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वनिता कासनियां पंजाब::

बंदा सिंह बहादुर जी की जिंदगी का आखरी दिन जब मुगलों ने सारी क्रूरता की हदें पार करते हुए उनके सामने तेज धार वाली तलवार से उनके बेटे को काट दिया और उसका तड़पता हुआ कलेजा निकाल कर सिंह जी के मुंह में डाल दिया| By वनिता कासनियां पंजाबप ृष्ठभूमि----8 महीने मुगलों ने डाले रखा घेरा-दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी की 'बाबा बंदा सिंह बहादुर के अंतिम दिन और दो सिख शहीद बच्चे' पुस्तक में प्रोफेसर हरबंस सिंह लिखते हैं कि बाबा बंदा सिंह बहादुर और उनके साथियों की अंतिम दिनों की कहानी बेहद दर्दनाक है.मार्च, 1715 में बंदा सिंह बहादुर[1] अपने सिपाहियों के साथ गुरदास नंगल[2] की गढ़ी में घिर गए. मुगलों ने गढ़ी में जाने वाले सभी रास्तों की नाकाबंदी कर दी गई. किले तक पहुंचने वाले भोजन और पीने के पानी पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई.मुगल सेना के लगभग 30 हजार सिपाहियों ने किले को चारों तरफ से घेर लिया, लेकिन इसके बावजूद उन्हें यह डर रह-रहकर सता रहा था कि कहीं बंदा सिंह बहादुर इस घेरे को तोड़कर निकल न जाए.कई महीनों तक बंदा सिंह बहादुर[3] और उसके साथी अपना पेट भरने के लिए गढ़ी में पैदा हुई घास और पेड़ों के पत्ते खाते रहे. इसके बाद पशुओं की हड्डियों को पीसकर आटे के स्थान पर प्रयोग किया गया.सब कुछ खत्म होने के बाद नौबत यहां तक आ गई कि सभी योद्धाओं को अपनी जांघों का मांस काटकर और भूनकर खाना पड़ा.इन सारी मुसीबतों और परेशानियों के होते हुए भी बंदा बहादुर के वफादार सिपाहियों ने 8 महीनों तक मुगल फौजों का डटकर मुकाबला किया.भूखे भेड़ियों की तरह टूट पड़े मुगलजब बचने का कोई रास्ता नहीं बचा तो शरीरिक रूप से कमजोर हो चुके इन योद्धाओं ने गढ़ी के दरवाजे खोल दिए.शाही फौज भूखे भेड़ियों की तरह बीमार और भूख के शिकार सिखों पर टूट पड़ी और लगभग 300 सिखों का नंगी तलवारों से कत्ल कर दिया गया.17 दिसंबर, 1715 को बंदा सिंह बहादुर समेत 740 सिखों को लोहे की जंजीरों में जकड़कर कैद कर लिया गया.कत्ल किए गए योद्धाओं के सिरों को काटकर और पेट को चीरकर उनमें भूसा भर दिया गया. उनके सिरों को ऊंची बांस पर टांग दिया गया.कैद किए गए सिखों को दिल्ली ले जाया जाना था, इससे पहले इन्हें जंजीरों में जकड़कर बेहद घटिया वस्त्र पहनाए गए और जानवरों की पीठ पर बांधकर लाहौर के बाजारों में उनकी नुमाइश की गई.इसके बाद इन कैद किए गए योद्धाओं को दिल्ली भेजने का प्रबंध किया गया. लाहौर के सूबेदार ने स्वयं इन कैदियों को दिल्ली जाकर मुगल शासक को सौंपने की आज्ञा मांगी.बंदा सिंह को पिंजरे में बंद कर दिल्ली लाया गयाश्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हरबंस सिंह दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के प्रकाशन में छपी पुस्तक में लिखते हैं कि इन सिखों को जुलूस निकालते हुए दिल्ली में लाया गया था. सबसे आगे सिखों के सिर भूसे से भरकर नेजों और बांसों पर टंगे हुए थे.बंदा सिंह बहादुर को जंजीरों में जकड़कर पिंजरे में बंद करके हाथी पर लाद दिया गया[4] था. उनका मजाक बनाने के लिए उन्हें सुनहरी पगड़ी और जरी से सजी फूलों वाली पोशाक पहनाई गई.बंदा सिंह बहादुर के पीछे उनके अन्य साथियों को दो-दो की गिनती में एक साथ जंजीरों में जकड़कर ऊंटों के ऊपर लादा हुआ था. कई सिखों को भेड़ों के चमड़े के कपड़े पहनाए गए थे.