संदेश

🌄⛳⛳🚩🚩जाग सनातन जाग🚩🚩⛳⛳🌄🙏🙏🙏⛳माँ से कर अनुराग🙏🙏🙏⛳माँ ममता की मूरत है 🙏🙏🙏🙏माता ही महान 🙏⛳⛳⛳माँ हम सबकी जान ह...🚩🚩बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम 🚩🌹🙏🙏🌹Check this post from Vnita :"🌄⛳⛳🚩🚩जाग सनातन जाग🚩🚩⛳⛳🌄🙏🙏🙏⛳माँ से कर अनुराग🙏🙏...",

इस पुराण में वर्णाश्रम-धर्म-व्यवस्था को पूरी मान्यता दी गई है तथा स्त्री, शूद्र और पतित व्यक्ति को वेद सुनने के अधिकार से वंचित किया गया है। ब्राह्मणों को अधिक महत्त्व दिया गया है। वैदिक काल में स्त्रियों और शूद्रों को वेद सुनने से इसलिए वंचित किया गया था कि उनके पास उन मन्त्रों को श्रवण करके अपनी स्मृति में सुरक्षित रखने का न तो समय था और न ही उनका बौद्धिक विकास इतना तीक्ष्ण था। किन्तु बाद में वैदिक ऋषियों की इस भावना को समझे बिना ब्राह्मणों ने इसे रूढ़ बना दिया और एक प्रकार से वर्गभेद को जन्म दे डाला। वनिता कासनियां पंजाब जय श्री विष्णु जी'श्रीमद्भागवत पुराण' में बार-बार श्रीकृष्ण के ईश्वरीय और अलौकिक रूप का ही वर्णन किया गया है। पुराणों के लक्षणों में प्राय: पाँच विषयों का उल्लेख किया गया है, किन्तु इसमें दस विषयों-सर्ग-विसर्ग, स्थान, पोषण, ऊति, मन्वन्तर, ईशानुकथा, निरोध, मुक्ति और आश्रय का वर्णन प्राप्त होता है (दूसरे अध्याय में इन दस लक्षणों का विवेचन किया जा चुका है)। यहाँ श्रीकृष्ण के गुणों का बखान करते हुए कहा गया है कि उनके भक्तों की शरण लेने से किरात् हूण, आन्ध्र, पुलिन्द, पुल्कस, आभीर, कंक, यवन और खस आदि तत्कालीन जातियाँ भी पवित्र हो जाती हैं।

इस कलिकाल में 'श्रीमद्भागवत पुराण' हिन्दू समाज का सर्वाधिक आदरणीय पुराण है। यह वैष्णव सम्प्रदाय का प्रमुख ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ में वेदों, उपनिषदों तथा दर्शन शास्त्र के गूढ़ एवं रहस्यमय विषयों को अत्यन्त सरलता के साथ निरूपित किया गया है। इसे भारतीय धर्म और संस्कृति का विश्वकोश कहना अधिक समीचीन होगा। सैकड़ों वर्षों से यह पुराण हिन्दू समाज की धार्मिक, सामाजिक और लौकिक मर्यादाओं की स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता आ रहा हैं।वनिता कासनियां पंजाब जय श्री विष्णु जीइस पुराण में सकाम कर्म, निष्काम कर्म, ज्ञान साधना, सिद्धि साधना, भक्ति, अनुग्रह, मर्यादा, द्वैत-अद्वैत, द्वैताद्वैत, निर्गुण-सगुण तथा व्यक्त-अव्यक्त रहस्यों का समन्वय उपलब्ध होता है। 'श्रीमद्भागवत पुराण' वर्णन की विशदता और उदात्त काव्य-रमणीयता से ओतप्रोत है। यह विद्या का अक्षय भण्डार है। यह पुराण सभी प्रकार के कल्याण देने वाला तथा त्रय ताप-आधिभौतिक, आधिदैविक और आध्यात्मिक आदि का शमन करता है। ज्ञान, भक्ति और वैरागय का यह महान् ग्रन्थ है।इस पुराण में बारह स्कन्ध हैं, जिनमें विष्णु के अवतारों का ही वर्णन है। नैमिषारण्य में शौनकादि ऋषियों की प्रार्थना पर लोमहर्षण के पुत्र उग्रश्रवा सूत जी ने इस पुराण के माध्यम से श्रीकृष्ण के चौबीस अवतारों की कथा कही है।

सनातन धर्म में पत्नी को पति की वामांगी क्यों कहा गया है????? By वनिता कासनियां पंजाब- * राम बाम दिसि सोभति रमा रूप गुन खानि।देखि मातु सब हरषीं जन्म सुफल निज जानि॥भावार्थ:-श्री राम के बायीं ओर रूप और गुणों की खान रमा (श्री जानकीजी) शोभित हो रही हैं। उन्हें देखकर सब माताएँ अपना जन्म (जीवन) सफल समझकर हर्षित हुईं॥सनातन धर्म में पत्नी को पति की वामांगी कहा गया है, यानी कि पति के शरीर का बांया हिस्सा, इसके अलावा पत्नी को पति की अर्द्धांगिनी भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है पत्नी, पति के शरीर का आधा अंग होती है, दोनों शब्दों का सार एक ही है, जिसके अनुसार पत्नी के बिना पति अधूरा है।पत्नी ही पति के जीवन को पूरा करती है, उसे खुशहाली प्रदान करती है, उसके परिवार का ख्याल रखती है, और उसे वह सभी सुख प्रदान करती है जिसके वह योग्य है, पति-पत्नी का रिश्ता दुनिया भर में बेहद महत्वपूर्ण बताया गया है, चाहे सोसाइटी कैसी भी हो, लोग कितने ही मॉर्डर्न क्यों ना हो जायें, लेकिन पति-पत्नी के रिश्ते का रूप वही रहता है, प्यार और आपसी समझ से बना हुआ।हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध ग्रंथ महाभारत में भी पति-पत्नी के महत्वपूर्ण रिश्ते के बारे में काफी कुछ कहा गया है, भीष्म पितामह ने कहा था कि पत्नी को सदैव प्रसन्न रखना चाहिये, क्योंकि, उसी से वंश की वृद्धि होती है, वह घर की लक्ष्मी है और यदि लक्ष्मी प्रसन्न होगी तभी घर में खुशियां आयेगी, इसके अलावा भी अनेक धार्मिक ग्रंथों में पत्नी के गुणों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है। आज हम आपको गरूड पुराण, जिसे लोक प्रचलित भाषा में गृहस्थों के कल्याण की पुराण भी कहा गया है, उसमें उल्लिखित पत्नी के कुछ गुणों की संक्षिप्त व्याख्या करेंगे, गरुण पुराण में पत्नी के जिन गुणों के बारे में बताया गया है, उसके अनुसार जिस व्यक्ति की पत्नी में ये गुण हों, उसे स्वयं को भाग्यशाली समझना चाहिये, कहते हैं पत्नी के सुख के मामले में देवराज इंद्र अति भाग्यशाली थे, इसलिये गरुण पुराण के तथ्य यही कहते हैं।सा भार्या या गृहे दक्षा सा भार्या या प्रियंवदा। सा भार्या या पतिप्राणा सा भार्या या पतिव्रता।।गरुण पुराण में पत्नी के गुणों को समझने वाला एक श्लोक मिलता है, यानी जो पत्नी गृहकार्य में दक्ष है, जो प्रियवादिनी है, जिसके पति ही प्राण हैं और जो पतिपरायणा है, वास्तव में वही पत्नी है, गृह कार्य में दक्ष से तात्पर्य है वह पत्नी जो घर के काम काज संभालने वाली हो, घर के सदस्यों का आदर-सम्मान करती हो, बड़े से लेकर छोटों का भी ख्याल रखती हो। जो पत्नी घर के सभी कार्य जैसे- भोजन बनाना, साफ-सफाई करना, घर को सजाना, कपड़े-बर्तन आदि साफ करना, यह कार्य करती हो वह एक गुणी पत्नी कहलाती है, इसके अलावा बच्चों की जिम्मेदारी ठीक से निभाना, घर आये अतिथियों का मान-सम्मान करना, कम संसाधनों में भी गृहस्थी को अच्छे से चलाने वाली पत्नी गरुण पुराण के अनुसार गुणी कहलाती है, ऐसी पत्नी हमेशा ही अपने पति की प्रिय होती है।प्रियवादिनी से तात्पर्य है मीठा बोलने वाली पत्नी, आज के जमाने में जहां स्वतंत्र स्वभाव और तेज-तरार बोलने वाली पत्नियां भी है, जो नहीं जानती कि किस समय किस से कैसे बात करनी चाहियें, इसलिए गरुण पुराण में दिए गए निर्देशों के अनुसार अपने पति से सदैव संयमित भाषा में बात करने वाली, धीरे-धीरे व प्रेमपूर्वक बोलने वाली पत्नी ही गुणी पत्नी होती है। पत्नी द्वारा इस प्रकार से बात करने पर पति भी उसकी बात को ध्यान से सुनता है, व उसके इच्छाओं को पूरा करने की कोशिश करता है, परंतु केवल पति ही नहीं, घर के अन्य सभी सदस्यों या फिर परिवार से जुड़े सभी लोगों से भी संयम से बात करने वाली स्त्री एक गुणी पत्नी कहलाती है, ऐसी स्त्री जिस घर में हो वहां कलह और दुर्भाग्य कबी नहीं आता।पतिपरायणा यानी पति की हर बात मानने वाली पत्नी भी गरुण पुराण के अनुसार एक गुणी पत्नी होती है, जो पत्नी अपने पति को ही सब कुछ मानती हो, उसे देवता के समान मानती हो तथा कभी भी अपने पति के बारे में बुरा ना सोचती हो वह पत्नी गुणी है, विवाह के बाद एक स्त्री ना केवल एक पुरुष की पत्नी बनकर नये घर में प्रवेश करती है, वरन् वह उस नये घर की बहु भी कहलाती है, उस घर के लोगों और संस्कारों से उसका एक गहरा रिश्ता बन जाता है।इसलिए शादी के बाद नए लोगों से जुड़े रीति-रिवाज को स्वीकारना ही स्त्री की जिम्मेदारी है, इसके अलावा एक पत्नी को एक विशेष प्रकार के धर्म का भी पालन करना होता है, विवाह के पश्चात उसका सबसे पहला धर्म होता है कि वह अपने पति व परिवार के हित में सोचे, व ऐसा कोई काम न करे जिससे पति या परिवार का अहित हो।गरुण पुराण के अनुसार जो पत्नी प्रतिदिन स्नान कर पति के लिए सजती-संवरती है, कम बोलती है, तथा सभी मंगल चिह्नों से युक्त है, जो निरंतर अपने धर्म का पालन करती है तथा अपने पति का ही हीत सोचती है, उसे ही सच्चे अर्थों में पत्नी मानना चाहियें, जिसकी पत्नी में यह सभी गुण हों, उसे स्वयं को देवराज इंद्र ही समझना चाहियें।जय श्री राम! जय महादेव!

