हमारे हिन्दू धर्म में दान का विशेष महत्व है। जिसके करने से हमारे जीवन पर गहरा असर पड़ता है।*बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाब* हर त्यौहार में गरीबों को दान देने की बात कही गई है। दान उसे कहते है जिसे देने के बाद उसे याद ना किया जाए। हिन्दू धर्म में गौ-दान से लेकर कन्यादान तक की परम्परा है। और इसमें यह भी कहा गया है कि हमारी कमाई का 10वां हिस्सा गरीबों को दान देने के लिए होता है ऐसा हमारे धर्म में कहा गया है। यदि देखा जाए तो इस्लाम में भी दान पुण्य करने का विशेष महत्व है, उसे जकात कहा जाता है। आय का एक निश्चित हिस्सा फकीरों के लिए दान करने की हिदायत दी गई है। बैसे तो हम अक्सर चीजों को दान करते है लेकिन श्राद्ध, संक्रांति, अमावस्या जैसे मौकों पर विशेषकर दान पुण्य किया जाता है। प्राय किन-किन चीजों का दान किया जाता है, वो यहां जान लेते हैं।1 बे सहारा को दान- हमारे हिन्दू धर्म में सबसे बड़ा दान बे सहारा दान माना गया है। जो सभी दान में श्रेष्ठ है। बे सहारा को दान करने से घर में सुख शांति के साथ धन-संपत्ति बनी रहती है।2 अनाज का दान- गरीबों के हम अन्नदान भी करते है जिसमें गेहूं, चावल का दान सही माना गया है। यह दान संकल्प सहित करने पर मनोवांछित फल देता है।3 घी का दान- गाय का घी एक बर्तन में रखकर दान करने से घर की दरिद्रता दूर होती है। घर में शांति बनी रहती है।4 तिल का दान- मानव जीवन के हर कर्म में तिल का महत्व है। खास कर के श्राद्ध और किसी के मरने पर। काले तिलों का दान संकट, विपदाओं से रक्षा करता है।5 वस्त्रों का दान- हर किसी खास चीजों पर वस्त्रों का दान करने की हिदायत दी जाती है। इस दान में धोती और दुपट्टा सहित दो वस्त्रों के दान का महत्व है। इससे घर के दोष दूर हो जाते है।6 गुड़ का दान- गुड़ का दान कलह और दरिद्रता का नाश कर धन और सुख देने वाला माना गया है।
हमारे हिन्दू धर्म में दान का विशेष महत्व है। जिसके करने से हमारे जीवन पर गहरा असर पड़ता है।
*बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाब*
हर त्यौहार में गरीबों को दान देने की बात कही गई है। दान उसे कहते है जिसे देने के बाद उसे याद ना किया जाए। हिन्दू धर्म में गौ-दान से लेकर कन्यादान तक की परम्परा है। और इसमें यह भी कहा गया है कि हमारी कमाई का 10वां हिस्सा गरीबों को दान देने के लिए होता है ऐसा हमारे धर्म में कहा गया है। यदि देखा जाए तो इस्लाम में भी दान पुण्य करने का विशेष महत्व है, उसे जकात कहा जाता है। आय का एक निश्चित हिस्सा फकीरों के लिए दान करने की हिदायत दी गई है। बैसे तो हम अक्सर चीजों को दान करते है लेकिन श्राद्ध, संक्रांति, अमावस्या जैसे मौकों पर विशेषकर दान पुण्य किया जाता है। प्राय किन-किन चीजों का दान किया जाता है, वो यहां जान लेते हैं।
1 बे सहारा को दान- हमारे हिन्दू धर्म में सबसे बड़ा दान बे सहारा दान माना गया है। जो सभी दान में श्रेष्ठ है। बे सहारा को दान करने से घर में सुख शांति के साथ धन-संपत्ति बनी रहती है।
2 अनाज का दान- गरीबों के हम अन्नदान भी करते है जिसमें गेहूं, चावल का दान सही माना गया है। यह दान संकल्प सहित करने पर मनोवांछित फल देता है।
3 घी का दान- गाय का घी एक बर्तन में रखकर दान करने से घर की दरिद्रता दूर होती है। घर में शांति बनी रहती है।
4 तिल का दान- मानव जीवन के हर कर्म में तिल का महत्व है। खास कर के श्राद्ध और किसी के मरने पर। काले तिलों का दान संकट, विपदाओं से रक्षा करता है।
5 वस्त्रों का दान- हर किसी खास चीजों पर वस्त्रों का दान करने की हिदायत दी जाती है। इस दान में धोती और दुपट्टा सहित दो वस्त्रों के दान का महत्व है। इससे घर के दोष दूर हो जाते है।
6 गुड़ का दान- गुड़ का दान कलह और दरिद्रता का नाश कर धन और सुख देने वाला माना गया है।
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