मौत इन योद्धाओं के सिर पर नाच रही थी, बावजूद इसके उनके चेहरे पर इसकी सिकन तक न थी. वह आनंद मगन होकर वाहेगुरु की वाणी गाते चले जा रहे थे.... और जारी कर दिया मौत का फरमानबंदा सिंह बहादुर, भाई बाज सिंह, भाई फतेह सिंह, भाई ताज सिंह और अन्य 23 साथियों को त्रिपोलिया जेल में कैद करने के लिए मीर आतिश इब्राहिम-ओ-दीन-खां के सुपुर्द कर दिया गया.शेष सिखों को कत्ल करने के लिए दिल्ली के कोतवाल सरबराह खां के हवाले कर दिया गया.इन कैदियों को कत्ल करने का काम 5 मार्च 1716 को शुरू हुआ. कत्ल करने के लिए कोतवाली के चबूतरे पर लाने से पहले प्रत्येक सिख से पूछा जाता कि अगर वह मुस्लिम बन जाता है, तो उसे छोड़ दिया जाएगा और साथ ही ईनाम भी दिया जाएगा.लेकिन किसी ने भी अपने धर्म को नहीं छोड़ा और हंसते-हंसते शहीद हो गए.बंदा सिंह बहादुर के साथी तो कत्ल कर दिए गए लेकिन उनकी मौत को कुछ समय के लिए टाल दिया गया, ताकि उनके गुप्त खजाने का पता लगाया जा सके.अंत में 9 जून 1716 को इनकी भी मौत का हुक्म जारी कर दिया गया.कत्ल करने से पहले बंदा सिंह बहादुर के आगे भी दो शर्त रखी गईं 'मौत या इस्लाम'?बंदा तो बंदा ठहरे उन्होंने खुशी से मौत वाला रास्ता चुन लियाबेटे का कलेजा मुंह में डाल दियामौत से पहले बंदा सिंह को सुनहरी कपड़े पहनाकर कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की दरगाह पर लाया गया और दरगाह के चारों ओर घुमाया गया.इसके बाद बंदा सिंह बहादुर को एक स्थान पर बैठा दिया गया और उनके चार वर्षीय बेटे अजय सिंह को उनकी गोद में रख दिया.बंदा सिंह से कहा गया कि वह अपने हाथों से अपने बच्चे का कत्ल कर दे.जब बंदा सिंह ने यह करने से मना कर दिया तो जल्लाद ने स्वयं तेज धार वाली तलवार से अजय सिंह के टुकड़े कर दिए और उसका तड़फता कलेजा[5] निकालकर बंदा सिंह के मुंह में ठूंस दिया.अपने बच्चे का कत्ल भी उन्हें अपने फैसले से डिगा नहीं पाया और उन्होंने मौत को गले लगाना बेहतर समझा.इसके बाद जल्लादों ने खंजर मार कर बंदा सिंह की आंख निकाल दी और बायां पैर काट दिया. गर्म चिमटों से उनके शरीर का मांस नौचा गया.हड्डियों से चिपका मांस कितनी देर टिकता, वह सब खींच लिया गया और जब मांच के नीचे से सफेद हड्डियां दिखाई देने लगीं, तो उनके शरीर के प्रत्येक अंग को काटकर अलग-अलग कर दिया गया.बंदा सिंह बहादुर ने यह अत्याचार बड़ी दिलेरी से सहा.इसके बाद उनके शेष बचे साथियों को भी इसी तरह से मार दिया गया.इस तरह से बाबा बंदा सिंह ने बड़ी बहादुरी के साथ मौत को गले लगाया, लेकिन मुगलों के जुल्म और यातनाएं उन्हें डिगा न सकीं.रविंद्र नाथ ठाकुर ने उलिखउनकी बेदर्दी से हत्या पर कुछ ऐसा लिखा थाদেখিতে দেখিতে গুরুর মন্ত্রেজাগিয়া উঠেছে শিখনির্মম, নির্ভীক(The chants of the Guru have led to the Sikhs rising in protestThey are fearless ...) वनिता कासनियां पंजाब:शायद इसीलिए बंदा सिंह जी की बहादुरी जो इतिहास किताबों से गायब कर दिया गया है ताकि हमें यह बताया जा सके कि मुगल कितने महान थे|फुटनोट:

पंजाब का काला अध्याय शुरु.. 😢😢😢😢😢प्रसिद्ध आवाज से करोड़ों दिलों पर राज करने वाले, दुनियाभर में भारत का नाम चमकाने वाले मशहूर पंजाबी गायक @iSidhuMooseWala जी की मौत की खबर दुःखद है।ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे व इस समय उनके परिजनों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।भगवंत मान सरकार सरकार चलाने मे फ़ेल.. 