्राप के कारण अजगर बन गए भाग-25 पांडवों ने दुर्योधन को गंधर्वों से क्यों बचाया भाग-26 मुद्गल ऋषि की कहानी जो वरदान मिलने के बाद भी स्वर्ग नहीं गए भाग-27 पांडवों ने दुर्वाशा मुनि और 1000 शिष्यों को भोजन कैसे कराया भाग-28 यक्ष युधिष्ठिर संवाद, प्रश्न 1 – व्यक्ति का सच्चा साथी कौन भाग-29 महाभारत विराट पर्व – पांडवों का अज्ञातवास भाग-30 विदुर ने बताये दुष्ट लोगों के लक्षण भाग-31 भगवान श्री कृष्ण स्वयं ही शान्ति दूत बनकर आए भाग-32 महाभारत का युद्ध शुरू होने से पहले दुर्योधन ने क्या किया भाग-33 महाभारत के युद्ध की पूरी कथा 🌹🙏🙏🪴बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम 🪴🙏🙏🌹

कलयुग का सबसे शक्तिशाली मंत्र 

By बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम 

कलयुग का सबसे शक्तिशाली मंत्र

अक्सर हमारे मन में सवाल आता है कि कलयुग का सबसे शक्तिशाली मंत्र कौन सा है तो इसका जवाब बहुत ही सरल है । दरअसल पुराणों में एक कथा है जिसमे ब्रह्मा जी बताते हैं कि कलयुग में 16 अक्षरों वाला हरे हरे राम महामंत्र ही सबसे शक्तिशाली मंत्र है । यह कथा कलिसंतरण उपनिषद में आती है जिसमे नारद जी ब्रह्मा जी से पूछते हैं कि कलयुग में जीवों का उद्धार कैसे होगा । नारद जी कलयुग के दोषों को देखकर सोचते हैं कि इस युग में जीव ना तो यज्ञ करता है ना ही तपस्या फिर ऐसे में इसका उद्धार भला कैसे होगा ।


शिव विवाह की कथा, शंकर जी की बारात में कौन कौन आया

ब्रह्मा जी कहते हैं कि कलयुग में भगवान का नाम उच्चारण करने से ही व्यक्ति के सारे दोष दूर हो जायेंगे । फिर नारद जी पूछते हैं कि वो कौन सा नाम है । ब्रह्मा जी कहते हैं कि यह 16 अक्षरों वाला हरे राम महामंत्र ही कलयुग का सबसे शक्तिशाली मंत्र है ।


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बगेश्वर धाम दिव्य दरबार में पत्रकार लेने आए परीक्षा



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नारद जी ने पूछा कि इसके जपने की क्या विधि है । ब्रह्मा जी ने कहा कि इसके जपने की कोई ख़ास विधि नहीं है वल्कि इसे कभी भी जपा जा सकता है । नहाते धोते, चलते फिरते या फिर उठते बैठते कभी भी यह कलयुग का सबसे शक्तिशाली मंत्र जपा जा सकता है । इस मंत्र को जपने की कोई विधि नहीं है और जैसे ही कोई व्यक्ति इस मंत्र को ३५०००००० बार जप लेता है तो उसके ब्रह्महत्या जैसे पापों का भी नाश हो जाता है ।


यह भी पड़ें – धीरेंद्र शास्त्री महाराज का बचपन कैसा था


यहाँ तक की कर्तव्यों का त्याग करने वाला व्यक्ति भी इस मंत्र के जाप से पाप रहित हो जाता है । चोरी करने वाला, झूठ बोलने वाला, मदिरा पीने वाला भी इस मंत्र के जाप से परम पवित्र हो जाता है । यहाँ तक कि वाल्मीकि जी जिन्होंने ऋषियों के बालों से बैल गाड़ी भर दी थी । बाल्मीकि जी का नाम उस समय रत्नाकर था और उन्होंने इतने ब्रह्मऋषियों को मारा था कि उनसे राम नाम बोला नहीं जा रहा था । तब उल्टा नाम मरा मरा जप करके ही ब्रह्म के सामान हो गए ।


