योगाबांझपन से छुटकारा पाने के लिए योग Yoga for infertility male femaleBy वनिता कासनियां पंजाब !!निरंतर प्रयास और मेडिकल ट्रीटमेंट के बावजूद कई दंपत्ति सफलतापूर्वक गर्भधारण नहीं पाते हैं . बांझपन की समस्या सिर्फ महिला को ही नहीं , बल्कि पुरुषों को भी होती है . विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार , भारत में 4 % से 17 % दंपत्ति प्राथमिक इनफर्टिलिटी से पीड़ित हैं . इनफर्टिलिटी प्रजनन प्रणाली को प्रभावित करती है . 12 महीने या उससे अधिक नियमित रूप से असुरक्षित संभोग के बाद भी अगर कोई दंपत्ति माता - पिता बनने में असफल रहते हैं , तो उसे इनफर्टाइल माना जाता है . ऐसे में योग बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है .प्रजनन क्षमता बढ़ाने में योग कैसे फायदेमंद है ?योगासन शरीर में लचीलापन बढ़ाता है और शरीर को फिट रखता है . प्राणायाम , ऑक्सीजन में सुधार करने , तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है . योग क्रियाएं शरीर को डिटॉक्सीफाई करती है और सिस्टम को शुद्ध करती है . साथ ही योग के जरिए तनाव भी दूर होता है . ये सभी प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक हैं .महिला व पुरुष की फर्टिलिटी बूस्ट करने वाले योगासनयहां हम उन योगासनों के बारे में बता रहे हैं , जिन्हें करने से महिला व पुरुष की प्रजनन क्षमता कुछ हद तक बेहतर हो सकती हैपश्चिमोत्तानासनपश्चिमोत्तानासन पीठ के निचले हिस्से , कूल्हों और हैमस्ट्रिंग की मांसपेशियों को फैलाता है और मजबूत करता है . यह पेट से जुड़ी सभी मांसपेशियों व पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली को बेहतर करता है . साथ ही पेट की चर्बी को नियंत्रित रखता है . यह योगासन अंडाशय और प्रजनन प्रणाली को सक्रिय करने में भी मदद करता है .आसन कुंभक आसनपुरुषों के लिए फायदेमंद हो सकता है . यह आसन प्लैंक पोज का ही एक रूपांतर है , जो एब्स को टोन करने और पेट की चर्बी को जलाने में मदद कर सकता है . यह शुक्राणुओं की गुणवत्ता को बढ़ाकर पुरुष की प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाने में भी मदद कर सकता है .सुप्त वज्रासनसुप्त वज्रासन महिलाओं के पोश्चर , कूल्हों , जांघ के आंतरिक हिस्सों और कमर की मांसपेशियों को मजबूत करता है . यह प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम , पेट में ऐंठन , सूजन और तनाव को दूर करने में मदद करता है . ये सभी समस्याएं इनफर्टिलिटी का कारण बन सकती हैं .धनुरासनधनुरासन पीठ , एब्स , हाथ और जांघ की मांसपेशियों के लिए फायदेमंद है . यह ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है , जिससे शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि हो सकती है .हस्तपादासनहस्तपादासन हाथों को मजबूत करता है और शरीर को लचीला बनाता है . यह एब्डोमिनल एरिया को तनाव मुक्त करने में मदद करता है . महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या को दूर करने के लिए ये आसन लाभकारी साबित हो सकता है .हलासनहलासन आसन समग्र स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकता है और पुरुषों में शुक्राणु गतिशीलता व शुक्राणुओं की संख्या में सुधार ला सकता है. पर्यंकासनइस आसन को करने से जांघों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और ये महिलाओं के पेल्विक एरिया के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है .सर्वांगासनसर्वांगासन या ' शोल्डर स्टैंड ' थायराइड का इलाज करने में मदद करता है . यह तनाव से भी राहत देता है और इनफर्टिलिटी के इलाज के लिए अधिक प्रभावी आसनों में से एक है , क्योंकि यह सीधे थायरॉयड को संतुलित करता है . थायराइड - उत्तेजक हार्मोन कई स्वास्थ्य जटिलताओं को जन्म दे सकता है और गर्भधारण करने की क्षमता को बाधित कर सकता है . थायराइड की स्थिति महिलाओं में इनफर्टिलिटी के प्रमुख कारणों में से एक है .अनुलोम -विलोम अनुलोम - विलोम क्रियाएं बहुत प्रचलित और कई तरह से लोगों को लाभ पहुंचाती हैं . ये नकारात्मक भावनाओं , तनाव से छुटकारा पाकर नाड़ियों को डिटॉक्स करने में मदद करती हैं और तंत्रिका तंत्र को लाभ पहुंचाती हैं . इनसे इनफर्टिलिटी से छुटकारा पाने में मदद मिल सकतीयोगाभ्यास किसी भी व्यक्ति के सामान्य स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है . यह भी माना जाता है कि यह पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या व गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है . वहीं , महिलाओं में अंडाशय और प्रजनन प्रणाली को सक्रिय करने में भी मदद करता है . अगर आप पहली बार ये आसन कर रहे हैं , तो बेहतर होगा कि किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें .
योगा
बांझपन से छुटकारा पाने के लिए योग Yoga for infertility male female
By वनिता कासनियां पंजाब !!
निरंतर प्रयास और मेडिकल ट्रीटमेंट के बावजूद कई दंपत्ति सफलतापूर्वक गर्भधारण नहीं पाते हैं . बांझपन की समस्या सिर्फ महिला को ही नहीं , बल्कि पुरुषों को भी होती है . विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार , भारत में 4 % से 17 % दंपत्ति प्राथमिक इनफर्टिलिटी से पीड़ित हैं . इनफर्टिलिटी प्रजनन प्रणाली को प्रभावित करती है . 12 महीने या उससे अधिक नियमित रूप से असुरक्षित संभोग के बाद भी अगर कोई दंपत्ति माता - पिता बनने में असफल रहते हैं , तो उसे इनफर्टाइल माना जाता है . ऐसे में योग बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है .
प्रजनन क्षमता बढ़ाने में योग कैसे फायदेमंद है ?योगासन शरीर में लचीलापन बढ़ाता है और शरीर को फिट रखता है . प्राणायाम , ऑक्सीजन में सुधार करने , तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है . योग क्रियाएं शरीर को डिटॉक्सीफाई करती है और सिस्टम को शुद्ध करती है . साथ ही योग के जरिए तनाव भी दूर होता है . ये सभी प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक हैं .
महिला व पुरुष की फर्टिलिटी बूस्ट करने वाले योगासनयहां हम उन योगासनों के बारे में बता रहे हैं , जिन्हें करने से महिला व पुरुष की प्रजनन क्षमता कुछ हद तक बेहतर हो सकती है
पश्चिमोत्तानासन
पश्चिमोत्तानासन पीठ के निचले हिस्से , कूल्हों और हैमस्ट्रिंग की मांसपेशियों को फैलाता है और मजबूत करता है . यह पेट से जुड़ी सभी मांसपेशियों व पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली को बेहतर करता है . साथ ही पेट की चर्बी को नियंत्रित रखता है . यह योगासन अंडाशय और प्रजनन प्रणाली को सक्रिय करने में भी मदद करता है .
आसन कुंभक आसन
पुरुषों के लिए फायदेमंद हो सकता है . यह आसन प्लैंक पोज का ही एक रूपांतर है , जो एब्स को टोन करने और पेट की चर्बी को जलाने में मदद कर सकता है . यह शुक्राणुओं की गुणवत्ता को बढ़ाकर पुरुष की प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाने में भी मदद कर सकता है .
सुप्त वज्रासन
सुप्त वज्रासन महिलाओं के पोश्चर , कूल्हों , जांघ के आंतरिक हिस्सों और कमर की मांसपेशियों को मजबूत करता है . यह प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम , पेट में ऐंठन , सूजन और तनाव को दूर करने में मदद करता है . ये सभी समस्याएं इनफर्टिलिटी का कारण बन सकती हैं .
धनुरासन
धनुरासन पीठ , एब्स , हाथ और जांघ की मांसपेशियों के लिए फायदेमंद है . यह ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है , जिससे शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि हो सकती है .
हस्तपादासन
हस्तपादासन हाथों को मजबूत करता है और शरीर को लचीला बनाता है . यह एब्डोमिनल एरिया को तनाव मुक्त करने में मदद करता है . महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या को दूर करने के लिए ये आसन लाभकारी साबित हो सकता है .
हलासन
हलासन आसन समग्र स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकता है और पुरुषों में शुक्राणु गतिशीलता व शुक्राणुओं की संख्या में सुधार ला सकता है
. पर्यंकासन
इस आसन को करने से जांघों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और ये महिलाओं के पेल्विक एरिया के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है .
सर्वांगासन
सर्वांगासन या ' शोल्डर स्टैंड ' थायराइड का इलाज करने में मदद करता है . यह तनाव से भी राहत देता है और इनफर्टिलिटी के इलाज के लिए अधिक प्रभावी आसनों में से एक है , क्योंकि यह सीधे थायरॉयड को संतुलित करता है . थायराइड - उत्तेजक हार्मोन कई स्वास्थ्य जटिलताओं को जन्म दे सकता है और गर्भधारण करने की क्षमता को बाधित कर सकता है . थायराइड की स्थिति महिलाओं में इनफर्टिलिटी के प्रमुख कारणों में से एक है .
अनुलोम -
विलोम अनुलोम - विलोम क्रियाएं बहुत प्रचलित और कई तरह से लोगों को लाभ पहुंचाती हैं . ये नकारात्मक भावनाओं , तनाव से छुटकारा पाकर नाड़ियों को डिटॉक्स करने में मदद करती हैं और तंत्रिका तंत्र को लाभ पहुंचाती हैं . इनसे इनफर्टिलिटी से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती
योगाभ्यास किसी भी व्यक्ति के सामान्य स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है . यह भी माना जाता है कि यह पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या व गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है . वहीं , महिलाओं में अंडाशय और प्रजनन प्रणाली को सक्रिय करने में भी मदद करता है . अगर आप पहली बार ये आसन कर रहे हैं , तो बेहतर होगा कि किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें .
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