😏😏जल्द से जल्द पंजाब मे राष्ट्रपति शासन लगाया जाये..... अफ़सोस यह मान्ग सभी राजनीतिक पार्टियों कि रहेगी..: 😏😏😏😏😏#पंजाबी #गायक #सिद्धू_#मूसेवाला की गोली मारकर #हत्या बेहद स्तब्ध करने वाली घटना है। कल ही पंजाब की "आम आदमी पार्टी सरकार" ने सिद्दू मूसे वाला सहित बहुत सारे लोगों की सुरक्षा हटाई थी किसी के साथ वैचारिक सहमति और असहमति जीवन का एक हिस्सा है पर किसी की हत्या कर देना यह तो घोर #निंदनीय और जघन्य कुकृत्य है। अकाली दल सरकार, पंजाब कांग्रेस सरकार ,आम आदमी पार्टी की सरकार मैं कोई फर्क नजर आया हो तो बताएं.....?सत सत नमन #वनिता #कसनीया #पंजाब 🙏🙏🙏ਸਿੱਧੂ ਮੁਸੇ ਵਾਲਾ ਨਾਲ ਵਾਪਰੀ ਘਟਨਾ ਬਾਰੇ ਜਾਣ ਕੇ ਬਹੁਤ ਦੁੱਖ ਹੋਇਆ।#ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਓਹਨਾਂ ਦੀ ਆਤਮਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਚਰਨਾਂ ਵਿੱਚ ਨਿਵਾਸ ਬਖਸ਼ਣ ਜੀघटना में मूसेवाला के साथ रहे दो अन्य लोग घायल बताए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि हमलावर काले रंग की कार से आए थे.बताया जा रहा है कि मूसेवाला को गैंगस्टरों से धमकियां मिली थी. इसके बावजूद पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए एक दिन पहले ही मूसेवाला समेत 424 VIP की सुरक्षा वापस ली थी. मूसेवाला ने पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर आम आदमी पार्टी के विजय सिंगला के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था. विजय सिंगला ने मूसेवाला को मनसा सीट से 63,323 वोट से हराया था.वारदात के बाद अल्टो छिनकर भागे आरोपीबताया जा रहा है कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद आरोपियों ने बंदूक दिखाकर एक ऑल्टो कार छीन ली. कार का नंबर HR 59 7648 बताया जा रहा है. वहीं, लोगों ने घटनास्थल पर एक सफेद रंग की बोलेरो भी देखे जाने की बात कही है. सूत्रों के मुताबिक, मूसेवाला की हत्या में एके 47 के यूज होने का संदेह है.सिविल सर्जन ने दी ये जानकारीमनसा अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर रंजीत राय ने कहा कि तीन लोगों को अस्पताल लाया गया, जिनमें से सिद्धू मूसेवाला की मौत हो गई. प्राथमिक उपचार के बाद दोनों घायलों को आगे के इलाज के लिए उच्च संस्थान में रेफर कर दिया गया है.पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या, सिरसा बोले- केजरीवाल और भगवंत मान पर दर्ज हो केसकौन थे सिद्धू मूसेवाला17 जून 1993 को जन्मे शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ ​​सिद्धू मूसेवाला मनसा जिले के मूसा वाला गांव के रहने वाले थे. मूसेवाला की लाखों में फैन फॉलोइंग है और वह अपने गैंगस्टर रैप के लिए लोकप्रिय थे. सिद्धू मूसेवाला की मां गांव की सरपंच थीं. उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की थी. उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में म्यूजिक सीखा और बाद में कनाडा चले गए.मूसेवाला को सबसे विवादास्पद पंजाबी गायकों में से भी जाना जाता है, जो खुलेआम बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देते थे, उत्तेजक गीतों में गैंगस्टरों का महिमामंडन करते थे. सितंबर 2019 में रिलीज़ हुआ उनका गाना 'जट्टी जियोने मोड़ दी बंदूक वर्गी' ने 18वीं सदी के सिख योद्धा माई भागो के संदर्भ में एक विवाद को जन्म दिया था. उन पर इस सिख योद्धा की छवि को खराब दिखाने का आरोप लगाया गया था. हालांकि बाद में मूसेवाला ने माफी मांग ली थी.