वाल्मीकि जी की कहानी पढ़ने के लिए आगे क्लिक करें – वाल्मीकि ऋषि की कहानी, खूंखार डाकू से कैसे बने साधु

इस मंत्र का उल्लेख अग्नि पुराण में भी मिलता है और इसके साथ ही इस महामंत्र का उलेख अन्य जगहों पर भी किया गया है । इसी के साथ नारद जी खुद भी 16 अक्षरों वाले इस महामंते का जाप ही करते हैं । इसी के साथ बहुत से भक्त ऐसे हुए हैं जिन्होंने इस महामंत्र का जाप करके सिद्धि प्राप्त की है जैसे की ठाकुर हरिदास जिनकी भक्ति में विघ्न डालने के लिए कितने ही प्रयास किये गए लेकिन वे अपनी हक्ति पर ठीके रहे ।


यह भी पड़ें – भगवान राम ने पृथ्वी पर जन्म क्यों लिया

ठाकुर हरिदास का जन्म मुसलमान कुल में हुआ था लेकिन बाद में वे चैतन्य महाप्रभु से जुड़ गए और हरे कृष्ण महामंत्र का जाप करने लगे । महाप्रभु ने महामंत्र को थोड़ा सा बदल दिया और हरे राम राम की जगह हरे कृष्ण महामंत्र कर दिया । महाप्रभु के अनुयायी हरे कृष्ण महामंत्र का ही जप करते हैं ।

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कलयुग का सबसे शक्तिशाली मंत्र कैसे जपना चाहिए
महाप्रभु का कहना है कि हरे कृष्ण महामंत्र को उच्च ध्वनि से जपना चाहिए जिससे जपने वाले का और सुनने वाले का दोनों का ही उद्धार हो सके । ठाकुर हरिदास जी का कहना है कि उच्च ध्वनि से जाप ज्यादा असरदार होता है क्यूंकि ऐसा करने से जप करने वाले और सुनने वाले दोनों का ही लाभ होता है । उच्च ध्वनि से जाप करने से छोटे छोटे जीव जंतु जैसे चीटी इत्यादि का भी उद्धार होता है ।

यह भी पड़ें – नारद जी ने भगवान विष्णु को श्राप दिया

वहीँ कुछ लोगों का मानना यह भी है कि उच्च ध्वनि ने जाप करना उतना असरदार नहीं होता जितना मानसिक जाप होता है । मनुस्मृति में भी यह बताया गया है कि मानसिक जाप उच्च ध्वनि के जाप से कई गुना गुना अधिक प्रभावशाली होता है । गौड़ीय मठ वाले चैतन्य महाप्रभु के समर्थक हैं और ये उच्च ध्वनि से महामंत्र का जाप करते हैं वहीं कुछ दूसरी सम्प्रदाय वाले मानसिक जाप करते हैं ।


यह भी पड़ें – रुद्राक्ष वाले बाबा बोले बागेश्वर धाम के समर्थ में


गौड़ीय वैष्णवों का मानना है कि यह महामंत्र आध्यात्मिक जगत से जीव का सम्बन्ध जोड़ता है । इस्कॉन के संस्थापकाचार्य स्वामी श्रील प्रभुपाद जी का कहना है कि यह महामंत्र हमारा संबंध भगवान कृष्ण से जोड़ता है और जो भी व्यक्ति इस हरे कृष्ण महामंत्र का जाप करता है वह जन्म मरण से मुक्त हो जाता है ।


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प्रभुपाद जी का कहना है कि कलयुग में हरे कृष्ण महामंत्र को उच्च ध्वनि से ही सर्वथा जपना चाहिए ।


