नाभिकीय आपूर्तिकर्ता समूह
नाभिकीय आपूर्तिकर्ता समूह (Nuclear Suppliers Group (NSG)) बहुत से देशों का एक समूह है जो नाभिकीय निरस्त्रीकरण (nuclear disarmament) के लिये प्रयासरत है। इस कार्य के लिये यह समूह नाभिकीय शस्त्र बनाने योग्य सामग्री के निर्यात एवं पुनः हस्तान्तरण को नियन्त्रित करता है। इसका वास्तविक लक्ष्य यह है कि जिन देशों के पास नाभिकीय क्षमता नहीं है वे इसे अर्जित न कर सकें। यह समूह ऐसे परमाणु उपकरण, सामग्री और टेक्नोलॉजी के निर्यात पर रोक लगाता है जिसका प्रयोग परमाणु हथियार बनाने में होना है और इस प्रकार यह परमाणु प्रसार को रोकता है।
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Chair (2017) | Ambassador Benno Laggner (स्विट्जरलैण्ड) |
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जालस्थल | http://www.nuclearsuppliersgroup.org/en/ |
महर्त्वपूण तथ्यसंपादित करें
१. एनएसजी 48 देशों का एक समूह है जो सदस्य देशों के साथ असैन्य कार्यों के लिये परमाणु सामग्री, परमाणु तकनीक के इस्तेमाल सुनिश्चित करता है।
२. एनएसजी का गठन वर्ष १९७४ में भारत के परमाणु परीक्षण की प्रतिक्रिया स्वरूप किया गया था।
३. यह समूह सैद्धांतिक रूप से केवल परमाणु अप्रसार संधि(एनपीटी) पर हस्ताक्षर करने वाले देशों के साथ परमाणु उयापार की अनुमति देता है। लेकिन इस बार इस समूह ने भारत को विशेष छूट देकर ऐतिहासिक फैसला किया है।
४. एनएसजी का कोई स्थाई कार्यालय नहीं है। एनएसजी आमतौर पर र्वाषिक बैठक करता है। सभी मामलों में फैसला सर्वसम्मित के आधार पर होता है।
इतिहाससंपादित करें
इसकी स्थापना सन १९७४ में हुई जब भारत ने हसन्त बुद्ध(स्माइलिंग बुद्धा) नामक नाभीय परीक्षण किया।
मई 1974 को भारत ने जब अपना परमाणु परीक्षण किया तो इसके जवाब में इस समूह का गठन किया गया और इनकी पहली बैठक जो है वो May 1975 में हुई। ऐसे में जिन देशों ने एनटीपी पर हस्ताक्षर किया हुआ है था , उन्होंने इस पर बात विचार किया।
भारत 2008 से ही इसकी सदस्यता पाने के लिए कोशिश कर रहा है। परंतु शुरुआती दौर में काफी देशों ने विरोध किया जैसे आस्ट्रेलिया, मेक्सिको, स्विजरलैंड, चीन इत्यादि।
सदस्य देशसंपादित करें
आरम्भ में इसके केवल सात सदस्य थे - कनाडा, पश्चिमी जर्मनी, फ्रान्स, जापान, सोवियत संघ, युनाइटेड किंगडम एवं संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए)। सन १९७६-७७ में इसमें और देश शामिल कर लिये गये और इसकी सदस्य संख्या १५ हो गयी। १९९० तक १२ और देश इसमें सम्मिलित हो गये। चीन इसमें सन २००४ में शामिल हुआ।
सन २००८ में इसके ४५ सदस्य देश हैं। ६ सितम्बर २००८ को इसमें भारत को भी शामिल करने का निर्णय ले लिया गया है।
वर्तमान सदस्य देशसंपादित करें
इस समय एनएसजी के सदस्य देश निम्न हैं-
अर्जेंटिना, आस्ट्रेलिया, आस्ट्रिया, बेलारूस, बेल्जियम, ब्राजील, ब्रिटेन, बुल्गारिया, कनाडा, चीन, क्रोएशिया, साइप्रस, चेक गणराज्य, डेनमार्क, इस्टोनिया, फिएनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, यूनान, हंगरी, आयरलैंड, इटली, जापान, कजाकिस्तान, लातिवया, लिथुआनिया, लक्ज़मबर्ग, माल्टा, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नार्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, रूस, स्लिवाकोया, स्लोवेिनया, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्वीडन, स्वटि्जरलैंड, तुर्की, यूक्रेन और अमरीका। [1]
इन्हें भी देखेंसंपादित करें
बाहरी कड़ियाँसंपादित करें
- भारत एटमी ताकत, एनएसजी की मुहर (दैनिक जागरण)
- भारत को एनएसजी में छूट मिली (जोश)
- NSG का आधिकारिक जालस्थल
- Nuclear Suppliers Guidelines Part 1 - Trigger List
- Nuclear Suppliers Guidelines Part 2 - Dual Use
- NSG draft waiver for India
- ↑ सन्दर्भ त्रुटि:
<ref>
का गलत प्रयोग;NSG_members
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
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