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पंजाब का काला अध्याय शुरु.. 😢😢😢😢😢प्रसिद्ध आवाज से करोड़ों दिलों पर राज करने वाले, दुनियाभर में भारत का नाम चमकाने वाले मशहूर पंजाबी गायक @iSidhuMooseWala जी की मौत की खबर दुःखद है।ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे व इस समय उनके परिजनों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।भगवंत मान सरकार सरकार चलाने मे फ़ेल.. 😏😏जल्द से जल्द पंजाब मे राष्ट्रपति शासन लगाया जाये..... अफ़सोस यह मान्ग सभी राजनीतिक पार्टियों कि रहेगी.. 😏😏😏😏😏#पंजाबी #गायक #सिद्धू_#मूसेवाला की गोली मारकर #हत्या बेहद स्तब्ध करने वाली घटना है। कल ही पंजाब की "आम आदमी पार्टी सरकार" ने सिद्दू मूसे वाला सहित बहुत सारे लोगों की सुरक्षा हटाई थी किसी के साथ वैचारिक सहमति और असहमति जीवन का एक हिस्सा है पर किसी की हत्या कर देना यह तो घोर #निंदनीय और जघन्य कुकृत्य है। अकाली दल सरकार, पंजाब कांग्रेस सरकार ,आम आदमी पार्टी की सरकार मैं कोई फर्क नजर आया हो तो बताएं.....?सत सत नमन #Vnita 🙏🙏🙏ਸਿੱਧੂ ਮੁਸੇ ਵਾਲਾ ਨਾਲ ਵਾਪਰੀ ਘਟਨਾ ਬਾਰੇ ਜਾਣ ਕੇ ਬਹੁਤ ਦੁੱਖ ਹੋਇਆ।#ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਓਹਨਾਂ ਦੀ ਆਤਮਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਚਰਨਾਂ ਵਿੱਚ ਨਿਵਾਸ ਬਖਸ਼ਣ ਜੀ

ई-शासन भारत में विधिक सेवाएँ महत्वपूर्ण अधिनियम बच्चों से जुड़ी अधिनियम किशोर न्याय अधिनियम, 2015 बाल कल्याण समिति अवस्था:खुला बाल कल्याण समिति By वनिता कासनियां पंजाबबाल कल्याण समिति समिति के संबंध में प्रक्रिया समिति की शक्तियाँ समिति के कृत्य और उत्तरदायित्व बाल कल्याण समिति(1) राज्य सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, प्रत्येक जिले के लिए इस अधिनियम के अधीन देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक के संबंध में एक या अधिक बाल कल्याण समितियों का, ऐसी समितियों को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करने और कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए गठन करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि समिति के सभी सदस्यों के अधिष्ठापन, प्रशिक्षण और संवेदनशीलता की, अधिसूचना की तारीख से दो मास के भीतर व्यवस्था की जाए।(2) समिति, एक अध्यक्ष और चार ऐसे अन्य सदस्यों से मिलकर बनेगी, जिन्हें राज्य सरकार नियुक्त करना ठीक समझे और उनमें से कम से कम एक महिला होगी और दूसरा बालकों से संबंधित विषयों का विशेषज्ञ होगा।(3) जिला बालक संरक्षण एकक एक सचिव और उतने अन्य कर्मचारिवृंद उपलब्ध कराएगा, जितने समिति को उसके प्रभावी कार्यकरण हेतु सचिवालयिक सहायता के लिए अपेक्षित हों।