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इंटरनेट पर कौन से झूठ फैलाये जा रहे हैं? By वनिता कासनियां पंजाब अगर आप यूट्यूब चलाते होंगे तो ये चीजें जरूर देखी होंगी।● इसमें दिखाया जाता है कि एक मोटर और जेनेरेटर( डाइनेमो ) को आपस में जोड़कर अगर चलाते हैं तो यह बगैर बाहरी ऊर्जा के चलना शुरू हो जाता है, और बिजली पैदा होने लगती है।● उसी प्रकार से ही यहाँ पर भी चुम्बक में तांबे का तार लपेटकर जब उससे सी-एफ-एल से जोड़ते हैं तो वह जल उठता है।सच्चाई तो यह है की इस तरह की वीडियो बनाने वाले यूट्यूब पर पैसा कमाने के लिए ज्यादा से ज्यादा व्यूज पा जाते हैं, और दर्शकों को झांसा देते रहते हैं।इस तरह की वीडिओज़ के व्यूज भी लाखों में रहते हैं( मतलब पागल बनने वालों की संख्या भी कम नहीं है)वैज्ञानिक रूप से देखा जाए तो सीधा सीधा नियम है:ऊर्जा को न तो बनाया जा सकता है और न ही मिटाया जा सकता है। यह केवल एक रूप से दूसरे रूप में बदली जा सकती है। ( Energy cannot be created nor destroyed, it can only be transformed from one form to another ).वीडियो बनाने के लिए उसमें किसी गुप्त सेल या ,बैटरी से ऊर्जा प्रदान की जाती है जो वीडियो देख रहे दर्शक नहीं देख पाते हैं। Vnita kasnia Punjab निष्कर्ष तो यही है कि इस तरह की वीडियो के झांसे में न आएं, वैज्ञानिक रूप से ये असंभव है।धन्यवाद!

घर से सांप भगाने का तरीका क्या है? By वनिता कासनियां पंजाब वर्षा ऋतु के प्रारंभ होने के साथ ही विषधर सर्पों के दंश से शहर हो या गाँव सभी भयभीत रहते हैं। सर्प विशेषज्ञों को बुलाने के अतिरिक्त अन्य कोई उपाय नहीं होता है। वहीं अत्यधिक व्यस्तता के कारण ये लोग सही समय और दूरी के कारण समय पर पहुंच नहीं पाते हैं अतः चेष्टा करुंगी कुछ घरेलू उपाय बताकर सहायता करने कीघर से सांप भगाने के लिए आप स्नैक कैचर को कॉल करके बुला सकते हैं। किंतु कभी-कभी ऐसा भी होता है कि आपात कालीन स्थिति हो जाय और घर पर कोई ना हो और यदि सांप से सुरक्षा चाहते हैं तो उसके लिए सामान्य उपाय कर सकते हैं।नाग दौना का पौधा- छत्तीसगढ़ में इसे दौना पत्ता भी कहते हैं। नाग दौन का पौधा अपने आंगन में लगा लीजिए। नाग दोन के पौधे में एक तरह का तेज गंध पाया जाता है। जो सर्प को इस पौधे के निकट आने से रोकता है अतः आप इस पौधे को घर पर लगाकर आसानी से स्वयं की एवं अपने आस-पास सांपो को आने से रोक सकते हैं। जिससे हम तो सुरक्षित रहेंगे ही और सबसे अधिक हमारे मित्र सांप सुरक्षित रहेंगे। ये बात मैंने इसलिए लिखी है क्योंकि लोग छोटे से सांप ( 2से 3 फीट) को देखकर ही मार देते हैं जो बहुत दुखद है।गरुड़ फल - यह अमरकंटक और सतपुड़ा के जंगलों में पाया जाने वाला दुर्लभ वृक्ष है। किंतु नर्सरी में मिल जाएगी। या आप जब भी अमरकंटक जाइए कृप्या इसे लाना ना भूलिए। तक्षक सर्प की तरह दिखता है। इसे देखकर सर्प घर में प्रवेश नहीं करते हैं। अतः इसे घर के प्रवेश द्वार पर ही लटकाकर रखें। कहते हैं इसे रखने से सर्प घर में प्रवेश नहीं करते हैं।