जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन - ग्रामीण के तहत हुई प्रगति के लिए शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को पुरुस्कृत किया गया
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) ने जल जीवन सर्वेक्षण (जेजेएस) 2023 और स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) 2023 पर जिला कलेक्टरों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया
जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन - ग्रामीण के तहत हुई प्रगति के लिए शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को पुरुस्कृत किया गया
By वनिता कासनियां पंजाब
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) देश की जल तथा स्वच्छता संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए दो प्रमुख कार्यक्रम यानी कि स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (एसबीएम-जी) और जल जीवन मिशन (जेजेएम) चलाता है। जहां एक तरफ एसबीएम (जी) का उद्देश्य ग्रामीण भारत को पूर्ण स्वच्छता प्रदान करके ओडीएफ प्लस बनाना है, वहीं दूसरी ओर जेजेएम का उद्देश्य हर घर को नल से गुणवत्तापूर्ण जल की आपूर्ति करना है। एसबीएम (जी) और जेजेएम दोनों के लिए निगरानी एवं मूल्यांकन तंत्र हेतु इसकी एक प्रमुख प्रक्रिया मूल्यांकन सर्वेक्षण है। यहां पर स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) और जल जीवन सर्वेक्षण (जेजेएस) हैं, जो एसबीएम (जी) तथा जेजेएम कार्यक्रम के घटकों पर प्रदर्शन के आधार पर राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों एवं उनके जिलों को रैंक प्रदान करते हैं।
जेजेएम कार्यक्रम को 15 अगस्त 2019 को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले की प्राचीर से देश के प्रत्येक ग्रामीण घर में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए शुरू किया गया था। इस मिशन के आरंभ होने के समय केवल 3.23 करोड़ यानी 17% लोगों के पास ही नल से जल का कनेक्शन उपलब्ध था। परेशानियों के बावजूद निरंतर प्रयास से एक स्वागतयोग्य परिवर्तन आया है और आज, 10.56 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों (54.58%) को नल से पानी प्राप्त हो रहा है।
स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (एसबीएम-जी) अब अपने दूसरे चरण में है। पहले चरण में, एसबीएम (जी) ने वर्ष 2019 में सफलतापूर्वक ग्रामीण भारत को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया था, जिसके अनुसार शौचालय कवरेज 2014 में 39% से बढ़कर साल 2019 में 100% हो गया। 2020 में प्रारम्भ किए गए दूसरे चरण में, एसबीएम(जी) का लक्ष्य ठोस एवं तरल कचरे के प्रबंधन सहित पूर्ण स्वच्छता के लिए शौचालय तक पहुंच से ग्रामीण भारत को ओडीएफ प्लस बनाना है। आज की तारीख में 1.27 लाख गांव ओडीएफ प्लस हो चुके हैं।
