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इस बार यानि 2021 में उत्तराखंड के शहर हरिवद्वार में हर साल लगने वाला प्रसिद्ध कुंभ का मेला लगना वाला है। गंगा के तट पर बसा यह नगर खूबसूरत और प्राकृतिक छटा से पूरी तरह परिपूर्ण है। इस प्राचीन नगरी को हिंदुओं के सात पावन स्थलों में से एक माना जाता है। बताया जाता है कि 3139 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अपने स्रोत गोमुख गंगोत्री हिमनद से 253 कि.मी की यात्रा करके गंगा नदी हरिद्वार में मैदानी क्षेत्र में प्रथम प्रवेश करती है।कहा जाता है यही कारण है कि हरिद्वार को 'गंगाद्वार' के नाम से भी जाना जाता है। बता दें गंगाद्वार का अर्थ है उस स्थान से है जहां गंगाजी मैदानों में प्रवेश करती हैं।
लगभग लोग जानते होंगे कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हरिद्वार वह स्थान जहां समुद्र मंथन के दौरान अमृत की बूंदें गिरी थीं, जिसे आज के समय में हर की पौड़ी पर ब्रह्म कुण्ड माना जाता है। बता दें 'हर की पौड़ी' हरिद्वार का सबसे पवित्र घाट माना जाता है और पूरे भारत से भक्तों और तीर्थयात्रियों के जत्थे त्योहारों या पवित्र दिवसों के अवसर पर स्नान करने के लिए यहां आते हैं। धार्मिक मान्यता है यहां स्नान करना मोक्ष पाने के समान है।
आज हम आपको हरिद्वार में स्थित बहुक ही खूबसूरत भीमगोड़ा मंदिर के बारे में बताने जा रहे है। दरअसल हरि की पौड़ी के समीप भीमगोड़ा हरिद्वार का मुख्य पर्यटक आर्कषण माना जाता है। यहां कुंड के पास भीमगोड़ा कुंड मंदिर स्थापित है, लोगों के द्वारा बताया जाता है यह मंदिर अधिक प्राचीन है। महाभारत काल में इसी स्थल पर पांडवों ने एक रुद्राक्ष ध्यान किया था, जिस रुद्रक्ष में से 11 शिवलिंग निकले थे।
एक अन्य मान्यता के अनुसार जब पांडव स्वर्ग जा रहे थे जब यहीं पर भीम ने श्रीकृष्ण के कहने पर अपना घुटना भूमि पर मार दिया था जिससे यह कुंड निर्मित हुआ था। तो वहीं ये भी किंवदंती है कि द्रोपदी को प्यास लगी थी, तो यही पर भीम ने अपना घुटना मारकर पानी निकाला था।
Talk about scriptures, learn with Vanita Dharma This time i.e. in 2021, the famous Kumbh Mela is going to be held every year in Uttarakhand's city Haridwar. Situated on the banks of the Ganges, this city is full of beautiful and natural shade. This ancient city is considered one of the seven sacred sites of the Hindus. The Ganga river is said to have first entered the plains in Haridwar after traveling 253 km from its source Gomukh Gangotri glacier, situated at an altitude of 3139 meters. It is said that this is why Haridwar is known as 'Gangadwar' Is also known. Explain that the meaning of Gangadwar is from the place where Gangaji enters the plains.
Almost people will know that according to religious beliefs, Haridwar is the place where drops of nectar fell during Samudra Manthan, which is considered as Brahma Kunda on Har Ki Pauri in today's time. Let us tell you that 'Har ki Pauri' is considered the most sacred ghat of Haridwar and batches of devotees and pilgrims from all over India come here to bathe on the occasion of festivals or holy days. Religious belief is that bathing here is like getting salvation.
Today we are going to tell you about the very beautiful Bhimgoda temple located in Haridwar. Actually, Bhimgoda near Hari Ki Pauri is considered to be the main tourist attraction of Haridwar. Here Bhimgowda Kund Temple is established near the Kund, it is said by the people that this temple is more ancient. During the Mahabharata period, at this place, the Pandavas meditated a Rudraksha, out of which Rudraksh, 11 Shivalingas came out.
According to another belief, when the Pandavas were going to heaven, it was here that Bhima killed his knee on the ground at the behest of Shri Krishna, from which this pool was formed. So at the same time it is also legend that Draupadi was thirsty, that is why Bhima pulled out water after hitting his knee.
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