सर्प गंधा - यह पौधा गमले में या भूमि पर आसानी से लगाई जा सकती है। आयुर्वेद में एक ऐसे पौधे की पूर्ण जानकारी है। यह आकार में छोटे होते हैं साथ ही इसमें सिंदूरी रंग के फूल निकलते हैं जो देखने में बहुत सुंदर होते हैं। इसके अनुसार इस पौध से निकलने वाली गंध भी अत्यंत तीखी होती है जिसके गंध से कहते हैं सामान्य सर्प इसके पास तक नहीं फटकते हैं। इसी विशेष गुण के कारण इसे सर्प गंधा कहते हैं।आप इसे नर्सरी से लाकर अपने घर के आंगन में अवश्य लगाइए।नोट - सांप खेतों में आने चूहों और कीटों को खाकर हमारे अनाज की रक्षा करते हैं। अतः वह भक्षक नहीं हमारे रक्षक हैं। हमारे मित्र हैं, समय रहते उनकी रक्षा करिए। उन्हें मत मारिए। मत मारिए…… 🙏🙏💐आप सभी ने इस पोस्ट को पढ़ने का अमूल्य समय दिया, आप सभी का हृदय से आंतरिक आभार ।स्त्रोत - लेखिका के स्वयं के विचार हैं।Vnita kasnia Punjab प्रश्न - घर से सांप भगाने का तरीका क्या है?,सभी गुणीजन अपनी बात टिप्पणी में अवश्य करें।

मौसम वैज्ञानिक बारिश आंधी का अनुमान कैसे लगाते हैं? By वनिता कासनियां पंजाब आमतौर पर लोग बताते हैं कि सेटेलाइट से बारिश की भविष्यवाणी की जाती है। नहीं..तस्वीर उपग्रह से आती है लेकिन तीव्रता का पता नहीं कितनी बारिश होगी। सैटेलाइट ही बता सकता है कि यहां कोई बादल है या वह इस गति से घूम रहा है। यह इसका पता लगाता है, लेकिन तीव्रता का अनुमान लगाने के लिए भारतीय मौसम विभाग (IMD) द्वारा भारत के अंदर 32 रडार हैं। जल्द ही इसकी संख्या बढ़ाकर 55 की जाएगी। इस रडार को डॉप्लर रडार कहा जाता है।डॉपलर राडार को अधिक ऊंचाई पर लगाया जाता है और इसका एंटीना एक बड़े गुब्बारे की तरह दिखता है और यह रेडियो तरंगों या रडार बीम का उपयोग करके बारिश के साथ-साथ तूफान, ओलावृष्टि और चक्रवाती तूफान की जानकारी देता है।डॉपलर रडार मौसम की सबसे छोटी तरंगों को भी पकड़ लेता है। इसकी रेडियो तरंगें प्रकाश की गति से तेज गति से चलती हैं और जब वे बारिश या ओलावृष्टि जैसी किसी चीज से टकराती हैं, तो वे रडार पर लौट आती हैं। मौसम विज्ञानी इन तरंगों की गति और उनकी वापसी में लगने वाले समय का विश्लेषण करते हैं और उसके आधार पर मौसम संबंधी भविष्यवाणियां, करते हैं।चित्र स्रोत:– गूगल

दुनिया के सर्वाधिक रहस्यमयी स्थान कौन से हैं, जिनकी गुत्थी मनुष्य और विज्ञान दोनों ही नहीं सुलझा पाए हैं?By Vnita kasnia Punjab Gugale का ग्रेट पिरामिडयह पिरामिड मेक्सिको में स्थित है। इसकी रहस्यमयी बात यह है कि आज तक कोई नहीं जानता कि इसे किसने और क्यों बनवाया। इसका कोई इतिहास नहीं है। इसमें चढ़ने के लिए सीढ़ियां भी हैं। यह दुनिया के सबसे बड़े 'पिरामिड' में से एक है।ब्लड फॉलयह जगह अंटार्कटिका में स्थित है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यहां लोहे की मात्रा बहुत अधिक है, जिसके कारण इस झरने से गिरने वाले पानी का रंग खून की तरह लाल होता है। लेकिन वैज्ञानिक अपनी बात पर 100% निश्चित नहीं हैं।केन क्रिस्टल्सकेन क्रिस्टल्स कोलंबिया की एक ऐसी जगह है जहां का पानी गर्मियों में ही लाल हो जाता है। यहां कई अजीबोगरीब पेड़-पौधे भी पाए जाते हैं। यहां पाए जाने वाले पौधे और कहीं नहीं पाए जाते हैं।चित्र स्रोत:– गूगल