क्या वार्महोल सच में होते हैं? By वनिता कासनियां पंजाब वर्महोल एक ऐसा रास्ता है जो दो स्थानों को जोड़ता है। यहां दो जगहों का मतलब कोई नजदीकी जगह नहीं है, उन दोनों जगहों के बीच की दूरी लाखों प्रकाश वर्ष हो। अगर हम वर्महोल को खोजने में सफल हो जाते हैं, तो हम अरबों, खरबों प्रकाश वर्ष की दूरी चंद सेकंड में तय कर सकते हैं। यह सुनकर आपको वर्महोल मजेदार लगा होगा। लेकिन यह तो अभी शुरुआत है, कहा जाता है कि वर्महोल की मदद से हम समय में यात्रा भी कर सकते हैं।वर्महोल को आज तक किसी ने नहीं देखा। वर्महोल सिर्फ एक कल्पना है, जिसकी कल्पना 1935 में दो विज्ञानों ने की थी। उन विज्ञानों के नाम अल्बर्ट आइंस्टीन और नाथ हसन थे। इन दो विज्ञानों ने वर्महोल की कल्पना की।वर्महोल सिर्फ एक कल्पना नहीं है, बल्कि अल्बर्ट आइंस्टीन ने भी इसे होने का दावा किया है, यह सच है कि आज तक हमें वर्महोल नहीं मिला है। लेकिन उन विज्ञानों ने वर्महोल के बारे में गणितीय समीकरणों की मदद से इसे पूरी दुनिया के सामने रखा था। वर्महोल के बारे में आप केवल फिल्मों के नाट्य रूपांतरण में ही देखेंगे। लेकिन असल जिंदगी में ना तो किसी ने वर्महोल देखा है और ना ही हमने महसूस किया है।उन्होंने बताया कि हम जिस स्पेस में रहते हैं वह एक चादर की तरह है, क्योंकि जब कोई चीज जिसे मास हो वजन हो वो वस्तु उस चादर मे जाते ही अपने मास के अनुसार अपनी जगह जीतना गड्डा उस चादर मे कर लेता है। इस चादर को आइंस्टीन ने इस चादर को स्पेस कहा।जब आइंस्टीन को पता चला कि हम इस चादर में रहते हैं जिसे हमारा ग्रह अपने वजन से उसमे गढहा करता है, तभी आइंस्टीन ने कहा, "क्यों न हम इस चादर को पूरी तरह से मोड़ दें। चादर से मेरा मतलब यहां है, स्पेस के लिए। स्पेस को अगर हम मोड़ते हैं, तो हम पाएगे की स्पेस के दूसरे हिस्से के ग्रह हमारे ऊपर आ जाएँगे , इसके बाद दोनों ग्रहो के गुरुत्वाकर्षण के बल से एक रास्ता तैयार हो जाएगा। ऐसा करने से करोड़ो ऊर्जा वर्ष का रास्ता बोहोत ही कम हो जाएगा और जिससे हम ट्रैवल कर के आसानी से उस ग्रह पर जा सकते है।"चित्र स्रोत:– गूगल

ऐसा कौन सा रहस्यमयी मंदिर है जहां रात को रुकने वाला हर इंसान पत्थर बन जाता है? Harshit kasnia , चूंकि आपने मुझे ये प्रश्न नहीं पूछा है किंतु मुझे बहुत अच्छा लगा ये प्रश्न इसलिए मैं उत्तर दे रही हूँ। By वनिता कासनियां पंजाब, ऐसा कौन सा रहस्यमयी मंदिर है जहां रात को रुकने वाला हर इंसान पर पत्थर बन जाता है?.क्या आप कभी रात्रि में मंदिर में रुके हैं? नहीं ना। तो चलिए एक मंदिर की यात्रा में जहां कुछ गहरे रहस्य हैं।यह मंदिर अत्यंत सुंदर है, उसकी सुंदरता से अधिक वहां का रहस्य लोगों के आकर्षण का केंद्र है।इस मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है की जो भी रात्रि के समय यहां विश्राम करते हैं, वह पाषाण अर्थात पत्थर के बन जाते हैं। राजस्थान के बाड़मेर का किराडू शहर ऐसे ही किसी रहस्य को अपने अंदर दबाए हुए है।किराडू शहर अपने मंदिरों की शिल्प कला के लिए प्रसिद्ध है। किराडू को 'राजस्थान का खजुराहो' भी कहा जाता है,इन मंदिरों का निर्माण 11वीं शताब्दी में हुआ था। माना जाता है कि किराडू शहर प्राचीन समय में सुख-सुविधाओं से युक्त एक विकसित प्रदेश हुआ करता था। दूसरे प्रदेशों के लोग यहां पर व्यापार करने आते थे, किंतु 12वीं शताब्दी में, जब किराडू पर परमार वंश का राज था, उसके बाद यह नगर उजड़ गया।चित्र अमर उजाला से लिया गया है।एक बहुप्रचलित कहानी है -बात तब की है जबलगभग 900 वर्ष पूर्व जब परमार राजवंश का शासन था। उन समय इस नगर में एक ज्ञानी साधु भी रहने आए थे।यहां पर कुछ समय व्यतीत करने के पश्चात साधु कुछ साधना करने चले गए। वहां के लोगों के द्वारा साधु का बहुत सेवा किया गया था तो उन्होंने गांव वालों पर विश्वास कर अपने शिष्य को स्थानीय लोगों के सहारे छोड़ दिया और कहा कि आप सभी इनके भोजन इत्यादि एवं सुरक्षा का ध्यान रखना।किंतु गांव वाले उसके शिष्य की भोजन आदि तो दूर सुध लेने भी नहीं आए। केवल एकमात्र कुम्हारन ही शिष्य की जैसे बन पड़ा ध्यान रखती। जब साधू लौटे और अपने शिष्य और मंदिर का हाल देखा तो वो क्रोधित हो गए। उसने श्राप दिया कि जहां के लोगों का हृदय पाषाण का है वह थोड़ी सी भी दया की भावना नहीं हो वहां जीवन का क्या मतलब, इसलिए यहां के सभी लोग पत्थर के हो जाएं और इस प्रकार पूरा नगर पत्थर का बन गया।साधू नेयइस श्राप से कुम्हारन को बचने के लिए वहां से भागने एवं पीछे ना मुड़ने को कहा। सवयं अपने शिष्य को लेकर वहां से चले गए। कुछ दूर जाने के बाद कुम्हारन को शंका हुई। तो उसने पीछे मुड़कर देख लिया और खुद भी पत्थर की मूर्ति में परिवर्तित हो गई।सिहाणी गांव के नजदीक कुम्हारन की वह पत्थर मूर्ति आज भी उस भय को दर्शाती है।इस श्राप के कारण ही आस-पास के गांव के लोगों में दहशत फैल गई जिसके चलते आज भी लोगों में यह मान्यता है कि जो भी इस शहर में शाम को रुकेगा वह भी पत्थर का बन जाएगा। यही कारण है कि यह नगर सूरज ढलने के साथ ही वीरान हो जाता है।स्थापत्य कला के लिए मशहूर इन प्राचीन मंदिरों के पत्थरों पर बनी कलाकृतियां अपनी अद्भुत और शानदार अतीत की कहानियां कहती नजर आती हैं। खंडहरों में चारों ओर बने वास्तुशिल्प प्राचीन काल के कारीगरों की कुशलता को प्रस्तुत करती हैं। रहस्यमय समूह भारत-वर्ष की केंद्र सरकार और राजस्थान की राज्य सरकार से ये निवेदन करता है कि वो भारत-वर्ष के ऐसे गौरव-शाली धरोहरों का निरंतर संरक्षण एवं संवर्धन करे |

