Suryavanshi_Sakshatriya_Mahatma_GautamBuddha_Nay_, while stating the seven rules of social ethics for women, said that no society can be defeated by following these rules.1-- Recollection - Ga
सूर्यवंशी_क्षत्रिय_महात्मा_गौतमबुद्ध_ने_क्षत्रियों के लिए सामाजिक सदाचार के सात नियम बताते हुए कहा था कि इन नियमों का पालन करते हुए कोई भी समाज पराजित नहीं हो सकता है।
1-- बार-बार एकत्रित होना - गांव और नगरों में रहने वाले प्रत्येक क्षत्रिय को अपने मोहल्ले में प्रतिदिन अथवा सुविधानुसार जैसा नियम बनाया जाए तदनुसार बार बार एकत्रित होते रहना चाहिए। इससे जहाँ एक ओर स्नेह का विस्तार होगा वहीं दूसरी ओर मित्र व शत्रु पक्ष की सूचनाएं प्राप्त होती रहेंगी।
2-- समग्र रूप से एकत्रित होना - समग्र रूप से एकत्रित वही लोग हो सकते हैं जिन्होंने अपने जीवन को समग्र रूप से व्यवस्थित व संगठित किया है। इसके अनुसार वर्ष में एक ऐसा समारोह हो जिसमें समस्त लोग हर परिस्थिति में उपस्थित हों।
3-- विधान का पालन - समाज या संगठन के लिए नियम बनाकर उनका पालन करना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य होना चाहिए।
4-- वयोवृद्ध नीति निपुण लोगों से मार्गदर्शन - बहुत सारे विषय ऐसे हैं जिनका ज्ञान केवल अनुभव से ही संभव है। युवा वर्ग अति उत्साह के वशीभूत ऐसे कार्य कर सकता है जो धर्मयुक्त प्रतीत होते हैं किन्तु कालांतर में जिनका परिणाम विपरीत हो सकता है। अतः प्रत्येक महत्वपूर्ण कार्य आरम्भ करने से पहले मान पूर्वक समाज के वयोवृद्ध, नीतिज्ञ लोगों से सलाह लेनी चाहिए व उसे स्वीकारना चाहिए।
5-- स्त्रियों पर अत्याचार नहीं हो - समाज के प्रत्येक व्यक्ति को ध्यान रखना चाहिए कि कहीं पर भी विवाहित या अविवाहित स्त्रियों पर अत्याचार न हो और उन्हें पूरा सम्मान प्रदान किया जाए। जिस समाज में स्त्रियों पर अत्याचार होता है वह समाज नष्ट हो जाता है।
6-- कुलदेवी, कुलदेवता, ईष्ट व रक्षक देवताओं की आराधना - गांव या नगर के अंदर स्थापित कुलदेवी कुलदेवता के मंदिरों अथवा गांव, नगर की सीमा पर स्थित रक्षक देवताओं के स्थान का पूर्ण रूप से संरक्षण इसलिए आवश्यक है क्योंकि इनकी आराधना व सहयोग के बिना अध्यात्म मार्ग पर आने वाली बाधाओं से निपटना असंभव नहीं तो अत्यंत कठिन अवश्य है।
7-- संतों का संरक्षण व सेवा - अपने क्षेत्र में आये हुए तपस्वी संतों को असुविधा न हो व उन्हें कोई कष्ट न पहुंचे इसकी पूरी सावधानी रखनी चाहिए
By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब
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