जल जीवन सर्वेक्षण 2023 को डीडीडब्ल्यूएस द्वारा जल जीवन मिशन (जेजेएम) के हिस्से के रूप में शुरू किया गया है, ताकि राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया जा सके। माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ द्वारा 21 अक्टूबर 2022 को जल जीवन सर्वेक्षण टूल किट जारी किया गया था। जल जीवन सर्वेक्षण 2023 का उद्देश्य राज्यों / जिलों के अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन व बेहतर जल सेवा वितरण के उद्देश्य से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करना है। जेजेएम-आईएमआईएस पर 1 अक्टूबर 2022 को जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार कार्यात्मक नल से जल के कनेक्शन वाले घरों के अनुपात के आधार पर जिलों को पांच तरह से वर्गीकृत किया गया है। घरेलू कवरेज की श्रेणी में आकांक्षी उम्मीदवार - 0 से 25% से कम, प्रदर्शन करने वाले - 25 से 50% से कम, सफलता हासिल करने वाले - 50 से 75% से कम, उच्च उपलब्धि हासिल करने वाले - 75 से 100% से कम और फिर शीर्ष आने वाले - 100% में शामिल हैं।
राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को उनके प्रदर्शन के आधार पर मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक रूप से सम्मानित किया जाएगा। पहली बार मासिक पुरस्कारों की घोषणा 21 नवंबर 2022 को डीडीडब्ल्यूएस सचिव श्रीमती विनी महाजन ने की। पुरस्कार पाने वालों की सूची इस प्रकार है:
श्रेणी | रैंक | जिला |
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिले | ||
शीर्ष आने वाले (100% कवरेज) | पहला स्थान | अम्बाला, हरियाणा |
दूसरा स्थान | रोहतक, हरियाणा | |
तीसरा स्थान | फरीदाबाद, हरियाणा | |
उच्च उपलब्धियां (75% से 100% कवरेज) | पहला स्थान | कोलासिब, मिजोरम |
दूसरा स्थान | सेरछिप, मिजोरम | |
तीसरा स्थान | रानीपेट, तमिलनाडु | |
सफलता पाने वाले (50% से 75% कवरेज) | पहला स्थान | चम्फाई, मिजोरम |
दूसरा स्थान | ममित, मिजोरम | |
तीसरा स्थान | माइलादुत्रयी, तमिलनाडु | |
प्रदर्शन करने वाले (25% से 50% कवरेज) | पहला स्थान | कल्लाकुरिची, तमिलनाडु |
दूसरा स्थान | ईस्ट जयंतिया हिल्स, मेघालय | |
तीसरा स्थान | मोन, नागालैंड | |
आकांक्षी उम्मीदवार (0% से 25% कवरेज) | पहला स्थान | शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश |
दूसरा स्थान | बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश | |
तीसरा स्थान | बरेली, उत्तर प्रदेश | |
सबसे तेजी से बढ़ने वाले जिले | ||
सफलता पाने वाले | पहला स्थान | लेह लद्दाख |
दूसरा स्थान | करगिल, लद्दाख | |
तीसरा स्थान | गंगटोक, सिक्किम | |
प्रदर्शन करने वाले | पहला स्थान | मोन, नागालैंड |
दूसरा स्थान | ईस्ट जयंतिया हिल्स, मेघालय | |
तीसरा स्थान | महोबा, उत्तर प्रदेश | |
आकांक्षी उम्मीदवार | पहला स्थान | शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश |
दूसरा स्थान | मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश | |
तीसरा स्थान | बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश | |
उपाधि पाने वाले जिले | ||
उच्च उपलब्धियों की उपाधि | नमक्कल, तमिलनाडु | |
कोडागु, कर्नाटक | ||
चामरंजनाजरा, कर्नाटक | ||
पश्चिम गोदावरी, आंध्र प्रदेश | ||
अनंतपुरम, आंध्र प्रदेश | ||
रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड | ||
सफलता पाने वालों को उपाधि | रायपुर, छत्तीसगढ़ | |
हरिद्वार, उत्तराखंड | ||
उमरिया, मध्य प्रदेश | ||
चित्रदुर्ग, कर्नाटक | ||
प्रदर्शन करने वालों को उपाधि | बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश | |
मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश | ||
उदलगुरी, असम | ||
ललितपुर, उत्तर प्रदेश | ||
श्रीकाकुलम, आंध्र प्रदेश | ||
सहारनपुर, उत्तर प्रदेश | ||
टोंक, राजस्थान |
डीडीडब्ल्यूएस स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (एसबीएम-जी) के तहत वर्ष 2018 से स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) भी आयोजित कर रहा है। यह सर्वेक्षण राज्यों एवं जिलों को प्रमुख मात्रात्मक तथा गुणात्मक एसबीएम (जी) मापदंडों के आधार पर किए गए प्रदर्शन के आकलन के साथ-साथ एक गहन व समग्र आईईसी अभियान के माध्यम से ग्रामीण समुदाय को उनकी स्वच्छता स्थिति में सुधार के लिए श्रेणीबद्ध करता है। डीडीडब्ल्यूएस, एसएसजी 2023 शुरू करने का प्रबंध कर रहा है, जिसमें एसएसजी अभियान को और तेज करने की परिकल्पना साकार की गई है। यह डिजाइन में इसे और अधिक सहभागी तथा प्रतिस्पर्धी बनाता है। एसएसजी 2023 के मुख्य उद्देश्यों में गांव, ग्राम पंचायत, जिला और राज्य स्तरों पर व्यापक भागीदारी पैदा करना; एसबीएम (जी) चरण II और ओडीएफ प्लस पहल के लिए उत्साह पैदा करना; ओडीएफ प्लस मॉडल गांव के घटकों के बारे में समुदाय के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए कार्य प्रणाली तथा प्रक्रियाएं लागू करना; सहकर्मी सत्यापन के माध्यम से सहभागी मूल्यांकन और सीखना; बेहतर प्रदर्शन के लिए पंचायतों, जिलों, राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना; तथा पुरस्कार, पारितोषिक और राष्ट्रीय, राज्य एवं जिला स्तर पर शीर्ष प्रदर्शन करने वालों की पहचान करना शामिल है। एसएसजी 2023 टूलकिट और एसएसजी 2023 डैशबोर्ड को माननीय जल शक्ति मंत्री द्वारा 2 नवंबर को इंडिया वाटर वीक में रूरल वॉश पार्टनर्स फोरम सत्र के दौरान शुरू किया गया था।
1 अक्टूबर 2022 को एसबीएम (जी)-आईएमआईएस में जिलों द्वारा बताए गए गांवों की ओडीएफ प्लस प्रगति के आधार पर जिलों के बेसलाइन ओडीएफ+ स्कोर तैयार किए गए और तदनुसार जिलों को उनके स्कोर के अनुसार 1 स्टार से 5 स्टार तक वर्गीकृत किया गया जैसा कि नीचे तालिका में दिखाया गया है:
स्कोर | सितारा |
0 (जीरो) | कोई सितारा नहीं |
0< स्कोर <25 | 1 |
25 ≤ स्कोर <50 | 2 |
50 ≤ स्कोर <75 | 3 |
75 ≤ स्कोर <100 | 4 |
स्कोर = 100 | 5 |
1 अक्टूबर से 1 नवंबर 2022 तक जिलों की प्रगति के अनुसार गणना की गई डेल्टा उपलब्धि स्कोर के आधार पर एसएसजी 2023 के लिए पहली मासिक रैंकिंग जारी की गई और इसे राज्यों/जिलों के साथ साझा किया गया। शीर्ष प्रदर्शन करने वाले जिलों की घोषणा सम्मेलन में की गई और उन्हें सम्मानित किया गया।
शीर्ष प्रदर्शन करने वालों की सूची (1 अक्टूबर - 1 नवंबर) इस प्रकार है:
राज्य का नाम | जिले का नाम | श्रेणी | रैंकिंग |
अंडमान और निकोबार द्वीप | दक्षिण अंडमान | 5 सितारा | - |
निकोबार | 5 सितारा | - | |
उत्तर और मध्य अंडमान | 5 सितारा | - | |
दादरा और नगर हवेली तथा | दीव | 5 सितारा | - |
दादरा और नगर हवेली तथा | दमन | 4 सितारा | 1 |
नगालैंड | लॉन्गलेंग | 3 सितारा | 1 |
मध्य प्रदेश | बुरहानपुर | 3 सितारा | 2 |
हिमाचल प्रदेश | हमीरपुर | 3 सितारा | 3 |
केरल | कोल्लम | 2 सितारा | 1 |
मध्य प्रदेश | झाबुआ | 2 सितारा | 2 |
मध्य प्रदेश | अनूपपुर | 2 सितारा ओ | 3 |