यह भी पड़ें – सुदामा जी को भगवान ने रंक से राजा केसे बनाया

कई महापुरुषों का कहना है कि महामंत्र को उच्च स्वर में जपना चाहिए क्यूंकि मन बहुत ही चंचल है और इसको किसी एक मंत्र पर एकाग्र करना बहुत ही मुश्किल होता है । लेकिन उच्च स्वर में जाप करना बहुत ही सरल होता है और इसमें अधिक प्रयास की आवश्यकता नहीं पड़ती । गोसामी तुलसीदास जी भी कहते हैं कि योगी भगवान के नाम का अपनी जीभ के द्वारा जाप करके जाग जाते हैं और ब्रह्म सुख का अनुभव करते हैं ।



प्रह्लाद महाराज की कथा, प्रह्लाद महराज ने क्या शिक्षाएं दीं?

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धीरेंद्र शास्त्री महाराज का बचपन कैसा था
मरने के बाद क्या साथ जाता है

बागेश्वर धाम
धीरेंद्र शास्त्री महाराज का बचपन कैसा था
लंका को असल में हनुमान जी ने नहीं जलाया था
मोक्ष पाना मुश्किल है या आसान
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बगेश्वर धाम दिव्य दरबार में पत्रकार लेने आए परीक्षा
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महाभारत कथा
भाग भाग का शीर्षक
भाग-1 महाभारत की शुरुआत
भाग-2 पांडवों का जन्म
भाग-3 कौरवों का जन्म
भाग-4 द्रोणाचार्य का गुरुकुल
भाग-5 दुर्योधन और कर्ण की मित्रता
भाग-6 पांडवों को जलाने का षड्यंत्र
भाग-7 पांडव दुर्योधन से छिपकर कहां गए
भाग-8 द्रोपदी का विवाह
भाग-9 इंद्रप्रस्थ का निर्माण किसने किया
भाग-10 जरासंध को किसने मारा
भाग-11 शिशुपाल वध, भगवान ने शिशुपाल के 100 पाप क्यों क्षमा किए
भाग-12 पांडव और कौरव के बीच चौसर का खेल
भाग-13 पांडवों का वनवास
जब शकुनी ने कपटपूर्वक चौसर खेला तब भगवान कृष्ण कहां थे
भाग-14 अर्जुन और शिव जी का युद्ध, किसकी हुयी जीत
भाग-15 अर्जुन की स्वर्ग यात्रा, उर्वशी द्वारा अर्जुन को श्राप
भाग-16 राजा नल की कहानी – नल और दमयंती का विवाह कैसे हुआ
भाग-17 राजा नल की गरीबी, कलयुग ने ईर्ष्यावश सारा राज्य छीन लिया
भाग-18 राजा नल की कथा, नल ने अपना राज्य वापिस केसे जीता
भाग-19 युधिस्ठिर गए तीर्थ, नारद जी ने बताया प्रयाग तीर्थ का महत्व
भाग-20 अगस्त्य मुनि की कहानी, अगस्त्य मुनि ने समुंद्र केसे सुखाया
भाग-21 श्रृंगी ऋषि कौन थे, श्रृंगी ऋषि एक हिरण से पैदा कैसे हुए?
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भाग-24 नहुष कौन थे? नहुष इंद्र थे लेकिन एक श्राप के कारण अजगर बन गए
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भाग-28 यक्ष युधिष्ठिर संवाद, प्रश्न 1 – व्यक्ति का सच्चा साथी कौन
भाग-29 महाभारत विराट पर्व – पांडवों का अज्ञातवास
भाग-30 विदुर ने बताये दुष्ट लोगों के लक्षण
भाग-31 भगवान श्री कृष्ण स्वयं ही शान्ति दूत बनकर आए
भाग-32 महाभारत का युद्ध शुरू होने से पहले दुर्योधन ने क्या किया
भाग-33 महाभारत के युद्ध की पूरी कथा

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