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एक आदमी ने नारदमुनि से पूछा मेरे भाग्य में कितना धन है...नारदमुनि ने कहा - भगवान विष्णु से पूछकर कल बताऊंगा...By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबनारदमुनि ने कहा- 1 रुपया रोज तुम्हारे भाग्य में है...आदमी बहुत खुश रहने लगा...उसकी जरूरते 1 रूपये में पूरी हो जाती थी...एक दिन उसके मित्र ने कहा में तुम्हारे सादगी जीवन और खुश देखकर बहुत प्रभावित हुआ हूं और अपनी बहन की शादी तुमसे करना चाहता हूँ...आदमी ने कहा मेरी कमाई 1 रुपया रोज की है इसको ध्यान में रखना...इसी में से ही गुजर बसर करना पड़ेगा तुम्हारी बहन को...मित्र ने कहा कोई बात नहीं मुझे रिश्ता मंजूर है...अगले दिन से उस आदमी की कमाई 11 रुपया हो गई...उसने नारदमुनि को बुलाया की हे मुनिवर मेरे भाग्य में 1 रूपया लिखा है फिर 11 रुपये क्यो मिल रहे है...??नारदमुनि ने कहा - तुम्हारा किसी से रिश्ता या सगाई हुई है क्या...??हाँ हुई है...तो यह तुमको 10 रुपये उसके भाग्य के मिल रहे है...इसको जोड़ना शुरू करो तुम्हारे विवाह में काम आएंगे...एक दिन उसकी पत्नी गर्भवती हुई और उसकी कमाई 31 रूपये होने लगी...फिर उसने नारदमुनि को बुलाया और कहा है मुनिवर मेरी और मेरी पत्नी के भाग्य के 11 रूपये मिल रहे थे लेकिन अभी 31 रूपये क्यों मिल रहे है...क्या मै कोई अपराध कर रहा हूँ...??मुनिवर ने कहा- यह तेरे बच्चे के भाग्य के 20 रुपये मिल रहे है...हर मनुष्य को उसका प्रारब्ध (भाग्य) मिलता है...किसके भाग्य से घर में धन दौलत आती है हमको नहीं पता...लेकिन मनुष्य अहंकार करता है कि मैने बनाया,,,मैंने कमाया,,,मेरा है,,,मै कमा रहा हूँ,,, मेरी वजह से हो रहा है...हे प्राणी तुझे नहीं पता तू किसके भाग्य का खा कमा रहा है...।।👌👌👌👌👌🙏🙏जय श्री राम 🌹🌹

नौसादर (SALLAMONIAC ) -By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब१- नौसादर-४ ग्राम,सुहागा-४ ग्राम और सौंफ-२ ग्राम को अच्छी तरह बारीक पीसकर उसमें ४ ग्राम मीठा सोडा मिलाकर रख लें| इसमें से आधे से दो ग्राम की मात्रा में सुबह,दोपहर और शाम को रोगी को देने से पेट की बीमारियों में आराम होता है |२- फिटकरी,सेंधानमक तथा नौसादर बराबर मात्रा में लेकर बारीक चूर्ण बना लें | इसे प्रतिदिन सुबह-शाम मसूड़ों व दाँतों के सभी रोग ठीक हो जाते हैं |३- नौसादर को पानी में घोलकर ,उसमें एक साफ़ कपड़ा भिगोकर गांठ के ऊपर रखने से लाभ होता है |४- एक कप पानी में एक चुटकी नौसादर डालकर दिन में तीन बार पीने से खांसी ठीक हो जाती है |५- नौसादर और कुटकी को जल में मिलाकर माथे पर लेप की तरह लगाने से आधासीसी के दर्द में लाभ होता है |बाल वनिता महिला आश्रम

🙏.. सोचो साथ क्या जाएगा..🙏बाल वनिता महिला आश्रम÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷गांव-देहात में एक कीड़ा पाया जाता है..जिसे गोबरैला कहा जाता है। उसे गाय, भैंसों के ताजे गोबर की बू बहुत भाती है! वह सुबह से गोबर की तलाश में निकल पड़ता है और सारा दिन उसे जहां कहीं गोबर मिल जाता है, वहीं उसका गोला बनाना शुरू कर देता है। शाम तक वह एक बड़ा सा गोला बना लेता है। फिर उस गोले को ढ़केलते हुए अपने बिल तक ले जाता है। लेकिन बिल पर पहुंच कर उसे पता चलता है कि गोला तो बहुत बड़ा बन गया मगर उसके बिल का द्वार बहुत छोटा है। बहुत परिश्रम और कोशिशों के बाद भी वह उस गोले को बिल के अंदर नहीं ढ़केल पाता, और उसे वहीं पर छोड़कर बिल में चला जाता है।..यही हाल हम मनुष्यों का भी है। पूरी जिंदगी हम दुनियाभर का माल-मत्ता जमा करने में लगे रहते हैं, और जब अंत समय आता है, तो पता चलता है कि ये सब तो साथ नहीं ले जा सकते..और तब हम उस जीवन भर की कमाई को बड़ी हसरत से देखते हुए इस संसार से विदा हो जाते हैं..पुण्य किसी को दगा नहीं देता..और पाप किसी का सगा नहीं होता..जो कर्म को समझता है, उसे धर्म को समझने की जरूरत नहीं पड़ती..!..संपत्ति के उत्तराधिकारी कोई भी या अनेक हो सकते हैं...लेकिन कर्मों के उत्तराधिकारी केवल और केवल हम स्वयं ही होते हैं..इसलिए उसकी खोज में रहे जो हमारे साथ जाना है, उसे हासिल करने में ही समझदारी है..! 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ..मर्मस्पर्शी दृष्टांत. .===============प्रेरणादायक दंड..÷÷÷÷÷÷÷÷=÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷अमेरिका में एक पंद्रह साल का लड़का था.. स्टोर से चोरी करता हुआ पकड़ा गया। पकड़े जाने पर गार्ड की गिरफ्त से भागने की कोशिश में स्टोर का एक शेल्फ भी टूट गया। ..जज* ने जुर्म सुना और *लड़के* से पूछा..तुमने क्या सचमुच ब्रैड और पनीर का पैकेट" चुराया था ?.....लड़के ने नीचे नज़रें कर के जवाब दिया। ;- हाँ'।जज,:- 'क्यों ?'लड़का,:- मुझे ज़रूरत थी।जज:- 'खरीद लेते।लड़का:- 'पैसे नहीं थे।'जज:- घर वालों से ले लेते।'लड़का:- 'घर में सिर्फ मां है।बीमार और बेरोज़गार है..ब्रैड और पनीर भी उसी के लिए चुराई थी..जज:- तुम कुछ काम नहीं करते ?लड़का:- करता था एक कार वाशिंग प्वाइंट में..मां की देखभाल के लिए एक दिन की छुट्टी की थी, तो मुझे निकाल दिया गया..जज:- तुम किसी से मदद मांग लेते?लड़का:- सुबह से घर से निकला था, तकरीबन पचास लोगों के पास गया, बिल्कुल आख़िर में ये क़दम उठाया।जिरह ख़त्म हुई, जज ने फैसला सुनाना शुरू किया, चोरी और पनीर ब्रैड की चोरी बहुत शर्मनाक जुर्म है । और इस जुर्म के हम सब ज़िम्मेदार हैं। 'अदालत में मौजूद हर शख़्स मुझ सहित सब मुजरिम हैं..इसलिए यहाँ मौजूद हर शख़्स पर दस-दस डालर का जुर्माना लगाया जाता है। दस डालर दिए बग़ैर कोई भी यहां से बाहर नहीं निकल सकेगा।'..ये कह कर जज ने दस डालर अपनी जेब से बाहर निकाल कर रख दिए और फिर पेन उठाया लिखना शुरू किया:- इसके अलावा मैं स्टोर पर एक हज़ार डालर का जुर्माना करता हूं कि उसने एक भूखे बच्चे से ग़ैर इंसानी सुलूक करते हुए पुलिस के हवाले किया।l...अगर चौबीस घंटे में जुर्माना जमा नहीं किया तो कोर्ट स्टोर सील करने का हुक्म दे देगी।..जुर्माने की पूर्ण राशि इस लड़के को देकर कोर्ट उस लड़के से माफी तलब करती ह.!..फैसला सुनने के बाद कोर्ट में मौजूद लोगों के आंखों से आंसू तो बरस ही रहे थे.. उस लड़के के भी हिचकियां बंध गईं..!वह लड़का बार बार जज को देख रहा था जो अपने आंसू छिपाते हुए बाहर निकल गये..!..क्या हमारा समाज, सिस्टम और अदालत इस तरह के निर्णय के लिए तैयार है ?बाल वनिता महिला आश्रम सोचिए. ..विचारिये..और अपने अंतर्मन से पूछिये. .कि आज हम कहा तक पहुंच चुके हैं. .!!+++++++++++++++++++!+🙏सत्यमेव जयते🙏*महान नेता बनने की कोई* *ख़्वाहिश नहीं मेरी*🌷*करूँ ख़ुद को साबित ये* *आजमाइश नहीं मेरी*🌷*समाज सेवा हित में चाहिए* *सहयोग आपका*🌷*इसके अलावा और कोई* *फरमाइश नहीं मेरी*🌷*समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब*🌷🌷🌷🌷🌷🌷🙏🙏🌷🌷🌷🌷

*महान नेता बनने की कोई* *ख़्वाहिश नहीं मेरी*🌷*करूँ ख़ुद को साबित ये* *आजमाइश नहीं मेरी*🌷*समाज सेवा हित में चाहिए* *सहयोग आपका*🌷*इसके अलावा और कोई* *फरमाइश नहीं मेरी*🌷*समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब*🌷🌷🌷🌷🌷🌷🙏🙏🌷🌷🌷🌷

#बेसहारा बाल वनिता महिला आश्रम खोया है उसने अपनों को किन बे दर्द हालातों में।भरपेट खाना खाकर सुकून की नींद लेने वालों कभी #महसूस करके देखो किसी बेसहारा का दर्द बातों में। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबजो फुटपाथ पर अपनी हर एक रात बितातें हैं,एक हल्की सी आहट से ही जाग जाते हैं।और जब पातें हैं तन्हा खुद को बेबसी की इस जंग में,तो घुटनों से दबा के खाली पेट भूख और ठण्ड दोनों को मिटाते हैं।सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं,बाँध लो एक डोर इनसे रिश्ते-नातों मेंकभी महसूस करके देखो किसी बेसहारा का दर्द बातों में।लगाओ तुम गले उनको,इंतजार छोड़ दो,किसी बेसहारा के लिए थोडा सा प्यार छोड़ दो।फिर देखना उसकी एक #मुस्कुराहट कितनासुकून देती है,खून के रिश्तों से बड़ा, #इंसानियत का #रिश्ता जोड़ दो।#जिन्दगी का #मकसद सफल हो जायेगा थाम लो एक मजबूर हाथअपने हाथों में,कभी #महसूस करके देखो किसी #बेसहारा_का #दर्द #बातों में।

बेसहारा को सहारा देना सबसे बड़ी मानव सेवा *बाल वनिता महिला आश्रम*अपनों की उपेक्षा के चलते दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर बेसहारा वृद्धों को सहारा देना सबसे बड़ी मानव सेवा है। इसी प्रकार का कार्य *बाल वनिता महिला आश्रम* में नि:स्वार्थभाव से सेवा की जाती है। उनके रहने खाने पीने के साथ स्वास्थ का विशेष ध्यान रख जाता है। उन्हें किसी भी प्रकार की बीमारी होने पर योग व प्राकृतिक ढंग से उनका इलाज किया जाता है।

बेसहारा को सहारा देना सबसे बड़ी मानव सेवा *बाल वनिता महिला आश्रम*अपनों की उपेक्षा के चलते दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर बेसहारा वृद्धों को सहारा देना सबसे बड़ी मानव सेवा है। इसी प्रकार का कार्य *बाल वनिता महिला आश्रम* में नि:स्वार्थभाव से सेवा की जाती है। उनके रहने खाने पीने के साथ स्वास्थ का विशेष ध्यान रख जाता है। उन्हें किसी भी प्रकार की बीमारी होने पर योग व प्राकृतिक ढंग से उनका इलाज किया जाता है।संस्था प्रमुख एवं *वनिता कासनियां पंजाब* ने कहा कि आज के आधुनिक युग में बुजुर्गो की उपेक्षा हो रही है। जिसके चलते संस्कार रूपी खजाने को प्राप्त करने से बच्चे वंचित हो रहे है। वे यह भूल रहे है की एक दिन उन्हें भी उस अवस्था से गुजरना है। जिस पड़ाव पर उनके माता पिता पहुच गए हैं। हम उनका सम्मान करेंगे तो हमारे बच्चे भी सम्मान की परिभाषा सीख सकेंगे उन्होंने कहा कि स्वार्थी लोग अपने माता-पिता को दर-दर की ठोंकरे खाने के लिए उन्हें सड़कों पर भटकने के लिए अकेला छोड़ देते हेै। उस समय उनके पास अपनी संतान को कोसने के अलावा कुछ नहीं बचता। हमारी *संस्था बाल वनिता महिला आश्रम* ऐसे ही वृद्धों और बाल को सहारा व सम्मान देने के लिए कार्य कर रही है। आश्रम में रहने वाले बचो और वृद्धों को परिवार जैसा माहौल देने के लिए योग प्रशिक्षण का कार्यक्रम किए जाते है। उनमें बच्चों के साथ सभी वर्ग के लोगों को आमंत्रित किया जाता है। जिन्हें योगा प्रशिक्षण के साथ बीमारियों के बचाव व उपवार किया जाता है। The wife was repeatedly accusing the mother and the husband was repeatedly asking her to stay within her limits, but the wife was not taking the name of being silent and was screaming loudly and saying that "she put the ring on the table." hee

You may not be happy with your life but...Some people yearn for a life like you!!😢

Below is a simple picture, but with a very deep meaning.The man does not know that there is a snake below and the woman does not know that the man is also buried by a stone.Woman thinks: "I'm about to fall! And I'm not

to the fanatical self-respect of this fellowMy heartfelt salute

**ओम सूर्यदेवाय नमः****जय श्री राधे कृष्णा जी****शुभ रविवार ,सुप्रभातम**By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब. *आज का विचार **हम जहां प्रार्थना करते है, केवल वहीं ईश्वर नही होता। ईश्वर वहां भी होता है जहां हम गुनाह करते है।।**मंदिर में ईश्वर के सामने जाते है। तो अपने आपको साफ सुथरा बना कर जाते है।।**क्योंकि हम ये सोचते है कि ईश्वर सिर्फ यहीं है।**जब हम किसी के साथ दुर्व्यवहार करते है।। अपशब्द बोलते है तब ये भूल जाते है। कि ईश्वर यहां भी है।।**मतलब हम सिर्फ अपनी सुविधा के तरीके से ये मानते है। कि यहां ईश्वर है,औऱ यहां नही है, असल में तो ईश्वर ना यहां है , ना वहां है**ईश्वर आपके ह्रदय में है। आपकी वाणी में है**ईश्वर कहा तक जा सकता है।। कहा हो सकता है।**जहां तक आपके विचार जाते है।। वहां तक ईश्वर है।**आज से जब भी आप के मन मे कोई दुर्भावना, क्रोध उत्पन्न हो तो ये जरूर याद कर लेना की ईश्वर यहां भी है।।*. *निर्णय आपका**स्वयं विचार करे*: *यात्रा बहुत छोटी है*एक बुजुर्ग महिला बस में यात्रा कर रही थी। अगले पड़ाव पर, एक मजबूत, क्रोधी युवती चढ़ गई और बूढ़ी औरत के बगल में बैठ गई। उस क्रोधी युवती ने अपने बैग से कई बार चोट पहुंचाई।जब उसने देखा कि बुजुर्ग महिला चुप है, तो आखिरकार युवती ने उससे पूछा कि जब उसने उसे अपने बैग से मारा तो उसने शिकायत क्यों नहीं की?बुज़ुर्ग महिला ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया: "इतनी तुच्छ बात पर चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि आपके बगल में मेरी यात्रा बहुत छोटी है, मैं अगले पड़ाव पर उतरने जा रही हूं।"यह उत्तर सोने के अक्षरों में लिखे जाने के योग्य है: "इतनी तुच्छ बात पर चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हमारी यात्रा एक-साथ बहुत छोटी है।"*हम में से प्रत्येक को यह समझना चाहिए कि इस दुनिया में हमारा समय इतना कम है कि इसे बेकार तर्कों, ईर्ष्या, दूसरों को क्षमा न करना, असंतोष रखना और बुरा व्यवहार दर्शाना आदि में खर्च करना, ऊर्जा की हास्यास्पद बर्बादी है।**क्या किसी ने आपका दिल तोड़ा?*शांत रहें।**यात्रा बहुत छोटी है।**क्या किसी ने आपको धोखा दिया,धमकाया, धोखा दिया या अपमानित किया? आराम करें - तनावग्रस्त न हों**यात्रा बहुत छोटी है।*क्या किसी ने बिना वजह आपका अपमान किया? शांत रहें। इसे नजरअंदाज करो।यात्रा बहुत छोटी है।क्या किसी पड़ोसी ने ऐसी टिप्पणी की जो आपको पसंद नहीं आई? शांत रहें। उसकी ओर ध्यान मत दो। उसे माफ कर दो।यात्रा बहुत छोटी है।किसी ने हमें जो भी समस्या दी है, याद रखें कि हमारी यात्रा उसके साथ बहुत छोटी है।हमारी यात्रा की लंबाई कोई नहीं जानता। कोई नहीं जानता कि वह अपने पड़ाव पर कब पहुंचेगा।हमारी एक-साथ यात्रा बहुत छोटी है।*आइए हम दोस्तों और परिवार की सराहना करें।**आइए हम आदरणीय, दयालु और क्षमाशील बनें।**क्योंकि आखिरकार हम कृतज्ञता और आनंद से भर जाएंगे after all**हमारी एक-साथ यात्रा बहुत छोटी है।**अपनी मुस्कान सबके साथ बाँटिये ना....**हमारी यात्रा बहुत छोटी है!*बाल वनिता महिला आश्रम*जिन्दगी दो पल की*❣*"खुश रहिये मुस्कुराते रहिये...✍️*

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि शुरू होती है.By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब इस बार आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 11 जुलाई 2021 दिन रविवार से शुरू होकर 18 जुलाई 2021 दिन रविवार को समाप्त होगी.बाल वनिता महिला आश्रम