मूसेवाला के एक और गाना 'संजू' ने भी जुलाई 2020 में विवाद खड़ा कर दिया था. यह गाना एके-47 फायरिंग मामले में सिद्धू मूसेवाला को जमानत मिलने के बाद रिलीज हुआ था. उन्होंने सोशल मीडिया पर रिलीज हुए गाने में अपनी तुलना अभिनेता संजय दत्त से की थी. मई 2020 में बरनाला गांव में फायरिंग करते हुए एक वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद सिद्धू मूसेवाला के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था. हालांकि, बाद में संगरूर की एक अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी.विवादित रहा Sidhu Moose Wala का सिंगिंग करियर, खालिस्तान पर बनाया था गाना, एके-47 की ट्रेनिंग लेने पर फंसे थेमूसेवाला की हत्या पर किसने क्या कहा...किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा: मानपंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा है कि इस घटना में शामिल किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "सिद्धू मूसेवाला की जघन्य हत्या से मैं स्तब्ध और दुखी हूं. इसमें शामिल किसी को बख्शा नहीं जाएगा. मेरे विचार और प्रार्थनाएं उनके परिवार और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों के साथ हैं. मैं सभी से शांत रहने की अपील करता हूं."पंजाब के कानून मंत्री ने जताया दुखपंजाब सरकार में कानून मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने भी कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, मुझे अपने मुख्यमंत्री पर पूरा भरोसा है. हरजोत सिंह बैंस ने ट्वीट किया, ""... सिद्धू मूसेवाला की निर्मम हत्या की खबर सुनकर दुख हुआ. वाहेगुरु से उनके परिवार और प्रियजनों को असहनीय नुकसान को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना है. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, मुझे अपने सीएम पर पूरा भरोसा है."राहुल गांधी ने जताया दुखकांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सिद्धू की हत्या पर दुख जताया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "होनहार कांग्रेस नेता और प्रतिभाशाली कलाकार सिद्धू मूसेवाला की हत्या से गहरा स्तब्ध और दुखी हूं. दुनिया भर से उनके चाहने वालों और प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना."भगवंत सरकार को बर्खास्त करने की मांगपंजाबी गायक की हत्या पर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष ने भगवंत सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "मैं विश्वास और अभिव्यक्ति से परे हैरान हूं. हमने सिद्धू मूसीवाला के रूप में एक होनहार सितारा खो दिया है. भगवंत सरकार ने उनकी सुरक्षा वापस ली और उसके 2 दिन बाद ही मानसा में उन पर गोलियों की बौछार कर दी गई. भगवंत सरकार ने नैतिक अधिकार खो दिया है. इसे बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए.कांग्रेस ने जताई संवेदनाएंमूसेवाला की हत्या पर कांग्रेस पार्टी की ओर से भी बयान आया है. पार्टी के ट्विटर हैंडल से लिखा गया है, "पंजाब से कांग्रेस प्रत्याशी और प्रतिभाशाली गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या से कांग्रेस पार्टी और पूरे देश को गहरा सदमा पहुंचा है. उनके परिवार, प्रशंसकों और दोस्तों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है. इस दुख की घड़ी में हम एकजुट और अविचल खड़े हैं."रणदीप सुरजेवाला ने जताया दुखकांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पंजाब ने एक प्रतिभाशाली कलाकार खो दिया. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "सिद्धू मूसेवाला की दिन दहाड़े हत्या से गहरा सदमा लगा. दुनिया भर में पंजाब और पंजाबियों ने सामूहिक जुड़ाव वाला एक प्रतिभाशाली कलाकार खो दिया है, जो लोगों की नब्ज को महसूस कर सकता था. दुनिया भर में उनके चाहने वालों और प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना"मनजिंदर सिरसा ने पंजाब सरकार पर बोला हमलासिद्दू मूसेवाला की हत्या पर बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने पंजाब सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने वीडियो जारी कर कहा कि पंजाब में कानून-व्यवस्था कंट्रोल से बाहर हो चुकी है. उसके बाद भी पंजाबी गायक की सुरक्षा कम कर दी गई थी. मूसेवाला ने पंजाब की शान बढ़ाई, लेकिन अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान की घटिया की राजनीति के वो शिकार हो गए. उन्होंने कहा कि 20 गोलियां के साथ उन पर कातिलाना हमला हुआ, जिसमें उनकी कीमती जान चली गई.सिरसा ने कहा कि ये क्यों किया गया? एक राजनीतिक पार्टी ने एक घटिया काम करना शुरू किया है. लोगों की पहले सुरक्षा हटाओ फिर उनका नाम अखबार में छपवाओ, वो लिस्ट बाजार में डालो. मैंने कल ही ट्वीट कर कहा था कि तुम ये पाप कर रहे हो. पहले सुरक्षा हटाते हो फिर कॉन्फिडेंसयल लिस्ट छापते हो. इससे किसी की जान जा सकती है और आज ऐसा हुआ. सिरसा ने कहा कि लोगों को पता था सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा हटा दी गई है. उसके ऊपर हमला हुआ उसकी जान चली गई. भगवंत मान और केजरीवाल पर केस दर्ज होना चाहिए.हरियाणा कांग्रेस की पूर्व चीफ कुमारी शैलजा ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस नेता और पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या की खबर स्तब्ध करने वाली और अत्यंत ही दु:खदाई है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे. यह वारदात पंजाब में बिगड़ती कानून व्यवस्था को दर्शाती है. इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए.पंजाबी गानों से जीता दिल... राजनीति में आजमाया हाथ, जानिए कौन थे सिद्धू मूसेवाला?शनिवार को मूसेवाला समेत 424 VIP की सुरक्षा ली गई थी वापसशनिवार को पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने मूसेवाला समेत कुल 424 VIP लोगों की सुरक्षा पर कैची चलाई थी. इस लिस्ट में डेरामुखी सहित कई सेवानिवृत्त अधिकारी भी शामिल हैं. वर्तमान और पूर्व विधायकों की सुरक्षा भी वापस ली गई है. इनमें शिअद के वरिष्ठ नेता चरण जीत सिंह ढिल्लों, बाबा लाखा सिंह, सतगुरु उधय सिंह, संत तरमिंदर सिंह भी शामिल हैं. इसके अलावा विधायकों में अकाली नेता गनीव कौर मजीठिया, कांग्रेस नेता परगत सिंह, आप विधायक मदन लाल बग्गा का सुरक्षा कवर भी वापस ले लिया गया है. बताया जा रहा है कि सरकार ने पहले एक रिव्यू मीटिंग की थी, उसके बाद इन लोगों की सुरक्षा वापस लेने का फैसला हुआ था.#Vnita😭पुलिस ने सुरक्षा वापस लेने का बताया था ये कारणअतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने अपने बयान में साफ कहा है कि ये आदेश सिर्फ कुछ समय के लिए लागू किया गया है. राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त जवानों की जरूरत है, इसी वजह से रिव्यू मीटिंग के बाद 424 लोगों की सुरक्षा वापस ली गई है. अब उन जवानों को #राज्य के अलग-अलग इलाकों में तैनात किया जाएगा.इससे पहले अप्रैल महीने में भी भगवंत सरकार ने 184 वीआइपी लोगों की सुरक्षा वापस लेने का फैसला किया था. तब पूर्व #मुख्यमंत्री, पूर्व मंत्री सहित कई विधायकों की सुरक्षा पर कैची चली थी. उन सभी नेताओं को पंजाब सरकार ने प्राइवेट #सिक्योरिटी दे रखी थी.