(4) किसी व्यक्ति को समिति के सदस्य के रूप में तब तक नियुक्त नहीं किया जाएगा जब तक ऐसा व्यक्ति कम से कम सात वर्ष तक बालकों से संबंधित स्वास्थ्य, शिक्षा या कल्याण संबंधी कार्यकलापों में सक्रिय रूप से अंतर्वलित न हो या बाल मनोविज्ञान या मनोरोग विज्ञान या विधि या सामाजिक कार्य या समाज विज्ञान अथवा मानव विकास में डिग्री के साथ व्यवसायरत व्यवसायी न हो।(5) किसी व्यक्ति को सदस्य के रूप में तब तक नियुक्त नहीं किया जाएगा जब तक उसके पास ऐसी अहंताएं न हो, जो विहित की जाएं।(6) किसी व्यक्ति को सदस्य के रूप में तीन वर्ष से अधिक की अवधि के लिए नियुक्त नहीं किया जाएगा।(7) राज्य सरकार द्वारा समिति के किसी सदस्य की नियुक्ति, जांच किए जाने के पश्चात् समाप्त कर दी जाएगी, यदि(i) वह इस अधिनियम के अधीन उसमें निहित शक्ति के दुरुपयोग का दोषी पाया गया हो;(ii) वह किसी ऐसे अपराध का सिद्धदोष ठहराया गया हो जिसमें नैतिक अधमता अंतर्वलित है और ऐसी दोषसिद्धि को उलटा नहीं गया है या ऐसे अपराध की बाबत उसे पूर्ण क्षमा प्रदान नहीं की गई है;(iii) वह, किसी विधिमान्य कारण के बिना लगातार तीन मास तक, समिति की कार्यवाहियों में उपस्थित रहने में असफल रहता है या किसी वर्ष में कम से कम तीन चौथाई बैठकों में उपस्थित रहने में असफल रहता है।(8) जिला मजिस्ट्रेट, समिति के कार्यकरण का तिमाही पुनर्विलोकन करे I(9) समिति न्यायपीठ के रूप में कार्य करेगी और उसे दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 द्वारा, यथास्थिति महानगर मजिस्ट्रेट या प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट को प्रदत्त शक्तियां प्राप्त होगी।(10) जिला मजिस्ट्रेट, बाल कल्याण समिति का शिकायत निवारण प्राधिकारी होगा और बालक से संबंधित कोई व्यक्ति, जिला मजिस्ट्रेट को अर्जी फाइल कर सकेगा जो उस पर विचार करेगा और समुचित आदेश पारित करेगा।समिति के संबंध में प्रक्रिया(1) समिति, एक मास में कम से कम बीस बैठकें करेगी और अपनी बैठकों में कारबार के संव्यवहार की बाबत ऐसे नियमों और प्रक्रियाओं का अनुपालन करेगी, जो विहित की जाएं।(2) समिति द्वारा, किसी विद्यमान बाल देखरेख संस्था का, उसके कार्यकरण की जांच पड़ताल करने और बालकों की भलाई के लिए किया गया दौरा समिति की बैठक के रूप में माना जाएगा।(3) देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक को बाल गृह में या उपयुक्त व्यक्ति के पास रखे जाने के लिए, तब जब समिति सत्र में न हो, समिति के व्यष्टिक सदस्य के सामने पेश किया जा सकेगा।(4) किसी विनिश्चय के समय समिति के सदस्यों के बीच मतभेद की दशा में, बहुमत की राय अभिभावी होगी, किंतु जहां ऐसा बहुमत नहीं है वहां अध्यक्ष की राय अभिभावी होगी।(5) उपधारा (1) के उपबंधों के अधीन रहते हुए समिति, समिति के किसी सदस्य के अनुपस्थित रहते हुए भी कार्रवाई कर सकेगी और समिति द्वारा किया गया कोई आदेश, कार्यवाही के किसी प्रक्रम के दौरान केवल किसी सदस्य की अनुपस्थिति के आधार पर अविधिमान्य नहीं होगा; परंतु मामले के अंतिम निपटान के समय कम से कम तीन सदस्य उपस्थित होंगे।