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आज कथातथित समाजसेवी और भारत की पहली महिला शिक्षिका by समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब सावित्रीबाई_फुले का अवतरण दिवस है। इनका जन्म ३ जनवरी १८३१ को हुआ था।हमारे देश के इतिहासकारो का कहना है कि, इनके अवतार लेने से पूर्व इस देश मे हजारो वर्षो से कथातथित निम्न वर्गो और स्त्रियो को शिक्षा का अधिकार नही था। १९ वी शताब्दी मे युरोप के ब्रिटीश साम्राज्य के कुछ अधिकारियो द्वारा १८०० से १८४० तक भारत के अलग-अलग राज्यो सर्वेक्षण मे किये।जिसे धर्मपालजी ने अपनी पुस्तक "The beautiful Tree" मे संकलित किया। इन रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि भारत के अलग राज्यो मे शालाये थी जो ब्राम्हणो की देखरेख मे चलती थी। ब्राम्हणो की शालाओ मे ब्राम्हण, क्षत्रिय और वैश्यो से अधिक शुद्रो और अन्य जाती के छात्रो की संख्या तीन गुणा अधिक होती थी। उन शालाओ मे ब्राम्हण शिक्षको के अतिरिक्त ३० अन्य जातीयो (धोबी, नाई, चांडाल, कुम्भकार आदि) के शिक्षक भी थे और कई शालाओ मे महिला शिक्षिका भी थी। अधिकतर महिला शिक्षिकाएँ घर पर ही कन्याओ को शिक्षाएँ देती थी।परंतु उन शालाओ मे ब्राम्हण, क्षत्रियो और वैश्यो की कन्याएँ न पढती थी । कन्याओ की शिक्षा अधिकतर घरो मे ही होती थी। शूद्रो और अन्य जातीयो की कन्याएँ भी न के बराबर थी। क्योकि वे भी घरो मे ही शिक्षा ग्रहण करती थी। वैसे शिक्षा के अतिरिक्त अन्य रुचिकर कलाएँ(नृत्य, संगीत, कढाई, आदि )सिखाने के लिये शालाएँ होती थी, जिसमे बालको से अधिक कन्याएँ होती थी। सर थॉमस मुनरे १८२७ की अपनी रिपोर्ट मे तो ये भी लिखते है कि भारत के १००% लोग साक्षर थे।अब प्रश्न ये उठता है कि जब भारत मे १००% लोग शिक्षित थे तो ऐसा क्या हुआ कि १८४० के बाद सभी शूद्र और स्त्रियो का शिक्षा का अधिकार छीन लिया गया? कौन है इसके लिए जिम्मेदार? आप कभी सावित्रिबाई की जीवनी पढेंगे तो उसमे पुरा का पुरा झुठ का पुलिंदा बनाया गया है। इनका जन्म १८३१ मे हुआ और वे जब १० वर्ष की रही होगी तब १८४० के आसपास का वर्ष रहा होगा। तो क्या इनके जन्म लेने के बाद शूद्रर ओर स्त्रिया अशिक्षित हो गई होगी? विचार कीजिये।स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण अधिक न लिख पाऊँगा। नीचे कुछ रिपोर्ट के स्क्रिनशाॅट है। अधिक जानने के लिये धर्मपालजी की पुस्तक "The beautiful Tree" पढिये।नोट- सावित्रीबाई भी बचपन से बाईबल पढती थी और वे भी ज्योती फुले की तरह बचपन से ही ब्रिटीश अधिकारियो और ईसाई मिशनरियो की देखरेख मे शिक्षा ग्रहण कर रही थी। कितना पढाई की थी? 8वीं पास? लेखक : वनिता कासनियां पंजाब,। Today is the incarnation day of the famous social worker and India's first female teacher #Savitribai_Fule. He was born on January 3, 1831. Historians of our country say that, before his incarnation, there were thousands in this country.
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