भारत में शीशे का पुल कहाँ बनाया गया है ? By वनिता कासनियां पंजाब ✍️ भारतीयों को अपने देश पर गर्व होना चाहिए कि चीन के बाद भारत में भी शानदार शीशे के पुल बनने शुरू हो चुके हैं। शीशे के पुल, जिसको स्काई ब्रिज, ग्लास ब्रिज और स्काई ग्लास ब्रिज भी कहा जाता है।आइए शुरू करते हैं, देश के पहले स्काई ब्रिज से :सिक्किम के पेलिंग मे बना पहला स्काई ब्रिज :देश का पहला स्काई ब्रिज बनाने का मान मिला है सिक्किम को। यहां देश का पहला स्काई ब्रिज सिक्किम के पेलिंग मे बना है।जो समुद्र की सतह से 2150 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।देखिए इसकी शानदार तस्वीरें : 👇यह भी : 👇हालंकि यह पूरी तरह से स्काई ग्लास ब्रिज नहीं है। क्योंकि बीच-बीच में ग्लास की जगह कुछ और भी है।2. बिहार के नालंदा का ग्लास स्काई ब्रिज :पर बिहार के नालंदा में देश का दूसरा, पर पूरी तरह से स्काई यां ग्लास ब्रिज बना है।शीशे का ये ब्रिज इतना शानदार है कि कोई भी इसे देखता रह जाए।इसकी लंबाई 85 फीट व चैडाई 6 फीट है। घाटी से इसकी ऊंचाई करीब 250 फीट है।ब्रिज की क्षमता को देखते हुए अब रोजाना ग्लास स्काइवॉक पर जाने वालों की संख्या 800 कर दी गई है.पर एक साथ इस पर 15 से 17 लोग ही जा सकते हैं।अधिकरियों का दावा है कि यह पुल चीन के हेबई प्रांत के एस्ट तैहांग में बने स्काई वॉक ब्रिज की तर्ज पर बनाया गया है।ब्रिज की खासियत यह है कि यहां से आप राजगीर की नेचर सफारी का दृश्य पूरी तरह से देख सकते हैं।इस ग्लास फ्लोर ब्रिज का निर्माण चीन के ग्लास फ्लोर ब्रिज की तरह जरूर हुआ है पर निर्माण करने वाली एजेंसी महाराष्ट्र की है।vnitakasniapunjab05114@gmail.comयह ग्लास की 3 मजबूत लेयर के साथ त्यार किया गया है। इसके निर्माण पर 1.47 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।वहीं देश का तीसरा ग्लास फ्लोर ब्रिज उत्तराखंड के ऋषिकेश में बनाया जाना है।बहुत बह
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हालंकि यह पूरी तरह से स्काई ग्लास ब्रिज नहीं है। क्योंकि बीच-बीच में ग्लास की जगह कुछ और भी है।
2. बिहार के नालंदा का ग्लास स्काई ब्रिज :
पर बिहार के नालंदा में देश का दूसरा, पर पूरी तरह से स्काई यां ग्लास ब्रिज बना है।
शीशे का ये ब्रिज इतना शानदार है कि कोई भी इसे देखता रह जाए।
इसकी लंबाई 85 फीट व चैडाई 6 फीट है। घाटी से इसकी ऊंचाई करीब 250 फीट है।
ब्रिज की क्षमता को देखते हुए अब रोजाना ग्लास स्काइवॉक पर जाने वालों की संख्या 800 कर दी गई है.
पर एक साथ इस पर 15 से 17 लोग ही जा सकते हैं।
अधिकरियों का दावा है कि यह पुल चीन के हेबई प्रांत के एस्ट तैहांग में बने स्काई वॉक ब्रिज की तर्ज पर बनाया गया है।
ब्रिज की खासियत यह है कि यहां से आप राजगीर की नेचर सफारी का दृश्य पूरी तरह से देख सकते हैं।
इस ग्लास फ्लोर ब्रिज का निर्माण चीन के ग्लास फ्लोर ब्रिज की तरह जरूर हुआ है पर निर्माण करने वाली एजेंसी महाराष्ट्र की है।
vnitakasniapunjab05114@gmail.com
यह ग्लास की 3 मजबूत लेयर के साथ त्यार किया गया है। इसके निर्माण पर 1.47 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
वहीं देश का तीसरा ग्लास फ्लोर ब्रिज उत्तराखंड के ऋषिकेश में बनाया जाना है।
बहुत बह
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