समिति की शक्तियाँ(1) समिति का, देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों की देखरेख, संरक्षण, उपचार, विकास और पुनर्वास के मामलों का निपटारा करने और उनकी मूलभूत आवश्यकताओं तथा संरक्षण के लिए उपबंध करने का प्राधिकार होगा।(2) जहां किसी क्षेत्र के लिए समिति का गठन किया गया है, वहां तत्समय प्रवृत्त किसी अन्यविधि में किसी बात के होते हुए भी, किंतु इस अधिनियम में अभिव्यक्त रूप से जैसा उपबंधित है, उसके सिवाय, ऐसी समिति को, देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों से संबंधित इस अधिनियम के अधीन सभी कार्यवाहियों के संबंध में अनन्यत; कार्य करने की शक्ति होगी।समिति के कृत्य और उत्तरदायित्वसमिति के कृत्यों और उत्तरदायित्वों में निम्नलिखित सम्मिलित होंगे;-(i) उसके समक्ष पेश किए गए बालकों का संज्ञान लेना और उन्हें ग्रहण करना;(ii) इस अधिनियम के अधीन बालकों की सुरक्षा और भलाई से संबंधित और उसको प्रभावित करने वाले सभी मुद्दों की जांच करना;(iii) बालक कल्याण अधिकारियों या परिवीक्षा अधिकारियों या जिला बालक संरक्षण एकक या गैर-सरकारी संगठनों को सामाजिक अन्वेषण करने और समिति के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निदेश देना;(iv) देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों की देखरेख करने हेतु 'योग्य व्यक्ति' की घोषणा करने के लिए जांच करना;(v) पोषण देखरेख के लिए किसी बालक के स्थानन का निदेश देना;(vi) बाल व्यष्टिक देखरेख योजना पर आधारित देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों की देखरेख, संरक्षण, समुचित पुनर्वास या प्रत्यावर्तन को सुनिश्चित करना और इस संबंध में माता-पिता या संरक्षक या योग्य व्यक्ति या बाल गृहों या उपयुक्त सुविधा तंत्र के लिए आवश्यक निदेश पारित करना;(vii) संस्थागत सहायता की अपेक्षा वाले प्रत्येक बालक के स्थानन के लिए, बालक की आयु, लिंग, निर्योग्यता और आवश्यकताओं पर आधारित तथा संस्था की उपलब्ध क्षमता को ध्यान में रखते हुए रजिस्ट्रीकृत संस्था का चयन करना;(viii) देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों के आवासिक सुविधाओं का प्रत्येक मास में कम से कम दो बार निरीक्षण दौरा करना और जिला बालक संरक्षण एकक और राज्य सरकार को सेवाओं की क्वालिटी में सुधार करने के लिए कार्रवाई करने की सिफारिश करना;(ix) माता-पिता द्वारा अभ्यर्पण विलेख के निष्पादन को प्रमाणित करना और यह सुनिश्चित करना कि उन्हें विनिश्चय पर पुन;विचार करने और कुटुंब को एक साथ रखने हेतु सभी प्रयास करने का समय दिया गया है;(x) यह सुनिश्चित करना कि ऐसी सम्यक प्रक्रिया का, जो विहित की जाए, अनुसरण करते हुए परित्यक्त या खोए हुए बालकों का, उनके कुटुंबों को प्रत्यावर्तन करने के लिए सभी प्रयास किए गए है;(xi) अनाथ, परित्यक्त और अभ्यपिंत बालक की सम्यक जांच के पश्चात् दत्तकग्रहण के लिए वैध