देश में मौसम के मिजाज बदल गए हैं. सोमवार को गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र समेत कई जगहों पर भारी बारिश से जनजीवन खासा प्रभावित हो गया. गुजरात में तो बारिश और बाढ़ की वजह से बीते 24 घंटे में 63 लोगों की जान चली गई. बारिश से प्रभावित 10 हजार से ज्यादा लोगों को सरकार ने सुरक्षित स्थानों पर भेजा है. बलुवाना न्यूज़ 8 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है. इसी तरह, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में भी बारिश ने मुसीबत बढ़ा दी है. मौसम विभाग ने मंगलवार को उत्तराखंड और केरल में भी बारिश का अलर्ट जारी किया है.गुजरात में अंबिका नदी के तट पर अचानक बाढ़ के कारण सरकारी कर्मचारी फंस गए. बाद में वलसाड के कलेक्टर ने भारतीय तटरक्षक को सूचना दी और मदद मांगी. ICG के एक अधिकारी ने बताया कि चेतक हेलीकॉप्टर के जरिए अभियान चलाया. तेज हवाओं और भारी बारिश के चलते थोड़ा परेशानी आई, मगर 16 लोगों को बचा लिया गया है. वहीं, वालसाड जिले के कलेक्टर ने भारी बारिश को देखते हुए सभी स्कूल और कॉलेज कल 12 जुलाई को बंद रखने के आदेश दिए हैं.गुजरात सरकार के मुताबिक, राज्य में सोमवार शाम 6 बजे तक बारिश की वजह से 10700 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. बारिश का दौर थमा नहीं है. गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात में बाढ़ को लेकर ट्वीट किया और कहा- गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों में भारी बारिश के चलते उत्पन्न हुई बाढ़ जैसी परिस्थितियों के संदर्भ में मैंने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल जी से बात की और मोदी सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. गुजरात प्रशासन, SDRF और NDRF प्रभावित लोगों तक त्वरित मदद पहुंचाने में लगे हैं. ​बताते चलें कि गुजरात में नर्मदा नदी में बाढ़ आ गई है. यहां डेडीयापाडा और सागबारा में 8 घंटे में 17 इंच बारिश हुई है, जिसके चलते करजन डैम के 9 गेट खोल दिए गए हैं. इन 9 गेट से 2 लाख 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. ऐसे में भरूच और नर्मदा जिले के लो लाइन एरिया में अलर्ट जारी किया है. भरूच के 12 और नर्मदा के 8 गांव को अलर्ट मोड पर रखा गया है. यहां बाढ़ से हालात बिगड़ने की आशंका है.दरअसल, करजन नदी का पानी सीधा नर्मदा नदी में मिलता है, जिसके चलते भरूच के पास नर्मदा के लेवल में बढ़ोतरी होगी. आपदा प्रबंधन मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने बताया कि राज्य के फिलहाल 8 जिलों में रेड अलर्ट जारी है. भारी बारिश हो रही है. प्रशासन अलर्ट पर है और कुशलता से काम कर रहा है. बिजली गिरने से 63 लोगों की मौत हो गई है. सीएम हर घंटे हालात का जायजा कर रहे हैं.गुजरात में आज सुबह 6 से शाम 4 बजे तक बारिश के आंकडे़...नर्मदा- डेडीयापाडा में 442 मिमीसूरत -उमरपाड़ा में 345 मिमीवालसाड़ - कपराड़ा में 216 मिमीडांग- 142 मिमीजबकि अहमदाबाद में आज सुबह पांच बजे से बारिश रुकी हुई है. लेकिन देर रात बारिश ने परेशानियां बढ़ा दीं. यहां शाम 6 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक करीब 456 मिमी बारिश दर्ज की गई है. जबकि छोटा उदयपुर के बोडेली में 6 घंटे में 411 मिमी बारिश दर्ज की गई है.वहीं, गुजरात में बारिश कहर बरपा रही है. यहां बारिश की शुरुआत से लेकर कल तक 61 लोगों की मौत हुई है. वहीं, NDRF की 13 टीम को गुजरात में तैनात किया गया है. इनमें नवसारी में दो, गिर सोमनाथ, सूरत, राजकोट, बनासकांठा,वलसाड, भावनगर, कच्छ, जामनगर, अमरेली, द्वारिका और जूनागढ़ में एक-एक लगाई गई है.इसके अलावा, राज्य में एसडीआरएफ की 18 टीम को तैनात किया गया है. गुजरात में बारिश की वजह से स्टेट हाइवे और गांव की सड़कों को मिलाकर 300 से ज्यादा सड़क बंद हैं. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के बात की और पिछले 48 घंटे में हुई भारी बारिश के बारे में जानकारी ली. साथ ही केंद्र सरकार के जरिए जरूरी सभी मदद करने भरोसा दिलाया.गुजरात में अगले 24 घंटे में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण गुजरात के सूरत, वलसाड, नवसारी, तापी, डांग जिले में भारी बारिश होने का अनुमान है. इसी तरह, मध्य गुजरात में नर्मदा, पंचमहाल, भरुच, वडोदरा, खेडा, आणंद, सौराष्ट्र में भावनगर, अमरेली, मोरबी के अलावा कच्छ में भारी बारिश हो सकती है.गुजरात में बांध के हालात...गुजरात में 207 छोटे-बडे़ बांध हैं, जिसमें 13 बांध हाईअलर्ट पर हैं. 8 बांध अलर्ट पर हैं. 7 बांध खतरे के निशान के करीब हैं. जबकि सरदार सरोवर बांध अपनी क्षमता के 45.37% भर चुका है. इसके अलावा, 11 बांध 100 फीसदी भर चुके हैं. 18 बांध 70 से 100 फीसदी भर चुके हैं. वहीं 25 बांध 50 से 70 फीसदी भर चुके हैं. इनमें उत्तर गुजरात के 15, मध्य गुजरात के 17, दक्षिण गुजरात के 13, कच्छ के 20 और सौराष्ट्र के 141 बांध भर चुके हैं.गुजरात में बारिश के चलते छोटाउदेपुर जिले में आज स्कूल, कॉलेज, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और आंगनबाड़ी बंद रखे गए थे.मध्य प्रदेश में 33 जिलों में भारी बारिश का अलर्टमध्य प्रदेश में मौसम विभाग ने 33 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. राज्य में 24 घंटे में बिजली गिरने से 7 की मौत हुई है. IMD ने कहा कि मंगलवार सुबह भारी बारिश होने की संभावना है. इन 33 जिलों में भोपाल, इंदौर, जबलपुर और नर्मदापुरम शामिल हैं. राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में एक जून से अब तक बिजली गिरने से 60 लोगों की मौत हुई है. ​पिछले 24 घंटे में जहां सात मौतें हुईं हैं, उनमें मंडला में दो, अशोक नगर, दतिया, गुना, नरसिंहपुर और नर्मदापुरमन में एक-एक की जान गई है. राज्य के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी में सोमवार सुबह 8:30 बजे तक बीते 24 घंटे में 103.2 मिमी बारिश हुई. जबकि रायसेन, बैतूल, नर्मदापुरम, जबलपुर, छिंदवाड़ा, भोपाल, ग्वालियर और इंदौर में क्रमशः 86.4 मिमी, 72.6 मिमी, 70.4 मिमी, 55.0 मिमी, 55.0 मिमी, 46.4 मिमी, 21.9 मिमी और 17.2 मिमी वर्षा हुई.भोपाल जिले में अब तक 365.7 मि.मी. औसत वर्षा दर्जभोपाल जिले में सोमवार सुबह 8:30 बजे की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 365.