*गंगा जल* By वनिता कासनियां पंजाब अमेरिका में एक लीटर गंगाजल 250 डालर में क्यों मिलता है ? सर्दी के मौसम में कई बार खांसी हो जाती है। जब डॉक्टर से खांसी ठीक नही हुई तो किसी ने बताया कि डाक्टर से खांसी ठीक नहीं होती तब गंगाजल पिलाना चाहिए।गंगाजल तो मरते हुए व्यक्ति के मुंह में डाला जाता है, हमने तो ऐसा सुना है ; तो डॉक्टर साहिब बोले- नहीं ! कई रोगों का इलाज भी है। दिन में तीन बार दो-दो चम्मच गंगाजल पिया और तीन दिन में खांसी ठीक हो गई। यह अनुभव है, हम इसे गंगाजल का चमत्कार नहीं मानते, उसके औषधीय गुणों का प्रमाण मानते हैं।कई इतिहासकार बताते हैं कि सम्राट अकबर स्वयं तो गंगा जल का सेवन करता ही था, मेहमानों को भी गंगा जल पिलाता था। इतिहासकार लिखते हैं कि अंग्रेज जब कलकत्ता से वापस इंग्लैंड जाते थे, तो पीने के लिए जहाज में गंगा का पानी ले जाते थे, क्योंकि वह सड़ता नहीं था। इसके विपरीत अंग्रेज जो पानी अपने देश से लाते थे वह रास्ते में ही सड़ जाता था।करीब सवा सौ साल पहले आगरा में तैनात ब्रिटिश डाक्टर एमई हॉकिन ने वैज्ञानिक परीक्षण से सिद्ध किया था कि हैजे का बैक्टीरिया गंगा के पानी में डालने पर कुछ ही देर में मर गया। दिलचस्प ये है कि इस समय वैज्ञानिक भी पाते हैं कि गंगा में बैक्टीरिया को मारने की गजब की क्षमता है। लखनऊ के नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट एनबीआरआई के निदेशक डॉक्टर चंद्र शेखर नौटियाल ने एक अनुसंधान में प्रमाणित किया है कि गंगा के पानी में बीमारी पैदा करने वाले ई-कोलाई बैक्टीरिया को मारने की क्षमता बरकरार है। डॉ नौटियाल का इस विषय में कहना है कि गंगा जल में यह शक्ति गंगोत्री और हिमालय से आती है।गंगा जब हिमालय से आती है तो कई तरह की मिट्टी, कई तरह के खनिज, कई तरह की जड़ी बूटियों से मिलती मिलाती है। कुल मिलाकर कुछ ऐसा मिश्रण बनता है- जिसे हम अभी तक नहीं समझ पाए हैं। डॉक्टर नौटियाल ने परीक्षण के लिए तीन तरह का गंगा जल लिया था। उन्होंने तीनों तरह के गंगा जल में ई-कोलाई बैक्टीरिया डाला। नौटियाल ने पाया कि ताजे गंगा पानी में बैक्टीरिया तीन दिन जीवित रहा, आठ दिन पुराने पानी में एक हफ्ते और सोलह साल पुराने पानी में 15 दिन। यानी तीनों तरह के गंगा जल में ई-कोलाई बैक्टीरिया जीवित नहीं रह पाया।वैज्ञानिक कहते हैं कि गंगा के पानी में बैक्टीरिया को खाने वाले बैक्टीरियोफाज वायरस होते हैं। ये वायरस बैक्टीरिया की तादाद बढ़ते ही सक्रिय होते हैं और बैक्टीरिया को मारने के बाद फिर छिप जाते हैं। मगर सबसे महत्वपूर्ण सवाल इस बात की पहचान करना है कि गंगा के पानी में रोगाणुओं को मारने की यह अद्भुत क्षमता कहाँ से आती है?दूसरी ओर एक लंबे अरसे से गंगा पर शोध करने वाले आईआईटी रुड़की में पर्यावरण विज्ञान के रिटायर्ड प्रोफेसर देवेंद्र स्वरुप भार्गव का कहना है कि गंगा को साफ रखने वाला यह तत्व गंगा की तलहटी में ही सब जगह मौजूद है। डाक्टर भार्गव कहते हैं कि गंगा के पानी में वातावरण से आक्सीजन सोखने की अद्भुत क्षमता है। भार्गव का कहना है कि दूसरी नदियों के मुकाबले गंगा में सड़ने वाली गंदगी को हजम करने की क्षमता 15 से 20 गुना ज्यादा है।गंगा *माता* इसलिए है कि गंगाजल अमृत है, जब तक अंग्रेज किसी बात को प्रमाणित नहीं करते तब तक भारतीय लोग सत्य नहीं मानते। भारतीय लोग हमारे सनातन ग्रन्थों में लिखी किसी भी बात को तब तक सत्य नहीं मानेंगे जब तक कि कोई विदेशी वैज्ञानिक या विदेशी संस्था उस बात की सत्यता की पुष्टि नहीं कर दे। इसलिए इस आलेख के वैज्ञानिकों केवक्तव्य BBC बीबीसी हिन्दी सेवा से साभार लिये गये हैं...*हर हर गंगे...🙏🏻🙏🏻

#बलुवाना #न्यूज #पंजाब Chhattisgarh Weather Update Today: पिछले 24 घंटों में छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज हुई है. अधिकतम तापमान की बात की जाए तो छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में वृद्धि देखने को मिली है.Chhattisgarh Weather Update Today 31 July 2022: इन दिनों देश में भारी बारिश से कई राज्यों में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. कहीं बाढ़ तो कहीं बादल फटने से भारी तबाही का मंजर सामने आ रहा है. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की बात करें तो राज्य में बारिश में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. कहीं भारी बारिश हो रही है तो कहीं बारिश नहीं होने की वजह से लोग उमस और गर्मी से परेशान हैं. कुछ इलाकों में कम बारिश होने की वजह से किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें दिखाई पड़ रही हैं.राज्य के बस्तर संभाग में भारी बारिश की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. पिछले 24 घंटों में छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है. अधिकतम तापमान की बात की जाए तो छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में वृद्धि देखने को मिली है. बाकी संभागों में कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ है. प्रदेश के रायपुर और बस्तर संभाग में सामान्य से अधिक और दूसरे संभागों में तापमान सामान्य रहा है.यहां दर्ज हुआ सबसे ज्यादा तापमानन्यूनतम तापमान में भी छत्तीसगढ़ के सभी संभागों में कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ है. प्रदेश के रायपुर और दुर्ग संभाग में सामान्य से अधिक, जबकि बाकी संभागों में न्यूनतम तापमान सामान्य रहा है. पिछले 24 घंटों में छत्तीसगढ़ का सबसे अधिक तापमान वाला इलाका कुरुद रहा है, जहां 35.0 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया है. छत्तीसगढ़ में पिछले 24 घंटो में कांकेर में 6, मानपुर, मोहला और नगरी में 5, नरहरपुर, दुर्गकोंदल, चरामा, केशकाल, बसना और बस्तानार 4, मनोरा, भानुप्रतापपुर और धमतरी में 3, बडेराजपुर, उसूर, पुसौर, पखांजूर, मगरलोड, कुसमी, लैलूंगा, गंडई, भैयाथान, सहसपुर लोहारा, बीजापुर, रामानुजगंज में 2, डौंडी, कटेकल्याण, अंतागढ़, जांजगीर, गरियाबंद, पंडरिया, डोंगरगढ़, मरवाही, ओडगी में 1 सेंटीमीटर और कुछ स्थानों उससे कम बारिश हुई है.