रूप से मुक्त होने की घोषणा;(xii) मामलों का स्वप्रेरणा से संज्ञान लेना और ऐसे देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों तक पहुंचना, जिन्हें समिति के समक्ष पेश नहीं किया गया है, परंतु ऐसा तब जब ऐसा विनिश्चय कम से कम तीन सदस्यों द्वारा लिया गया हो;(xiii) लैंगिक रूप से दुर्व्यवहार से ग्रस्त ऐसे बालकों के पुनर्वास के लिए कार्रवाई करना जो लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के अधीन, यथास्थिति, विशेष किशोर पुलिस एकक या स्थानीय पुलिस द्वारा समिति को देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों के रूप में ज्ञापित है;(xiv) धारा 17 की उपधारा (2) के अधीन बोर्ड द्वारा निर्दिष्ट मामलों में कार्रवाई करना;(xv) जिला बालक संरक्षण एकक या राज्य सरकार के समर्थन से बालकों की देखरेख और संरक्षण में अंतर्वलित पुलिस, श्रम विभाग और अभिकरणों के साथ समन्वय करना;(xvi) समिति, किसी बालक देखरेख संस्था में किसी बालक से दुर्व्यवहार की शिकायत के मामले में जांच करेगी और यथास्थिति, पुलिस या जिला बालक संरक्षण एकक या श्रम विभाग निदेश देगी;(xvii) बालकों के लिए समुचित विधिक सेवाओं तक पहुंच बनाना;(xviii) ऐसी अन्य कृत्य और दायित्व, जो विहित किए जाएं।बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाब स्रोत; विधि और न्याय मंत्रालय, भारत सरकार

आज मैं आपको बॉडी लैंग्वेज से जुडें कुछ फैक्ट बताऊंगी कृपया 2 मिनट का समय निकाल कर इसे जरूर पढ़े। By वनिता कासनियां पंजाब 1.यदि कोई व्यक्ति अपने आंखो से इशारे करके बात कर रहा है तो इसका अर्थ यह है कि वह काफी समझदार हैं और हद से ज्यादा चालाक है। कभी कभी उनकी बातें झूठी भी हो सकती हैं तो उनसे सावधान रहें।2.अगर कोई व्यक्ति जल्दी जल्दी, तेज़ आवाज़ में बात कर रहा है तो इसका अर्थ यह है कि वह अपने जिन्दगी में बहुत ज्यादा चालाक है।3.यदि कोई व्यक्ति अपने हाथों को हिलाकर बात कर रहा है तो इसका अर्थ यह है कि वह काफी बुद्धिमान व्यक्ति है और सच बोलने वालों में से एक है।4.यदि कोई व्यक्ति बात करते करते अपनी आँखे इधर-उधर करके बात कर रहा है तो इसका अर्थ यह है कि वह कुछ झूठ बोलने वाला है या फिर वह आपसे कुछ कहना चाहता है मगर डर रहा है किसी बात से।5.कोई व्यक्ति अपनी आंखो को बोलने के दौरान बार बार दाहिने तरफ करता है तो इसका अर्थ यह है कि वह सच बात ही कहने वाला है बस अभी सोच रहा है और यह यदि विपरीत दिशा में कर रहा है तो इसका अर्थ यह है कि वह झूठ बोलने वाला है।6.अगर कोई व्यक्ति धीरे-धीरे और काफी धीमी आवाज़ में बात कर रहा है तो इसका अर्थ यह है कि वह अपने जिन्दगी में काफी शान्त रहना पसंद करता है।7.यदि कोई व्यक्ति जल्दी जल्दी चल रहा है तो इसका अर्थ यह है कि वह अपने जिन्दगी में ज्यादा इंतज़ार करना पसंद नहीं करता है या फिर वह अकेले ही रहने वाले लोगों में से एक है और काफी अकेलापन है उसके जीवन में वह अपने किसी पुराने दर्द से जुझ रहा है.8.यदि कोई अपने पैरों को फैलाकर खड़ा होता है, तो वे अपने आप में आश्वस्त होते हैं।मैं आशा करती हूं कि आपको मेरी पोस्ट पसंद आई होगी।अगर पसंद आया तो मेरी इस पोस्ट को अपवोट करना और मुझे फॉलो करना ना भूलें।🙏❤️😇#Vnita: मेरी पोस्ट पढ़ने के लिए आपका तहे दिल से धन्यवाद ।।😇❤️🙏

😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭वा दादा लाही हेली आधी आधी बटगी जब खानदानी चौखट भी बीच तै कटगी #बाल #वनिता #महिला #वृद्ध #आश्रम की #अध्यक्ष #श्रीमती #वनिता_कासनियां #पंजाब #संगरिया #हनुमानगढ़ #राजस्थान 🙏🙏❤️ पहल्यां तै बात कटी फेर उनके रिश्ते कटे जब दो भाईयां में धरती के वे टुकड़े बटे उनके किल्यां में भी तार लागगे खूड घटे माँ के दूसर आळे भांडे बाटे बिना ना डटे घर की एक-एक चीज न्यारी-न्यारी छटगी जब खानदानी चौखट भी बीच तै कटगी कमाता ना धेला भी इसे भाई नै के चाटूंगाकुणसा कुणसा बर्तन लेणा सै सारे छाटूंगा पहल्ड़ा सोच्या चौखट नै काटण तै नाटूंगा दूसरा बोल्या तूं बेशक राखले मैं तै काटूंगा सर-सर आरी चाली ईज्जत एकदम घटगी जब खानदानी चौखट भी बीच तै कटगी आपस में उनपै माड़ी-माड़ी बात भी ना उटीवो धरती क्युकर छोड़ै जीपै चौखट ना छुटी दादा,पड़ दादा की कमाई ओड़ चौधर लुटी गवांडा तांही ईज्जत की कती माटी कुटी माँ जायां के बीच में कती तरेड़ सी फटगी जब खानदानी चौखट भी बीच तै कटगी आरी चौखट पै चालै थी पर कटै थी #छाती जनवरी में भी बटवारे की लू चलैं थी ताती #काळजा पाटै था जब चोट मारै था खाती #दुनिया देखकै हांसै थी उन नै आती जाती बेज्जती मान कै तहलान की सांस डटगी जब #खानदानी #चौखट भी बीच तै कटगी ✒ #Vnita 🙏🙏💞💞💞 राधे राधे 💞💞 यो नाश कित कित होरया सै रै। या #फोटू #मैटोर गाम की बताई। मेरी सिर्फ कल्पना है।लेकिन 95% ईसा ही होया करै #बटवारे में।

महासिद्धियाँ By वनिता कासनियां पंजाब ये मुख्य सिद्धियाँ आठ प्रकार की होती हैं I इनमें से एक भी महा सिद्धि के प्राप्त हो जाने के बाद व्यक्ति के लिए संसार में कुछ भी असंभव नहीं रह जाता I ये आठों सिद्धियाँ यदि किसी को प्राप्त हो जाएं तो समझिये की वो साक्षात् ईश्वर है I इनके प्रकार :-अणिमा : इस सिद्धि को प्राप्त करने वाला व्यक्ति समस्त अणु एवं परमाणुओं की शक्ति से सम्पन्न हो जाता है I एक भौतिक वैज्ञानिक अच्छे से जानता है की एक- एक परमाणु अपने में कितनी ऊर्जा को समाहित किये हुए है I एक ग्राम यूरेनियम के संवर्धन से इतनी ऊर्जा निकलती है की पलक झपकने की देरी में 13 बार पृथ्वी को नष्ट किया जा सकता है तो इस अणिमा की सिद्धि से सम्पन्न योगी को कितनी शक्ति प्राप्त होती होगी Iमहिमा : इस सिद्धि से सम्पन्न हुआ महायोगी ईश्वर की तरह प्रकृति को बढ़ाने में सक्षम होता है I क्योंकि साक्षात् श्री हरि अपनी इसी सिद्धि से ब्रह्माण्ड का विस्तार करते हैं I ऋषि विश्वामित्र को ये सिद्धि प्राप्त