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई. रातभर में ही 91.5 मिमी बारिश हो चुकी है. ​MP में आज शाम 8:30 बजे बारिश.. (मिमी में)रायसेन सिटी - 98.0, भोपाल सिटी - 78.2, सिवनी सिटी - 70.0, गुना सिटी - 43.0, नर्मदापुरम सिटी - 42.0, विदिशा - कुरवाई - 38.0, शिवपुरी - करैरा - 36.5, खंडवा सिटी - 35.0, छिंदवाड़ा - पेंच - 34.0, गुना - आरोन KVK - 33.5, शिवपुरी - पिपरसमा KVK - 23.5, भोपाल - बैरागढ़ - 21.8, शिवपुरी - नरवर - 19.0, बालाघाट - पाला KVK - 19.0, ग्वालियर सिटी - 16.0, खरगोन सिटी - 16.0, मंडला सिटी - 11.0, सागर - लह्दारा KVK - 10.5, खण्डवा - KVK - 10.5, बालाघाट - मलाजखंड - 8.0, खंडवा - न्यू हरसूद - 6.0, रायसेन - बेगमगंज - 4.0, राजगढ़ सिटी - KVK - 3.0, दमोह सिटी/ मड़ियाहार KVK - 3.0, सतना - जीतनगर- मैहर - 2.5, बैतूल सिटी - 2.0, अशोकनगर - आंवरी KVK - 1.5, उज्जैन सिटी - 1.0, बड़वानी - तालुन KVK - 1.0, सागर सिटी - 0.8, इंदौर - एयरपोर्ट - 0.8, जबलपुर सिटी - 0.5, सीधी - रामपुर नैकिन - 0.5, छिंदवाड़ा सिटी - 0.4.महाराष्ट्र: नासिक में 12वीं के स्कूल बंद रहेंगेमहाराष्ट्र में बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात हैं. यहां नासिक में लगातार बारिश की वजह से 14 जुलाई तक रेड अलर्ट जारी किया गया है. कल यानी 12 जुलाई को कक्षा एक से 12वीं तक के स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे. स्थानीय प्रशासन ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं. मौसम विभाग ने नासिक में अगले 3 दिनों के लिए बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. नासिक में सोमवार को चौथे दिन भी भारी बारिश रही. पिछले 12 घंटे में त्र्यंबकेश्वर में 182 मिमी बारिश हुई, जबकि इगतपुरी में 137 मिमी बारिश हुई. गोदावरी नदी पर रामकुंड घाट के आसपास के मंदिरों में बाढ़ का पानी भर गया है. यहां जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. गोदावरी तट पर रहने वालों को अलर्ट जारी कर दिया गया है.यहां गोदावरी नदी उफान पर है. रामघाट पर सभी मंदिर पानी में डूबे हैं. जिले में 7 डैम से पानी निकाला जा रहा है. डैम में पानी की मात्रा 18% से 51% तक पहुंच गई. इसके अलावा, सप्तशृंगी माता के पहाड पर स्थित मंदिर परिसर में अचानक बाढ़ आने से 7 लोग जख्मी हो गए. जिला प्रशासन ने मदद के लिये SDRF की टीम बुलाई है. अब तक 3 रास्ते और 7 पुल डूबे हैं.गंगापुर बांध से 7000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जबकि इगतपुरी में डरना बांध से 10500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. वहीं, वहीं, सीएम एकनाथ शिंदे ने गढ़चिरौली के हालात की जानकारी ली. वहां भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात हैं.यवतमाल में चार दिन से बारिश जारीयवतमाल में भारी बारिश हो रही है. यहां पिछले 4 दिन में 1000 मिमी से अधिक बारिश हुई है. कपास और सोयाबीन की सैकड़ों एकड़ फसल बाढ़ के पानी में डूब गई है. बाभुलगांव, कलांब, वाणी, मारेगांव गांवों में 100 मिमी से अधिक बारिश हुई है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है. भारी बारिश के कारण छोटी सड़कें और पुल भी पानी में डूब गए हैं, जिससे कनेक्टिविटी पर प्रभावित हो गई है.नंदुरबार में स्कूली बच्चों को बचाया गयामहाराष्ट्र के नंदुरबार जिले के अक्कलकुवा में भारी बारिश से स्कूल जलमग्न हो गए हैं. वडफली आश्रम स्कूल के छात्रों को सुरक्षित निकाला गया है. ये गांव सतपुड़ा की सुदूर पर्वत श्रृंखलाओं में स्थित है. नंदुरबार में रविवार से हो रही लगातार बारिश से देव नदी में बाढ़ आ गई है और आश्रम के स्कूल में बाढ़ का पानी आ गया था. स्कूल के छात्रों को रस्सी की मदद से बचाया गया और उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया. कुछ छात्रों को आश्रम स्कूल की तीसरी मंजिल पर शिफ्ट कर दिया गया.ओडिशा: बाढ़ में फंसे स्कूली बच्चों ने रस्सी के सहारे पार की नदीओडिशा के गंजाम जिले में स्कूली बच्चों ने जिंदगी को दांव पर लगाकर नदी पार की है. ये बच्चे बाढ़ आने से फंसे थे. ग्रामीणों की मदद से बच्चों ने रस्सी के सहारे नदी पार की. मामला पात्रापुर प्रखंड का है. यहां गांव में पुल नहीं होने के कारण लोगों को नदी पार कर निकलना होता है. शिक्षा मंत्री ने स्थानीय विधायक और विभाग के अधिकारियों को समस्या हल करने का आदेश दिया है. ​बारिश के मौसम में हमेशा पंचायत के करीब 15 गांवों के स्थानीय लोगों को नदी के बीचों-बीच पार कर निकलना पड़ता है. शुक्रवार को स्कूली बच्चों ने देखा कि भारी बारिश के कारण नदी में बाढ़ आ गई है. जिसके बाद बच्चों ने घबराकर पास के ग्रामीणों से सहायता करने की मांग की. ऐसे में लोगों ने एक छोर से दूसरे छोर पर रस्सी बांध कर बच्चों को नदी पार करवाई. हालांकि ऐसे में जान का खतरा बना रहता है. ​तेलंगाना भी जमकर बारिशIMD ने तेलंगाना के उत्तरी जिले के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. तेलंगाना के निर्मल, मुलुगु, एतुरनगरम जिलों के कई निचले इलाकों में बारिश का पानी भर गया है. एहतियात के तौर पर निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को शिविरों और पुनर्वास केंद्रों में भेजा गया है.तेलंगाना में सीएम ने हाई अलर्ट पर रहने को कहातेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्य के ऊपरी क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण अफसरों को अलर्ट रहने के लिए कहा है. यहां गोदावरी नदी उफान पर है. SRSP और अन्य जलाशयों में पानी छोड़ने का निर्देश दिया है. IMD ने अगले दो से तीन दिनों में तेलंगाना के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी दी है. सीएम केसीआर ने मंत्रियों, विधायकों, कलेक्टरों, सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने अन्य कार्यक्रम रद्द करने और खुद लोगों के बीच पहुंचने के निर्देश दिए हैं. इन सभी को हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है.कर्नाटक: सीएम ने प्रभावित इलाके का दौरा करेंगेकर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई राज्य के बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे. सीएम हालात की समीक्षा के बाद जरूर कार्रवाई के निर्देश देंगे. बोम्मई ने कहा कि वह कोडागु, दक्षिण कन्नड़, उत्तर कन्नड़ और उडुपी जिलों का दौरा करेंगे. ये इलाके भारी बारिश से ज्यादा प्रभावित हुए हैं.

भारत में शीशे का पुल कहाँ बनाया गया है ? By वनिता कासनियां पंजाब ✍️ भारतीयों को अपने देश पर गर्व होना चाहिए कि चीन के बाद भारत में भी शानदार शीशे के पुल बनने शुरू हो चुके हैं। शीशे के पुल, जिसको स्काई ब्रिज, ग्लास ब्रिज और स्काई ग्लास ब्रिज भी कहा जाता है।आइए शुरू करते हैं, देश के पहले स्काई ब्रिज से :सिक्किम के पेलिंग मे बना पहला स्काई ब्रिज :देश का पहला स्काई ब्रिज बनाने का मान मिला है सिक्किम को। यहां देश का पहला स्काई ब्रिज सिक्किम के पेलिंग मे बना है।जो समुद्र की सतह से 2150 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।देखिए इसकी शानदार तस्वीरें : 👇यह भी : 👇हालंकि यह पूरी तरह से स्काई ग्लास ब्रिज नहीं है। क्योंकि बीच-बीच में ग्लास की जगह कुछ और भी है।2. बिहार के नालंदा का ग्लास स्काई ब्रिज :पर बिहार के नालंदा में देश का दूसरा, पर पूरी तरह से स्काई यां ग्लास ब्रिज बना है।शीशे का ये ब्रिज इतना शानदार है कि कोई भी इसे देखता रह जाए।इसकी लंबाई 85 फीट व चैडाई 6 फीट है। घाटी से इसकी ऊंचाई करीब 250 फीट है।ब्रिज की क्षमता को देखते हुए अब रोजाना ग्लास स्काइवॉक पर जाने वालों की संख्या 800 कर दी गई है.पर एक साथ इस पर 15 से 17 लोग ही जा सकते हैं।अधिकरियों का दावा है कि यह पुल चीन के हेबई प्रांत के एस्ट तैहांग में बने स्काई वॉक ब्रिज की तर्ज पर बनाया गया है।ब्रिज की खासियत यह है कि यहां से आप राजगीर की नेचर सफारी का दृश्य पूरी तरह से देख सकते हैं।इस ग्लास फ्लोर ब्रिज का निर्माण चीन के ग्लास फ्लोर ब्रिज की तरह जरूर हुआ है पर निर्माण करने वाली एजेंसी महाराष्ट्र की है।vnitakasniapunjab05114@gmail.comयह ग्लास की 3 मजबूत लेयर के साथ त्यार किया गया है। इसके निर्माण पर 1.47 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।वहीं देश का तीसरा ग्लास फ्लोर ब्रिज उत्तराखंड के ऋषिकेश में बनाया जाना है।बहुत बह

आज का पंचांग, 18 अगस्त 2022: आज है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, जानें शुभ-अशुभ समय और राहुकाल By वनिता कासनियां पंजाब आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang): आज 18 अगस्त दिन गुरुवार है. आज सप्तमी तिथि है. आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami) मनाई जा रही है. रात्रि में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जा रहा हैVNITA आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang): आज 18 अगस्त दिन गुरुवार है. आज भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है. आज रात 09:23 बजे से अष्टमी ति​थि लग रही है. आज देश के अधिकतर हिस्सों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami) मनाई जा रही है. रात्रि के समय में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि को रात्रि के समय में हुआ था. इस वजह से हर साल लोग अष्टमी की रात्रि में ही जन्माष्टमी मनाते हैं. वैसे भी आज का दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है और आज उनके श्रीकृष्णावतार का भी दिन है. जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण के बाल गोपाल स्वरूप की पूजा करते हैं और उनके मंत्रों का जाप करते हैं. मंदिरों में श्रीकृष्ण के भजन और की​र्तन आयोजित होते हैं.भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा में तो जन्माष्टमी पर विशेष उत्सव होता है. हालांकि मथुरा में जन्माष्टमी 19 अगस्त को मनाई जाएगी. भगवान श्रीकृष्ण ने कंस के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए जन्म लिया था. नि:स्वार्थ प्रेम के प्रतीक राधा और कृष्ण बने. बाद में उन्होंने पूरे संसार को गीता का ज्ञान दिया, जीवन के असल ज्ञान से लोगों को परिचित कराया. आज जो लोग व्रत हैं, उनको भगवान विष्णु और भगवान श्रीकृष्ण दोनों का ही आशीष प्राप्त होगा. वैसे तो श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के ही अवतार हैं. आज चने की दाल, हल्दी, गुड़, घी, पीतल के बर्तन, पीले वस्त्र आदि का दान करने से गुरु दोष दूर होता है. आइए पंचांग से जानें आज का शुभ और अशुभ मुहूर्त और जानें कैसी होगी आज ग्रहों की स्थिति.18 अगस्त 2022 का पंचांगआज की तिथि – भाद्रपद कृष्णपक्ष सप्तमीआज का करण – विष्टिआज का नक्षत्र – भरणीआज का योग – व्रुद्धीआज का पक्ष – कृष्णआज का वार – गुरुवासूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समयसूर्योदय – 06:16:00 AMसूर्यास्त – 07:09:00 PMचन्द्रोदय – 23:03:59चन्द्रास्त – 12:00:00चन्द्र राशि– मेषहिन्दू मास एवं वर्षशक सम्वत – 1944 शुभकृतविक्रम सम्वत – 2079काली सम्वत – 5123दिन काल – 13:06:34मास अमांत – श्रावणमास पूर्णिमांत – भाद्रपदशुभ समय – 11:58:35 से 12:51:02 तकवर्क फ्रॉम शुभ समय (अशुभ मुहूर्त)दुष्टमुहूर्त– 10:13:43 से 11:06:09 तक, 15:28:20 से 16:20:47 तककुलिक– 10:13:43 से 11:06:09 तककंटक– 15:28:20 से 16:20:47 तकराहु काल– 14:19 से 15:56 तककालवेला/अर्द्धयाम– 17:13:13 से 18:05:39 तकयमघण्ट– 06:43:58 से 07:36:24 तकयमगण्ड– 05:51:32 से 07:29:51 तकगुलिक काल– 09:30 से 11:06 तकबलुवाना न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें

हनुमानजी के 108 नाम,, लेकिन जानिए 11 खास नामों का रहस्यBy वनिता कासनियां पंजाब: हनुमान जी के कई नाम है और हर नाम के पीछे कुछ ना कुछ रहस्य है। हनुमानजी के लगभग 108 नाम बताए जाते हैं। वैसे प्रमुख रूप से हनुमानजी के 12 नाम बताए जाते हैं। बलशालियों में सर्वश्रेष्ठ है हनुमानजी। कलिकाल में उन्हीं की भक्ति से भक्त का उद्धार होता है। जो जपे हनुमानजी का नाम संकट कटे मिटे सब पीड़ा और पूर्ण हो उसके सारे काम। तो आओ जानते हैं कि हनुमानजी के नामों का रहस्य।     1. मारुति : हनुमानजी का बचपना का यही नाम है। यह उनका असली नाम भी माना जाता है।    2. अंजनी पुत्र : हनुमान की माता का नाम अंजना था। इसीलिए उन्हें अंजनी पुत्र या आंजनेय भी कहा जाता है।   3. केसरीनंदन : हनुमानजी के पिता का नाम केसरी था इसीलिए उन्हें केसरीनंदन भी कहा जाता है। 4. हनुमान : जब बालपन में मारुति ने सूर्य को अपने मुंह में भर लिया था तो इंद्र ने क्रोधित होकर बाल हनुमान पर अपने वज्र से वार किया। वह वज्र जाकर मारुति की हनु यानी कि ठोड़ी पर लगा। इससे उनकी ठोड़ी टूट गई इसीलिए उन्हें हनुमान कहा जाने लगा।   4. पवन पुत्र : उन्हें वायु देवता का पुत्र भी माना जाता है, इसीलिए इनका नाम पवन पुत्र हुआ। उस काल में वायु को मारुत भी कहा जाता था। मारुत अर्थात वायु, इसलिए उन्हें मारुति नंदन भी कहा जाता है। वैसे उनमें पवन के वेग के समान उड़ने की शक्ति होने के कारण भी यह नाम दिया गया।   6. शंकरसुवन : हनुमाजी को शंकर सुवन अर्थात उनका पुत्र भी माना जाता है क्योंकि वे रुद्रावतार थे।   7. बजरंगबली : वज्र को धारण करने वाले और वज्र के समान कठोर अर्थात बलवान शरीर होने के कारण उन्हें वज्रांगबली कहा जाने लगा। अर्थात वज्र के समान अंग वाले बलशाली। लेकिन यह शब्द ब्रज और अवधि के संपर्क में आकर बजरंगबली हो गया। बोलचाल की भाषा में बना बजरंगबली भी सुंदर शब्द है।   8. कपिश्रेष्ठ : हनुमानजी का जन्म कपि नामक वानर जाति में हुआ था। रामायणादि ग्रंथों में हनुमानजी और उनके सजातीय बांधव सुग्रीव अंगदादि के नाम के साथ 'वानर, कपि, शाखामृग, प्लवंगम' आदि विशेषण प्रयुक्त किए गए। उनकी पुच्छ, लांगूल, बाल्धी और लाम से लंकादहन इसका प्रमाण है कि वे वानर थे। रामायण में वाल्मीकिजी ने जहां उन्हें विशिष्ट पंडित, राजनीति में धुरंधर और वीर-शिरोमणि प्रकट किया है, वहीं उनको लोमश ओर पुच्छधारी भी शतश: प्रमाणों में व्यक्त किया है। अत: सिद्ध होता है कि वे जाति से वानर थे।   9. वानर यूथपति : हनुमानजी को वानर यूथपति भी कहा जाता था। वानर सेना में हर झूंड का एक सेनापति होता था जिसे यूथपति कहा जाता था। अंगद, दधिमुख, मैन्द- द्विविद, नल, नील और केसरी आदि कई यूथपति थे।    10. रामदूत : प्रभु श्रीराम का हर काम करने वाले दूत।   11. पंचमुखी हनुमान : पातल लोक में अहिरावण का वध करने जब वे गए तो वहां पांच दीपक उन्हें पांच जगह पर पांच दिशाओं में मिले जिसे अहिरावण ने मां भवानी के लिए जलाए थे। इन पांचों दीपक को एक साथ बुझाने पर अहिरावन का वध हो जाएगा इसी कारण हनुमान जी ने पंचमुखी रूप धरा। उत्तर दिशा मेंवराह मुख, दक्षिण दिशा में नरसिंह मुख, पश्चिम में गरुड़ मुख, आकाश की तरफ हयग्रीव मुख एवं पूर्व दिशा में हनुमान मुख। इस रूप को धरकर उन्होंने वे पांचों दीप बुझाए तथा अहिरावण का वध कर राम,लक्ष्मण को उस से मुक्त किया। मरियल नामक दानव को मारने के लिए भी यह रूप धरा था।   दोहा :  उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान। बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान॥    स्तुति :  हनुमान अंजनी सूत् र्वायु पुत्रो महाबलः। रामेष्टः फाल्गुनसखा पिङ्गाक्षोऽमित विक्रमः॥ उदधिक्रमणश्चैव सीता शोकविनाशनः। लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा॥   एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मनः। सायंकाले प्रबोधे च यात्राकाले च यः पठेत्॥ तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भवेत्।   यहां पढ़ें हनुमानजी के 12 चमत्कारिक नाम   1. हनुमान हैं (टूटी हनु). 2. अंजनी सूत, (माता अंजनी के पुत्र). 3. वायुपुत्र, (पवनदेव के पुत्र). 4. महाबल, (एक हाथ से पहाड़ उठाने और एक छलांग में समुद्र पार करने वाले महाबली). 5. रामेष्ट (राम जी के प्रिय). 6. फाल्गुनसख (अर्जुन के मित्र). 7. पिंगाक्ष (भूरे नेत्र वाले). 8. अमितविक्रम, ( वीरता की साक्षात मूर्ति)  9. उदधिक्रमण (समुद्र को लांघने वाले). 10. सीताशोकविनाशन (सीताजी के शोक को नाश करने वाले). 11. लक्ष्मणप्राणदाता (लक्ष्मण को संजीवनी बूटी द्वारा जीवित करने वाले). 12.. दशग्रीवदर्पहा (रावण के घमंड को चूर करने वाले).   हनुमान जी के 108 नाम :   1.भीमसेन सहायकृते 2. कपीश्वराय 3. महाकायाय 4. कपिसेनानायक 5. कुमार ब्रह्मचारिणे 6. महाबलपराक्रमी 7. रामदूताय 8. वानराय 9. केसरी सुताय 10. शोक निवारणाय 11. अंजनागर्भसंभूताय 12. विभीषणप्रियाय 13. वज्रकायाय 14. रामभक्ताय 15. लंकापुरीविदाहक 16. सुग्रीव सचिवाय 17. पिंगलाक्षाय 18. हरिमर्कटमर्कटाय 19. रामकथालोलाय 20. सीतान्वेणकर्त्ता 21. वज्रनखाय 22. रुद्रवीर्य 23. वायु पुत्र 24. रामभक्त 25. वानरेश्वर 26. ब्रह्मचारी 27. आंजनेय 28. महावीर 29. हनुमत 30. मारुतात्मज 31. तत्वज्ञानप्रदाता 32. सीता मुद्राप्रदाता 33. अशोकवह्रिकक्षेत्रेसीता मुद्राप्रदाता 34. सर्वमायाविभंजन 35. सर्वबन्धविमोत्र 36. रक्षाविध्वंसकारी 37. परविद्यापरिहारी 38. परमशौर्यविनाशय 39. परमंत्र निराकर्त्रे 40. परयंत्र प्रभेदकाय 41. सर्वग्रह निवासिने 42. सर्वदु:खहराय 43. सर्वलोकचारिणे 44. मनोजवय 45. पारिजातमूलस्थाय 46. सर्वमूत्ररूपवते 47. सर्वतंत्ररूपिणे 48. सर्वयंत्रात्मकाय 49. सर्वरोगहराय 50. प्रभवे 51. सर्वविद्यासम्पत 52. भविष्य चतुरानन 53. रत्नकुण्डल पाहक 54. चंचलद्वाल 55. गंधर्वविद्यात्त्वज्ञ 56. कारागृहविमोक्त्री 57. सर्वबंधमोचकाय 58. सागरोत्तारकाय 59. प्रज्ञाय 60. प्रतापवते 61. बालार्कसदृशनाय 62. दशग्रीवकुलान्तक 63. लक्ष्मण प्राणदाता 64. महाद्युतये 65. चिरंजीवने 66. दैत्यविघातक 67. अक्षहन्त्रे 68. कालनाभाय 69. कांचनाभाय 70. पंचवक्त्राय 71. महातपसी 72. लंकिनीभंजन 73. श्रीमते 74. सिंहिकाप्राणहर्ता 75. लोकपूज्याय 76. धीराय 77. शूराय 78. दैत्यकुलान्तक 79. सुरारर्चित 80. महातेजस 81. रामचूड़ामणिप्रदाय 82. कामरूपिणे 83. मैनाकपूजिताय 84. मार्तण्डमण्डलाय 85. विनितेन्द्रिय 86. रामसुग्रीव सन्धात्रे 87. महारावण मर्दनाय 88. स्फटिकाभाय 89. वागधीक्षाय 90. नवव्याकृतपंडित 91. चतुर्बाहवे 92. दीनबन्धवे 93. महात्मने 94. भक्तवत्सलाय 95.अपराजित 96. शुचये 97. वाग्मिने 98. दृढ़व्रताय 99. कालनेमि प्रमथनाय 100. दान्ताय 101. शान्ताय 102. प्रसनात्मने 103. शतकण्ठमदापहते 104. योगिने 105. अनघ 106. अकाय 107. तत्त्वगम्य 108. लंकारि

🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳*मै ये #प्रतिज्ञा लेती हूं*🇮🇳🇮🇳*कि 15 ##अगस्त बाद*🇮🇳🇮🇳*मेरे देश का #तिरंगा* 🇮🇳🇮🇳*अगर #हवा से या किसी*🇮🇳🇮🇳*कारण से #सड़क पर*🇮🇳🇮🇳*या #जमीन पर गिरा*🇮🇳🇮🇳*देखती हूं तो उसको*🇮🇳🇮🇳*पूरे #सम्मान के साथ*🇮🇳🇮🇳*उठाकर #सुरक्षित करूंगी*🇮🇳🇮🇳*ओर जमीन पर गिरे की*🇮🇳🇮🇳#फोटो नही लूंगी *🇮🇳🇮🇳*अपने राष्ट्र के ध्वज को*🇮🇳🇮🇳*पूर्ण #सम्मान दूंगी ।*🇮🇳🇮🇳*सभी नागरिक तिरंगे को*🇮🇳🇮🇳*उतारकर #सुरक्षित रखे।*🇮🇳🇮🇳*वनिता कासनियां #पंजाब*🇮🇳 🇮🇳🇮🇳🇮🇳*#जय #हिंद*🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳* I take this # pledge**that 15th ##after august*🇮🇳* my country's #tricolor** if # by air or any ** for reason # on the road *

बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम राजा इंद्र