रविवार को बिजली गिरने की भी आशंकामौसम वैज्ञानिक एच पी चंद्रा ने बताया कि मानसून द्रोणीका माध्य समुद्र तल पर फिरोजपुर, रोहतक, मेरठ, गोरखपुर, मुजफ्फरपुर, बालूरघाट, बांग्लादेश के मध्य भाग, अगरतला और उसके बाद पूर्व की ओर उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक स्थित है. एक ऊपरी हवा का चक्रीय #चक्रवाती घेरा उत्तर-पूर्व उत्तर प्रदेश और उसके आसपास 0.9 किलोमीटर से 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है. एक चक्रीय चक्रवाती घेरा दक्षिण-मध्य बंगाल की #खाड़ी के ऊपर 0.9 किलोमीटर से 3.1 #किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है. प्रदेश में रविवार को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने या गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है. प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ वज्रपात होने की भी आशंका है.

स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे Best Chai Recipe In Hindi: इस तरह बनाएंगे तो हर बार बनेगी परफेक्‍ट चाय, कभी नहीं बिगड़ेगा स्‍वाद, जाने तरीका! Best chai recipe in hindi: If you make this way, then you will make perfect tea every time, the taste will never deteriorate, know the way!By Vnita kasnia PunjabBest chai recipe in hindiBest chai recipe in hindi: भारत में चाय लाइफस्टाइल का ज़रूरी हिस्सा बन चुकी है। सुबह, दोपहर हो या शाम चाय पीने के लिए बस बहाना चाहिए। युवा, बच्‍चे, बजुर्ग हो या महिला सभी को चाय बेहद पसंद है, यहां तक की दिन की शुरूआत में यदि चाय ना मिले या खराब स्‍वाद की चाय मिल जाए तो पूरा दिन खराब हो जाता है। तो आईए जानते है कि कैसे एक बेहतरीन स्‍वाद वाली परफेक्‍ट चाय बनती है। बताते है चाय बनाने का सही तरीका!चाय बनाते वक्त होती हैं ये गलतियांचाय बनाते वक्त कई लोग गलतियां करते हैं, जिससे न सिर्फ चाय का स्वाद बिगड़ता है बल्कि चीज़ें भी वेस्ट होती हैं। जैसे चाय बनाते वक्त पत्ती सबसे पहले डाल देना, इससे चाय ज़्यादा कड़वी हो सकती है या फिर पत्ती कम पड़ सकती है। चाय में पत्ती की मात्रा सही होनी चाहिए। कई लोग चाय की पत्ती सबसे आखिर में डालते हैं और उसे सही तरीके से पकाते नहीं हैं। जिससे भी चाय का स्वाद अच्छा नहीं लगता। चाय को सही तरीके से उबालना ज़रूरी है, जिससे न सिर्फ स्वाद बल्कि चाय की खूशबू भी आती है।चाय बनाने का सही तरीका क्या है?

*पंजाब के CM भगवंत मान की हालत में सुधार, मिली अस्पताल से छुट्टी*by वनिता कासनियां पंजाब*चंडीगढ़:* पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को आज अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। आपको बता दें कि गत दिवस पेट में मामूली इन्फेक्शन होने के चलते उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद आज वह चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं। सूत्रों के अनुसार सी.एम. मान आज सिद्धू मूसेवाला के हत्यारों का एनकाउंटर करने वाले पुलिस कर्मचारियों से मुलकात करेंगे। गौरतलब है कि गत दिवस सी.एम भगवंत मान दिल्ली के अपोलो अस्पताल में दाखिल हुए थे जहां इलाज के बाद उनकी सेहत में सुधार होने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें घर वापिस जाने की इजाजत दे दी है।