हुई थी Iलघिमा : इस दिव्य महासिद्धि के प्रभाव से योगी सुदूर अनन्त तक फैले हुए ब्रह्माण्ड के किसी भी पदार्थ को अपने पास बुलाकर उसको लघु करके अपने हिसाब से उसमें परिवर्तन कर सकता है I भगवान विष्णु जी अपनी इसी कला से इस अनन्त ब्रह्मांडों के समूह के कण- कण के ऊपर नियंत्रण रखते है Iप्राप्ति : इस सिद्धि के बल पर जो कुछ भी पाना चाहें उसको पाया जा सकता है Iप्राकाम्य : इस सिद्धि के सिद्ध हो जाने पर आपके मन के विचार घनीभूत होकर ठोस पदार्थों में तब्दील होने लगते हैं अर्थात आपकी सोच जीवन्त संसार बनने लगती है I उन परमेश्वर ने अपनी इसी कला से इस ब्रह्माण्ड का निर्माण किया I उन्होंनेंउड़ने की इच्छा की तो पक्षियों की सृष्टि हुई, उन्होनें चमकना चाह तो हीरे बन गए, उन्होनें देखना चाहा तो सूर्य और टिमटिमाना चाहा तो तारे बन गए Iईशिता : इस संसार को नचाने वाली ब्रह्मा जैसे सृष्टिकर्ता को मोहित करने वाली माया इस सिद्धि से सुसम्पन्न महायोगियों के नियंत्रण में हो जाती है अर्थात वो ईश जैसा ही बन जाता है Iवशिता : जिस सिद्धि को साधने पर संसार के जड़, चेतन, जीव-जन्तु, पदार्थ- प्रकृति, देव- दानव सब वश में हो जाते हैं उसे वशिता कहते हैं Iख्याति : जिस सिद्धि को प्राप्त करने पर योगी अष्ट लक्ष्मी का स्वामी बन जाता है, समस्त भौतिक और परमार्थिक सुख संपदाएं प्राप्य बन जाती हैं I भगवान नारायण को इसी कला के प्रभाव से समुद्र की पुत्री महा लक्ष्मी ने वारन किया Iइसके अलावा दस सिद्धियां और भी हैं जिनके बल पर कोई सिद्ध कहलाता है इसंक्षेप में इनके बारे में सुनिए :अनूर्मि सिद्धि(भूख, प्यास, शोक, मोह, जरा, मृत्यु पर नियंत्रण)दूरश्रवण सिद्धि (दूरस्थ बातों का ज्ञान)दूरदर्शन सिद्धि (संसार के किसी भी पदार्थ को देख पाने की शक्ति)मनोजव सिद्धि (मन के वेग से कहीं भी स्थानांतरित होने की शक्ति)कामरूप सिद्धि (अपने शरीर को किसी भी रूप में बदलने की शक्ति)परकाया प्रवेश सिद्धि (अपनी आत्मा को किसी भी जीव- जन्तु में प्रवेश करा देने की शक्ति)स्वछंदमरण सिद्धि (अपनी इच्छा से मृत्यु की शक्ति)देवक्रीडानुदर्शन सिद्धि (स्वर्ग तक में हो रही गतिविधियों को देखने की शक्ति)यथासंकल्प सिद्धि (संकल्पों, विचारों को पूर्ण करने की शक्ति)अप्रतिहतगति सिद्धि (अबाधित गति की शक्ति)इसके अलावा काफी सारी क्षुद्र सिद्धियां होती हैं जो जल्दी ही प्राप्त हो जाती हैं इनसे साधक चमत्कारिक बन जाता है किन्तु इनमें न रूककर बड़ी सिद्धियों की तरफ जुटना चाहिए।

कान के मैल को साफ करने के लिए घरेलु उपाय कौनसे हैं? By वनिता कासनियां पंजाब कान के मैल को साफ करने के लिए मैं जिस घरेलू उपाय को बताने जा रही हूं वह बहुत ही आसान और कम समय वाला है।कान के मैल को साफ करने के लिए आप रात में सोने से पहले ड्रॉपर की मदद से एक या दो बूंद तेल वाली चक्की से खरीदा हुआ शुद्ध सरसों का तेल कान में डाल दें।ऐसा करने पर कान की मैल सुबह तक बिल्कुल मुलायम होकर अपने आप कान के छोर पर आ जाएगी। फिर आप उसे किसी कपड़े की मदद से बाहर निकाल लें।कान की मैल निकालने के लिए सरसों तेल का इस्तेमाल काफी पुराने समय से किया जा रहा है और इसके कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं है इसलिए एक बार इसका इस्तेमाल जरूर करें।चित्र स्रोत: गूगल