असम | माजुली | 1 सितारा | 1 |
कर्नाटक | रामनगर | 1 सितारा | 2 |
कर्नाटक | चिक्कामगलुरु | 1 सितारा | 3 |
जिन जिलों ने अपने प्रदर्शन में सुधार किया और अगली स्टार श्रेणी में शामिल हुए (1 अक्टूबर - 1 नवंबर) वे इस प्रकार हैं:
राज्य का नाम | जिले का नाम | स्टार श्रेणी में उपाधि |
असम | माजुली | 2 सितारा |
कर्नाटक | रामनगर | 2 सितारा |
कर्नाटक | चिक्कामगलुरु | 2 सितारा |
मध्य प्रदेश | शाजापुर | 2 सितारा |
दमोह | 2 सितारा | |
उज्जैन | 2 सितारा | |
बालाघाट | 2 सितारा | |
रतलाम | 2 सितारा | |
सिंगरौली | 2 सितारा | |
डिंडोरी | 2 सितारा | |
मंडला | 2 सितारा | |
असम | बिश्वनाथ | 1 सितारा |
वर्चुअल सम्मेलन में पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) में सचिव श्री सुनील कुमार, ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) के सचिव श्री नागेंद्र नाथ सिन्हा, अन्य प्रमुख सचिवों और मिशन निदेशकों तथा जिला कलेक्टरों / जिला मजिस्ट्रेटों ने भाग लिया।
इस अवसर पर डीडीडब्ल्यूएस सचिव श्रीमती विनी महाजन ने कहा कि हमें जल स्रोत की स्थिरता पर ध्यान देने और कार्य करने की आवश्यकता है। सभी समुदायों को जल आपूर्ति संरचनाओं का स्वामित्व सुनिश्चित करना होगा ताकि पीने के पानी की निरंतर आपूर्ति बहाल की जा सके। सुश्री महाजन ने एसएसजी 2023 के संबंध में शीर्ष प्रदर्शन करने वालों की सराहना की और दूसरों को एसएसजी 2023 की तैयारी शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि एसएसजी केवल एक रैंकिंग अभ्यास नहीं है बल्कि एसबीएम (जी) 2.0 कार्यक्रम घटकों की उपलब्धि के लिए त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने का एक माध्यम भी है। डीडीडब्ल्यूएस सचिव ने कहा कि एसएसजी 2023 के हिस्से के रूप में पंचायतों द्वारा अपने सभी गांवों की ओडीएफ प्लस प्रगति पर नई व महत्वपूर्ण विशेषता यानी स्व-मूल्यांकन से न केवल समुदाय/पंचायतों की भागीदारी बढ़ेगी, बल्कि साथ ही यह ओडीएफ प्लस वर्टिकल पर पंचायतों की क्षमता निर्माण के लिए एक उपकरण के रूप में भी कार्य करेगा।
ग्रामीण विकास मंत्रालय में सचिव श्री नागेंद्र नाथ सिन्हा ने स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) द्वारा निभाई गई भूमिका का उल्लेख किया क्योंकि वे इस प्रगति में भागीदार हैं। एसएचजी कार्यक्रम के कार्यान्वयन में मदद करते हैं और आवश्यकता पड़ने पर सहायता उपलब्ध कराते हैं।
पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री सुनील कुमार ने जिलों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा उत्पन्न करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की, जिससे प्रदर्शन में सुधार होगा और सभी के लिए सुरक्षित पेयजल तथा स्वच्छता सेवाओं हेतु आगे की कार्रवाई करने में उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा।
ऐसी उम्मीद की जा रही है कि जल जीवन सर्वेक्षण और एसएसजी 2023 दोनों ही राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को हर गुजरते महीने के साथ बेहतर प्रदर्शन करने तथा तेजी से कवरेज एवं बेहतर सेवा वितरण में मदद करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
एमजी/एएम/एनके/वाईबी
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