करी पत्ता : सुबह-सवेरे जरूर चबाएं करी पत्ते, पास नहीं फटकेंगी ये 5 बीमारियां By वनिता कासनियां पंजाब :वनिता कासनियां पंजाब करी पत्ता : सुबह-सवेरे जरूर चबाएं करी पत्ते, पास नहीं फटकेंगी ये 5 ,बीमारियांWhy We Should Chew Curry Leaves: करी पत्ते को कई तरह के भोजन में मिलाया जाता है जिससे इसका टेस्ट बेहतर हो जाए, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन पत्तों को सुबह-सवेरे चबाने से काफी फायदा हो सकता है.Curry Patta Khane Ke Fayde: भारतीय रसोई में करी पत्ते का इस्तेमाल काफी ज्यादा किया जाता है. खासकर ज्यादातर दक्षिण भारतीय डिशेज इस पत्ते का तड़का लगाया जाता है. करी पत्ते से किसी भी खाने का टेस्ट बेहतर किया जा सकता है. कई लोग इसे बाजार से खरीदते हैं तो कुछ इसे घर के गमले में ही उगाते हैं.सेहत का खजाना है करी पत्ताकरी पत्ते (Curry Leaves) में फॉस्फोरस, कैल्शियम, आयरन, कॉपर, विटामिन और मैग्नेशियम जैसे न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं जो शरीर को कई तरह से फायदे पहुंचाने का काम करते हैं. आइए जानते हैं कि अगर हर सुबह 3 से 4 हरे पत्ते चबाया जाए तो ये आपको कैसे लाभ पहुंचा सकता है.करी पत्ता खाने के जबरदस्त फायदे1. आंखों के लिए अच्छाकरी पत्ते (Curry Leaves) खाने से नाइट ब्लाइंडनेस (Night Blindness) या आंखों से जुड़ी कई अन्य बीमारियों का खतरा टल जाता है क्योंकि इसमें जरूरी पोषक तत्व विटामिन ए (Vitamin A) पाया जाता है जो आंखों की रोशनी बढ़ाने में मददगार है.2. डायबिटीज में मददगारडायबिटीज (Diabetes) के मरीजों को अक्सर करी पत्ते (Curry Leaves) चबाने की सलाह दी जाती है क्योंकि इनमें हाइपोग्लाइसेमिक प्रॉपर्टीज पाई जाती है जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करती है.3. डाइजेशन होगा बेहतरकरी पत्ते (Curry Leaves) को हर सुबह खाले पेट चबाना चाहिए क्योंकि इससे डाइजेशन बेहतर होता है और कब्ज, एसिडिटी, ब्लोटिंग समेत पेट की तमाम परेशनियों से छुटकारा मिल जाता है.4. इंफेक्शन से बचावकरी पत्ते (Curry Leaves) में एंटीफंगल और एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं जिससे कई तरह के इंफेक्शन से बचाव होता है और बीमारियों का खतरा टल जाता है5. वजन होगा कमकरी पत्ते (Curry Leaves) चबाने से वजन (Weight Loss) और पेट की चर्बी (Belly Fat) कम करने में मदद मिलती है क्योंकि इसमें एथिल एसीटेट, महानिम्बाइन और डाइक्लोरोमेथेन जैसे न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं.